हिंदी एक बार फिर ठुकी। एक बार फिर हिंदी के लिए कोई बड़ा लेखक नहीं बोला। क्यों? क्योंकि हिंदी में जितने लेखक हैं, उनमें से अधिकांश हिंदी के ‘फेक’ लेखक हैं। असली हिंदी लेखक नहीं हैं। अगर असली लेखक...
Sat, 21 May 2022 10:43 PMएक बार फिर मैं रह गया। एक बार फिर मौका चूक गया। अब मैं न कभी ‘महान’ बन सकूंगा और न ‘शहीद’ कहला सकूंगा। सोचता था, एक दिन मैं भी इतिहास में छलांग लगाऊंगा और वह करूंगा, जो सभी महानों ने किया.....
Sat, 14 May 2022 08:41 PMजब से हनुमान चालीसा के ‘पाठ’ ने हलचल मचाई है, तभी से सोच रहा हूं कि अपना भी एक ‘लेखक चालीसा’ लिख डालूं और तुलसी बाबा की लाइन में शामिल हो जाऊं!.....................................
Sat, 07 May 2022 08:15 PMएक बडे़ लेखक की किताब आई है। जब से आई है, तभी से परेशान हूं कि अब फिर कुछ लिखना पडे़गा, यानी उनकी ‘भूरि-भूरि’ करनी पडे़गी। लेकिन इस बार मेरा मन अटक गया है- आखिर कब तक करता रहूं मैं उनकी पूजा-अर्चना?..
Sat, 30 Apr 2022 08:59 PMकैसा रचनात्मक समय है कि लेखक की जरूरत ही नहीं है। लेखक किराए पर, ऑर्डर पर उपलब्ध हैं, ‘ऑनलाइन’ उपलब्ध हैं। आपको सिर्फ ऑर्डर देना है- कवि बनें या कहानीकार बनें या समीक्षक बनें, जो चाहें सो बनें.......
Sat, 23 Apr 2022 09:03 PMइन दिनों पता ही नहीं चलता कि कौन किसके ‘ब्रूयात्’ को कब ‘अप्रिय’ मान बैठे और दुश्मनी पाल ले, और मौका मिलते ही ठिकाने लगा दे! इसी कारण कुछ भी लिखने से डरता हूं। क्या लिखूं? क्या न लिखूं?
Sat, 16 Apr 2022 09:36 PMयह दूसरी बार था, जब उन्होंने खुद बताया कि उनका नाम चल रहा है और जरा खुलकर बताया कि हां, मेरा नाम चल रहा है। पहली बार जब बताया था, तब उससे पहले अखबार में उनके नाम के चलने की खबर आ चुकी थी, और उस खबर का
Sat, 09 Apr 2022 10:14 PMजब उन्होंने खुद बताया कि उनका नाम चल रहा है और जरा खुलकर बताया कि हां, मेरा नाम चल रहा है। पहली बार जब बताया था, तब उससे पहले अखबार में उनके नाम के चलने की खबर आ चुकी थी, और उस खबर का असर ऐसा था कि उस
Sat, 09 Apr 2022 10:08 PMहिंदी का हरेक लेखक अपना मूल्यांकन कराने के लिए तड़पता रहता है कि कोई आए और उसकी प्रतिभा को समझे, उसका मूल्यांकन करे, मूल्यांकन यानी ‘सही मूल्यांकन’, यानी वैसा मूल्यांकन जैसा वह चाहता है।
Sat, 02 Apr 2022 09:34 PMहिंदी भी बड़ी ‘मिथकीय’ भाषा है। यहां सब अपने-अपने ‘मिथकों’ में रहते हैं। लेखक प्रकाशक के मिथक में रहता है, प्रकाशक लेखक के मिथक में रहता है। पहले दोनों में ‘बनती’
Sat, 26 Mar 2022 11:16 PMनया लेखक वीर प्रवृत्ति का है। वह पहले किसी को ठोकता है, फिर बोलता है, मैं उसे ठोक रहा हूं और तुम चुप हो? क्यों? क्योंकि तुम कायर हो, सत्ता के गुलाम हो, ताकतवर से डरते हो, पर मैं नहीं डरता। मैं आज के...
