प्याली में तूफान खबरें

कोरोना डायरी-17 : जहानाबाद की माँ का दर्द समझें 

11 अप्रैल 2020,  शाम 4.30 बजे । बरसों पहले एक फिल्म देखी थी- मशाल। उस फिल्म के एक दृश्य में दिलीप कुमार अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल पहुंचाना चाहते हैं। वह जीवन और मृत्यु के संघर्ष में...

Sat, 11 Apr 2020 07:36 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-16 : इंसान और जानवर का फ़र्क़ 

9 अप्रैल 2020, रात  8 बजे । महामारी ने लोगों की मति मारनी शुरू कर दी है। सामाजिक रिश्ते तो अपनी जगह हैं, तमाम जगहों पर पारिवारिक और मानवीय संबंध भी उथले साबित हो रहे हैं। यह दौर अगर लंबा...

Thu, 09 Apr 2020 09:04 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-15 :महामारी के शिकार महामारी रच रहे

8 अप्रैल 2020, प्रात: 8.30 बजे शक का जहर अगर समूचे समाज में फैल जाए, तो जान लीजिए कि आप उस स्थिति में पहुंच गए हैं, जहां से वापसी आसान नहीं होती। वैसे भी आपसी विश्वास के तंतु कच्चे धागों से बिने...

Wed, 08 Apr 2020 10:29 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-14 : आपदा से उपजती आशंकाँए

7 अप्रैल 2020, दोपहर-2 बजे। सूरज के सातवें घोड़े की तरह सरपट दौड़ते वक्त ने अपनी कांख में ऐसा गहरा गड्ढा छुपा रखा होगा, जिसमें समूची धरती के वाशिंदे एकसाथ समा जाएंगे, क्या ऐसा किसी ने सोचा था? समय...

Tue, 07 Apr 2020 08:29 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-13 : नौ मिनट का प्रकाश पर्व 

5 अप्रैल 2020. रात 9.30 बजे । ऐसा लगता है, जैसे समूचा देश रात के नौ बजने का इंतजार कर रहा था। महानगरों की बहुमंजिला रिहायशें हों या फिर गांवों की झोपड़ियां, एकसाथ लोग अपने-अपने दरवाजों,...

Sun, 05 Apr 2020 09:43 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-12 : डंडे और फोटो का फर्क

4 अप्रैल 2020, शाम  7 बजे  कोरोना का दानवी पंजा अपनी पकड़ हर रोज मजबूत करता जा रहा है। ऐसे मे जरूरी है कि इंसान, इंसान के करीब आए पर ऐसा हो कहां रहा है? कल से आज तक खबरों के महासागर...

Sat, 04 Apr 2020 10:31 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-11 : जिरह बख्तर में जहालत

2 अप्रैल 2020, रात 9 बजे । कोरोना की कालिख गहरी होती जा रही है। ये सिर्फ महामारी भर नहीं रह गई है। इसने समाज, सरकार, सरोकार और इंसानी संवेदनाओं पर अपना घातक पंजा जमा दिया है। यह समय मानवता के...

Thu, 02 Apr 2020 10:55 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-10 : जमात को जो सोचना था 

31 मार्च 2020,  रात 9 बजे । मैंने कल भी सवाल उठाया था, मानवता बड़ी या धार्मिक कर्मकांड? आज यह प्रश्न कनपटी पर पड़े किसी झन्नाटेदार तमाचे की भांति लोगों के दिमाग को सनसना रहा है। कल दिल्ली में...

Tue, 31 Mar 2020 11:48 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 9 : मानवता और मजहब का फर्क

30 मार्च 2020, रात 2.30 बजे। आजकल दिन बंजर और रातें बाँझ हो गयी हैं।सुबह उठता हूं। कुछ कसरत करता हूं। नीचे गेट पर जाकर अखबार चुनता हूं। चुनना इसलिए पड़ता है क्योंकि सोसायटी वालों ने बाहर से...

Mon, 30 Mar 2020 11:47 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी-8 :  सत्य, भ्रम और अवसाद के बीच

29 मार्च 2020, रात 8.30 बजे आघात लगते ही आती है मूर्छा। मूर्छा के बाद कुछ कर गुजरने की लालसा और अंत में असलियत का अहसास । असलियत की कठोरता मन में दहशत रोपती चली जाती है। समूची दुनिया इस समय...

Sun, 29 Mar 2020 11:57 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी -7 : जो काम का नहीं, वो नाम का भी नहीं

28 मार्च 2020, रात 8 बजे  लॉकडाउन आज अपना चौथा दिन तमाम कर  रहा है।पुलिस की कड़ी नाकेबंदी के बावजूद दिल्ली  की सीमा पर लाखों जलावतन मजदूरों की भीड़ जमा है। वे अपने कुटुंब को...

Sun, 29 Mar 2020 12:19 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 1 : बेहाली की अंधी सुरंग

22 मार्च, 2020 : चारों ओर गहरा- काला सन्नाटा पसरा हुआ है। कोरोना की जिस महामारी को हमने सिर्फ चीन और उसके पड़ोसी देशों की समस्या समझा था, वह हमारे घर आ घुसी है। पता नहीं आस-पास विचर रहे लोगों में...

Sat, 28 Mar 2020 04:43 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 2: अभिशाप के चलते-फिरते शिकार

23 मार्च 2020, रात्रि-01 बजे नींद नदारद है। रात 10.30 से पहले बत्ती बुझा दी थी। सोचा था, आँख लग जाएगी पर नहीं। खबरों के मौसम में मैं उत्तेजित हो उठता हूं। समाचारों की बारिश मुझे उत्तप्त करती...

Sat, 28 Mar 2020 04:43 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 3 : पैसे हर जरूरत कहाँ पूरी करते हैं

24 मार्च 2020, रात 8.30 बजे अभी-अभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपना उद्बोधन खत्म किया है। उन्होंने घोषणा की कि पूरे देश के लोगों को आज रात 12 बजे से आने वाले 21...

Sat, 28 Mar 2020 04:42 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 4 : जानलेवा परायेपन के बीच

25 मार्च 2020, रात 9 बजे  वे हमें शाहजहांपुर में मिले। लॉकडाउन की घोषणा होते ही उनके मालिकों ने उन्हें कुछ पैसे देकर चलता कर दिया था ।ट्रेनें बंद हो चुकी थीं। बसें थीं नहीं और कोई परिवहन...

Sat, 28 Mar 2020 04:42 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 5 : राजनीति नहीं, राष्ट्रनीति का वक्त

26 मार्च 2020, शाम 7 बजे । वह सदमे में थीं। कई दिनों के सन्नाटे ने उनकी शारीरिक क्षमता पर असर डालना शुरू कर दिया था। डॉक्टरों के अनुसार 22 मार्च को उनकी डिलिवरी होनी थी पर 25 तारीख हो गई थी। प्रसव...

Sat, 28 Mar 2020 04:41 PM
shashi shekhar

कोरोना डायरी 6 : साधन हमें भीरु बनाते हैं

27 मार्च 2020, रात 9 बजे । शंकर शेष का एक नाटक है- सिंहासन खाली है’। इस नाटक को मंचित करते समय बोला गया एक संवाद दिल को छू गया था- मौत हर चेहरा नोचकर फेंक देती है। 42-43 साल बाद यह...

Sat, 28 Mar 2020 04:41 PM