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बदलाव की दिशा में छह महीने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने 30 नवंबर, 2019 को बड़ी उपलब्धियों के साथ सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। छह माह की इस छोटी सी अवधि में ही 'मोदी...

बदलाव की दिशा में छह महीने
प्रकाश जावडे़कर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, पर्यावरण मंत्रीMon, 02 Dec 2019 10:32 PM
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के छह महीने 30 नवंबर, 2019 को बड़ी उपलब्धियों के साथ सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। छह माह की इस छोटी सी अवधि में ही 'मोदी 2.0' ने अनेक ऐसे ऐतिहासिक फैसले किए हैं, जो लोगों के जीवन में व्यापक सकारात्मक बदलाव लाने में सक्षम हैं। सरकार के सभी फैसलों का अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्धांत और भावना 'इंडिया फस्र्ट' रही है। ‘सबका साथ सबका विकास' के व्यापक विजन के साथ सरकार अपने सभी अहम मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने और इसके साथ ही 'सबका विश्वास' हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

भाजपा के अनेक प्रमुख वादे पहले ही पूरे किए जा चुके हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण अनुच्छेद 370 और 35-ए को निरस्त किया जाना और तीन तलाक विधेयक का पारित कराना तथा मुस्लिम महिलाओं के साथ भेदभाव समाप्त कर उन्हें न्याय दिलाना है, जिनका सभी ने स्वागत किया है। इस छह माह के कार्यकाल के दौरान देशवासियों ने अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले को भी बड़ी उत्सुकता और सकारात्मकता के साथ सुना, जिसने 'राम जन्मभूमि' पर एक 'अत्यंत भव्य राम मंदिर' के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। कुछ धुर राजनीतिक विरोधियों ने अयोध्या पर फैसला आने में अधिक से अधिक देरी कराने के लिए अपनी ओर से कोई भी कसर नहीं छोड़ी थी। जैसा कि प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' कार्यक्रम में उल्लेख किया है, अयोध्या पर फैसला आने के बाद देशवासियों ने शांति और सौहार्द बनाए रखने की जो अनूठी मिसाल पेश की, वह 'भारतीय लोकतंत्र' की मजबूती एवं ताकत का एक अहम प्रमाण है।  

'एक राष्ट्र, एक ध्वज, एक संविधान' की सरकार की पहल अब वास्तविकता है। निश्चित तौर पर वह एक ऐतिहासिक पल था, क्योंकि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के लिए भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किया गया विधेयक संसद में ध्वनि मत से पारित हो गया। भारत शीघ्र ही पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के पथ पर बढ़ रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के रणनीतिक विनिवेश जैसे बडे़ फैसलों और कर, श्रम व बैंकिंग जैसे अहम सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था निरंतर मजबूत हो रही है। कॉरपोरेट टैक्स को मौजूदा कंपनियों के लिए घटाकर 22 प्रतिशत और नई घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए घटाकर 15 प्रतिशत के स्तर पर ला दिया गया है। भारत भी अब सबसे कम टैक्स दरों वाले देशों में शुमार हो गया है। इससे अब हम सबसे स्पद्र्धी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गए हैं।  

बैंकिंग सेक्टर की माली हालत ठीक करने के लिए मेगा बैंक विलय का दौर अब शुरू हो गया है। इस दिशा में अहम कदम उठाते हुए बैंकिंग सेक्टर की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए 10 बैंकों का विलय कर दिया गया है। वर्ष 2019-20 के दौरान बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की नई पूंजी मुहैया कराई जाएगी। सरकार ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत त्वरित विवाद समाधान को भी काफी बढ़ावा दिया है। इसकी बदौलत विवादों के समाधान और संबंधित सिस्टम को दुरुस्त करने में औसतन सिर्फ 374 दिन लगते हैं। 

भारत तेजी से दुनिया में अपनी धाक जमा रहा है। ‘कारोबार में सुगमता’ और ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ जैसे विभिन्न वैश्विक सूचकांकों में भारत द्वारा कई पायदानों की जोरदार व आकर्षक छलांग लगाना इस तथ्य के अकाट्य प्रमाण हैं। भारत अब विश्व बैंक की ‘डूइंग बिजनेस रिपोर्ट (डीबीआर) 2019’ में 190 देशों में 63वें पायदान पर है। 

भारत ने तीन वर्षों में ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में 67 पायदानों की ऊंची छलांग लगाई है। यह वर्ष 2011 के बाद से लेकर अब तक किसी भी बड़े देश की सबसे ऊंची छलांग है। भारत में अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप परिवेश है। भारत ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक’ में वर्ष 2015 के 81वें पायदान से अत्यंत ऊंची छलांग लगाकर वर्ष 2019 में 52वें पायदान पर आ गया है। आईएमडी के ‘विश्व डिजिटल प्रतिस्पद्र्धी क्षमता सूचकांक 2019’ में भारत 2018 के 48वें पायदान से उल्लेखनीय छलांग लगाकर अब 44वें पायदान पर जा पहुंचा है। एक और अहम बात। डब्ल्यूईएफ के ‘ट्रेवल एवं पर्यटन प्रतिस्पद्र्धी क्षमता सूचकांक 2019’ में भी भारत वर्ष 2015 के 52वें पायदान से आकर्षक छलांग लगाकर अब 34वें पायदान पर पहुंच गया है। 

देश में किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने एक अनूठी ‘पीएम किसान योजना’ शुरू की है, जिसमें प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की इनपुट (कच्चा माल) सहायता सभी किसानों को दी जा रही है। इस योजना में अब देश के सभी 14.5 करोड़ किसानों को शामिल कर लिया गया है। सभी तरह के विवादों पर विराम लगाते हुए सरकार ने भारत में ‘राफेल’ का आगमन सुनिश्चित कर दिया है। इसके साथ ही सरकार पर झूठे आरोप लगाने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी गई हैं।  

जनता की भागीदारी में पूर्ण विश्वास से लोगों का नजरिया बदलने का भी बड़ा काम हुआ है। ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और लोगों द्वारा शौचालयों का उपयोग इसका सबसे बड़ा प्रमाण है। अब प्रधानमंत्री ने ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर रोक लगाने’ का आह्वान किया है। सिर्फ 15 दिनों के संक्षिप्त अभियान के दौरान 13,000 टन प्लास्टिक कचरा एकत्र कर लिया गया। यह निश्चित तौर पर बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने लोगों से ‘प्लॉगिंग’ यानी जॉगिंग या टहलने के दौरान सड़कों या रास्तों पर पडे़ ‘पॉलीथिन’ को चुनने और फिर उनका सटीक निपटान करने की भी अपील की है। 

वैसे तो छह महीने की अवधि काफी छोटी होती है, लेकिन जब हम ताजा बदलावों पर गौर करते हैं, तो यही पाते हैं कि मोदी सरकार 2.0 ने इस छोटी सी अवधि में ही कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं। 
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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