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Hindi News ओपिनियन नजरियाएक रंगारंग आयोजन को हाथों-हाथ लेने की तैयारी

एक रंगारंग आयोजन को हाथों-हाथ लेने की तैयारी

ट्वंटी-20 विश्व कप के स्थगित होते ही आईपीएल के 13वें सत्र के आयोजन की तैयारियों में तेजी आ गई है। आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने इसे 19 सितंबर से 8 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित करने...

एक रंगारंग आयोजन को हाथों-हाथ लेने की तैयारी
मनोज चतुर्वेदी, वरिष्ठ खेल पत्रकारSun, 26 Jul 2020 10:22 PM
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ट्वंटी-20 विश्व कप के स्थगित होते ही आईपीएल के 13वें सत्र के आयोजन की तैयारियों में तेजी आ गई है। आईपीएल के चेयरमैन बृजेश पटेल ने इसे 19 सितंबर से 8 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में आयोजित करने की घोषणा कर दी है। हालांकि, इस आयोजन के लिए सरकार की अनुमति का इंतजार है, पर जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं, उनसे लगता है कि बीसीसीआई को अनुमति मिल जाने का पूरा भरोसा है। यह सही है कि यूएई में 2014 में आईपीएल के कुछ मैचों का आयोजन हो चुका है, पर इस बार कोविड-19 के कारण यह आसान नहीं होगा। हां, इतना जरूर है कि इस बार का आयोजन आईपीएल के पिछले संस्करणों से भिन्न होगा। बीसीसीआई को मैच से ज्यादा इंतजाम स्टेडियम के बाहर करने होंगे। फें्रचाइजियों को भी इस बार ज्यादा खिलाड़ी साथ रखने होंगे, क्योंकि किसी खिलाड़ी के कोरोना पॉजिटिव आ जाने पर उसे आइसोलेशन में भेजना जरूरी हो जाएगा। फिर बार-बार टेस्ट होने से खिलाड़ियों के ऊपर भी मानसिक दबाव बना रहेगा। मगर इतना जरूर है कि इंग्लैंड जैसी व्यवस्था करके खिलाड़ियों को दबाव मुक्त किया जा सकता है, पर इसके लिए प्रॉटोकोल को सख्ती से लागू करना पड़ेगा। 
आईपीएल क्रिकेट और मनोरंजन का मिला-जुला रूप है। इसे देखने के लिए पहुंचने वाले हजारों दर्शकों में तमाम ऐसे होते हैं, जो क्रिकेट की बजाय मैच के माहौल का लुत्फ उठाने जाते हैं। अव्वल तो यूएई में भारत जैसा माहौल मिलना संभव नहीं है, फिर यदि वहां की सरकार दर्शकों को स्टेडियम में आने की अनुमति दे देती है, तब भी सोशल डिस्टेंसिंग को अपनाने से स्टेडियम में एक चौथाई दर्शक ही आ सकेंगे। बीसीसीआई के सामने सबसे महत्वपूर्ण काम होगा, खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ, टीम प्रबंधन से जुड़े लोगों को ठहरने के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराना। इस संबंध में ईसीबी ने इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज के बीच टेस्ट सीरीज के दौरान बहुत अच्छा काम किया है, मगर ईसीबी जैसा जैव सुरक्षित माहौल यूएई में बनाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसकी वजह यह है कि इंग्लैंड में सीरीज के दौरान दोनों टीमों को आयोजन स्थल पर ही ठहराया गया, जबकि आईपीएल में आठ टीमों को एक जगह ठहराना संभव नहीं है। 
आईपीएल शुरू होने से पहले बीसीसीआई को एक बड़ा काम दुनिया भर से क्रिकेटरों, सपोर्ट स्टाफ, कमेंटेटरों व अन्य अधिकारियों को यूएई पहुंचाने का करना होगा। अभी ज्यादातर देशों में उड़ान की शुरुआत हुई नहीं है। बताया जा रहा है कि फ्रेंचाइजियों से निजी विमानों की व्यवस्था करने को कहा गया है। यही नहीं, इन सभी को लाने से पहले 72 घंटों में दो बार कोविड टेस्ट भी करना होगा। कोविड टेस्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें विमान में चढ़ने की अनुमति मिलेगी। हां, इतना जरूर है कि यूएई में कोविड टेस्ट निगेटिव लेकर आने वालों को क्वारंटीन में नहीं रहना पडे़गा। हालांकि, कुछ फ्रेंचाइजी मालिक तो आयोजन से जुड़ने वालों, खासकर खिलाड़ियों के रोजाना कोविड टेस्ट का सुझाव दे रहे हैं। लिहाजा यह देखने वाली बात होगी कि बीसीसीआई इस संबंध में क्या दिशा-निर्देश जारी करता है? 
आईपीएल बीसीसीआई ही नहीं, दुनिया भर के क्रिकेटरों व पूर्व क्रिकेटरों के लिए क्या मायने रखता है, यह कोई छिपी बात नहीं है। यह अच्छी-खासी कमाई का साधन है। यही वजह है कि ज्यादातर क्रिकेटर ट्वंटी-20 विश्व कप की बजाय आईपीएल के आयोजन के पक्षधर थे। निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक इसे मार्च में आयोजित होना था और चूंकि बीसीसीआई प्रायोजकों से करीब आधी रकम ले भी चुका है, इसलिए वह हर हाल में इस आयोजन के पक्ष में है। यदि यह आयोजन नहीं होता, तो उसे यह रकम लौटानी पड़ सकती थी। वैसे, फ्रेंचाइजी को मौजूदा माहौल में प्रायोजक तलाशने में दिक्कत हो सकती है, पर इंग्लैंड-वेस्ट इंडीज टेस्ट सीरीज को टीवी दर्शकों ने जिस तरह से हाथों-हाथ लिया है, उससे लगता नहीं है कि आईपीएल देखने वालों में कोई कमी आएगी। 
आईपीएल का आयोजन यदि सफलतापूर्वक हुआ, तो अन्य खेलों के लीग आयोजनों की भी मांग तेज होगी। क्रिकेटर ही नहीं, आज अन्य खेलों के खिलाड़ी भी बहुत उम्मीद लगाए बैठे हैं। खेल आयोजन बढ़े, तो महामारी के समय लोगों का मनोबल और उत्साह भी बढ़ेगा। 
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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