Sat, 19 Mar 2022 09:32 PMहाय! एक बार फिर मेरे कीमती हस्ताक्षर काम न आए। कितना सोच-विचार करने के बाद, कितने चिंतन-मनन के बाद मित्रों के हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुआ था और किस उछाह के साथ मैंने हस्ताक्षर किए थे! सोचता था,...
Sat, 12 Mar 2022 08:44 PMएक लेखक ऑटो से जा रहा है, दूसरा अपनी नैनो को दौड़ा रहा है, तीसरा मेट्रो से पहुंच रहा है, चौथा बस में लटककर जा रहा है, और ये सभी दिल्ली की दक्खिनी दिशा में जाते दिखते हैं। लेखकों का ऐसा उल्लास देख मेरा...
Sat, 05 Mar 2022 09:01 PMकिसे साम्राज्यवादी कहूं, किसकी निंदा करूं? किसे मुर्दाबाद कहूं, किसे जिंदाबाद, समझ नहीं आ रहा है। कवि हूं, कहानीकार हूं, आलोचक हूं, यानी ‘थ्री इन वन’ हूं- जब राजनीति ‘अंधेरे...
Sat, 26 Feb 2022 09:39 PMमित्रो, न यह शिवशंभु का चिट्ठा है, न परसाई जी का कोई व्यंग्य कि पढ़ूं और आनंद लूं, और न मैं किसी चंडू खाने में हूं कि हर बात पर हंसने लगूं, लेकिन मेरी हंसी है कि रुकती ही नहीं। विचारों की ऐसी तेज...
Sat, 19 Feb 2022 09:47 PMजब-जब अपने वाट्सएप पर ‘कविता समय’ टाइप निमंत्रण देखता हूं, तो झटका सा लगता है। कहीं कविता का ‘समय’ तो नहीं आ गया? कहीं उसकी चला-चली की बेला तो नहीं आ गई? हो सकता है, दवाएं असर...
Sat, 12 Feb 2022 08:53 PMमान न मान, मैं तेरा मेहमान। अभी मान, मुझे महान। न मानेगा महान, तो तेरा हुक्का-पानी बंद। तेरी ऐसी की तैसी। तेरे से हलो-हाय बंद। तेरे से बातचीत बंद। तेरा अकाउंट ब्लॉक्ड। या तो मुझे महान बना, नहीं तो...
Sat, 05 Feb 2022 08:55 PMमुझे कोई देता, तो क्या लौटाता? क्या ऐसी बचकानी खबर बनाता? और, क्या इतनी देर तक चर्चा करवाता? हरगिज नहीं! मैं कभी न लौटाता। कारण कि एक तो आजकल ‘दाता’ नहीं बचे, और ‘पाता’ भी इस...
Sat, 29 Jan 2022 09:22 PMसब लड़ रहे हैं, तो लेखक क्यों न लड़े! जब से लड़की हूं, लड़ सकती हूं जैसी नारीवादी काव्य पंक्ति राजनीति में आई है, तभी से सोच रहा हूं कि जब एक काव्यात्मक पंक्ति राजनीति को बदलने का दावा कर सकती है, तब...
Sat, 22 Jan 2022 08:54 PMअच्छे साहित्यकार अपने हानि-लाभ का हिसाब रखते हैं। क्या लिखने से क्या कुछ मिलेगा? क्या लिखने से कौन खुश होगा? कौन सी लाइन लेने से मेरा इष्ट मुझे मिल जाएगा? कई तो कैलकूलेट करके चलते हैं कि भविष्य का...
Sat, 15 Jan 2022 09:27 PM