छात्र लीग की गुंडागर्दी
ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में पिटाई से बुरी तरह जख्मी मेधावी छात्र एहसान रफीक को न्याय की दरकार है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ होता नहीं दिखा। रफीक को पिछले दिनों छात्र लीग कार्यकर्ताओं ने मामूली से...
ढाका यूनिवर्सिटी परिसर में पिटाई से बुरी तरह जख्मी मेधावी छात्र एहसान रफीक को न्याय की दरकार है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ होता नहीं दिखा। रफीक को पिछले दिनों छात्र लीग कार्यकर्ताओं ने मामूली से विवाद में इतना पीटा कि आपदा प्रबंधन का यह छात्र बुरी तरह घायल है और उसकी एक आंख की रोशनी लगभग चली गई है। अखबारों में छपी फोटो उसके साथ हुई बर्बरता का बयान हैं। उसकी आंखों की रोशनी शायद वापस आ भी जाए, लेकिन इसके लिए उसे विदेश जाने की जरूरत है और उसकी पारिवारिक स्थिति ऐसी नहीं कि घरवाले उसके महंगे इलाज का खर्च उठा सकें। उसके पिता की आर्थिक सहायता की अपील का भी कोई नतीजा नहीं निकला है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन इस मामले में सहानुभूति दिखाते हुए एक संभावनाशील छात्र की आंख बचाने की दिशा में सहयोग करेगा। याद रखना चाहिए कि यह महज एक आंख का नहीं, एक युवा के भविष्य का मामला भी है और सुरक्षा में चूक के कारण विश्वविद्यालय इसके लिए जवाबदेह है। इसे एक मेधावी छात्र की जघन्य तरीके से पिटाई, उसकी आंख जाने के हालात में महज आर्थिक मदद का मामला नहीं समझा जाना चाहिए, वरन यह एक निरीह और बेगुनाह को इंसाफ दिलाने के साथ परिसर के अनुशासन का मामला भी है। ऐसे में, जरूरी है कि इस रिपोर्ट पर तत्काल कार्रवाई हो और इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन को आगे बढ़कर एक्शन लेना चाहिए। अपराधियों को जल्द से जल्द और सख्त सजा देकर एक नजीर पेश की जानी चाहिए, जो न सिर्फ इस गंभीर अपराध के अनुकूल हो, बल्कि परिसर के अंदर या बाहर भी ऐसी घटनाएं करने वालों के लिए भी एक सबक बन सके। उन्हें एहसास कराना होगा कि उनकी हरकतों से न सिर्फ एक छात्र की आंख की रोशनी गई है बल्कि उसकी भविष्य की संभावनाएं भी धूमिल हो गई हैं। परिसर में छात्र गुटों की बढ़ती गुंडागर्दी को रोकने के लिए भी इस मामले में सख्त कार्रवाई की दरकार है।