फोटो गैलरी

Hindi News ओपिनियन विदेशी मीडियाआपसी कारोबार को प्रोत्साहन

आपसी कारोबार को प्रोत्साहन

भारत में निवेश को बढ़ावा देने वाले जरूरी नीतिगत ढांचे और दिशा-निर्देशों पर चर्चा करने के लिए अक्तूबर के आखिरी दो दिन दुबई में इंडिया-यूएई पार्टनरशिप समिट का आयोजन किया गया। इसमें दोनों देशों के वरिष्ठ...

आपसी कारोबार को प्रोत्साहन
गल्फ न्यूज, संयुक्त अरब अमीरातThu, 02 Nov 2017 09:54 PM
ऐप पर पढ़ें

भारत में निवेश को बढ़ावा देने वाले जरूरी नीतिगत ढांचे और दिशा-निर्देशों पर चर्चा करने के लिए अक्तूबर के आखिरी दो दिन दुबई में इंडिया-यूएई पार्टनरशिप समिट का आयोजन किया गया। इसमें दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी और नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण दखल रखने वाले लोग शामिल हुए। यह उच्चस्तरीय बैठक उस हालिया घोषणा के बाद बुलाई गई, जिसमें कहा गया था कि अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी भारत में एक अरब अमेरिकी डॉलर (3.67 अरब दिरहम) का निवेश करेगा। बैठक की थीम ‘इन्वेस्टमेंट इम्प्लिमेंटेंशन’ रखी गई थी और इसमें शामिल प्रतिनिधियों ने चर्चा यह की कि भारत में चल रही महत्वपूर्ण परियोजनाओं को आखिर कैसे अमीरात के कारोबारियों द्वारा आर्थिक मदद पहुंचाई जाए और उन्हें जल्द से जल्द पूरा किया जाए। यह कवायद महत्वपूर्ण मानी जा सकती है, खासकर इसे यदि क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की इस साल जनवरी में हुई भारत की यात्रा की रोशनी में देखा जाए। इससे पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साल 2015 में संयुक्त अरब अमीरात का ऐतिहासिक दौरा कर चुके हैं। यह बताता है कि दोनों मुल्कों के बीच संबंध कितने गहरे हैं। जहां तक अमीरात की बात है, तो उसके लिए भारत हमेशा से दुनिया का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी रहा है। व्यापारिक रिश्तों की जडें़ दशकों पुरानी हैं और अमीरात अब भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का दसवां सबसे बड़ा स्रोत बन गया है। रिपोर्टों की मानें, तो विदेशी निवेश को बढ़ावा देने वाली भारतीय इकाई ‘इन्वेस्ट इंडिया’ का लक्ष्य देश में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश हासिल करना है, जिसमें से 85 अरब डॉलर के निवेश का वादा 600 से अधिक बड़ी कंपनियों ने पहले से ही कर दिया है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा में अमीरात महत्वपूर्ण मदद तो करता ही है, अब यह उसको कच्चा तेल निर्यात करने वाला पांचवां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता मुल्क भी बन गया है। ऐसे में, उम्मीद यही है कि आपसी रिश्तों की यह गाड़ी आगे बढ़ेगी। दोनों मुल्कों के संबंधों में गरमाहट तय है, क्योंकि 25 लाख से अधिक प्रवासी भारतीयों का ठिकाना यूएई ही है।   
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें