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लक्षद्वीप के बिखरे टापुओं को ज्यादा संवेदना चाहिए

लक्षद्वीप गलत कारणों से चर्चा में है। लोगों के कल्याण से जुडे़ किसी भी सार्वजनिक कार्यालय में पहले कुछ महीने स्व-शिक्षा में व्यतीत होते हैं। उन क्षेत्रों को समझने में और अधिक समय लगता है, जो अलग-अलग...

लक्षद्वीप के बिखरे टापुओं को ज्यादा संवेदना चाहिए
ओमेश सैगल, पूर्व प्रशासक, लक्षद्वीपTue, 08 Jun 2021 11:43 PM
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लक्षद्वीप गलत कारणों से चर्चा में है। लोगों के कल्याण से जुडे़ किसी भी सार्वजनिक कार्यालय में पहले कुछ महीने स्व-शिक्षा में व्यतीत होते हैं। उन क्षेत्रों को समझने में और अधिक समय लगता है, जो अलग-अलग द्वीपों में बंटे होते हैं। लेकिन लक्षद्वीप के नए प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के लिए ऐसा नहीं है। अपने पहले पांच महीनों में ही इस प्रशासक ने कई ऐसे कठोर कदम उठाए हैं, जिसने क्षेत्र के शांत पानी में तरंगें पैदा कर दी हैं। यहां सरकार ने आंगनबाड़ियों को बंद कर दिया, वर्षों से इनमें काम करने वाले दर्जनों कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, स्कूलों से मांसाहार परोसने पर रोक लगा दी गई, दर्जनों मछुआरों के शेड ध्वस्त कर दिए गए। पंचायत नियमों में संशोधन किया गया, और लोक निर्माण विभाग के अनुबंधों के साथ छेड़छाड़ की गई। सभी फैसलों में सबसे ज्यादा परेशान करने वाले लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 के मसौदे के प्रावधान हैं।
मसौदे के कुछ हिस्से सिर्फ कट-एंड-पेस्ट का काम लगते हैं, निश्चित रूप से इस क्षेत्र के लिए तैयार नहीं हैं। उदाहरण के लिए, यह मसौदा ‘शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के व्यवस्थित और प्रगतिशील विकास’ और ‘नगरों व ग्रामीण इलाकों के विकास’ की बात करता है (सभी द्वीप ग्रामीण क्षेत्र में हैं); यह ‘भूमि के अधिग्रहण के लिए अतिरिक्त शक्तियों’ को संदर्भित करता है (लगभग सभी 10 द्वीप आबादी क्षेत्र हैं, जहां भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जा सकता)। इसमें आबादी के स्थानांतरण का उल्लेख है, कहां? समुद्र में? और ये एक खराब सोचे-समझे मसौदे के कुछ उदाहरण हैं।
लक्षद्वीप के द्वीपों का एक दिलचस्प ऐतिहासिक और पौराणिक परिदृश्य है। प्रारंभिक खोजकर्ता ‘महिला द्वीपों’ की बात करते हैं। यदि आप किसी भी बसे हुए द्वीप, विशेष रूप से मिनिकॉय की यात्रा करते हैं, तो आपको केवल महिलाएं ही दिखाई देंगी। दिन के दौरान पुरुष मछली पकड़ने के लिए बाहर जाते हैं या अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में नौकायन कर रहे होते हैं। लक्षद्वीप में बाहरी लोगों के आने पर प्रतिबंध क्यों है और बगैर पाबंदी पर्यटन की अनुमति क्यों नहीं दी जा सकती, इसके कई कारण हैं। अक्सर तर्क दिया जाता है कि मालदीव पर्यटकों को आकर्षित कर सकता है, तो लक्षद्वीप क्यों नहीं? मालदीव में 1,200 द्वीप हैं, जिनमें से 1,000 निर्जन हैं, जबकि लक्षद्वीप में केवल 26 हैं; द्वीप के एक जोडे़ को छोड़कर जो पहले से ही पर्यटन स्थल हैं, अन्य बहुत छोटे हैं या उनसे संपर्क करना बहुत मुश्किल है। लक्षद्वीप देश का सबसे घनी आबादी वाला क्षेत्र भी है, जहां प्रति वर्ग किमी 2,000 लोग रहते हैं। इसके अलावा, यह एक भौगोलिक इकाई नहीं है, बल्कि इसमें 10 जन-आबादी वाले द्वीप और कई निर्जन द्वीप शामिल हैं। यह देश की सबसे छोटी प्रशासनिक इकाई है, लेकिन आर्थिक क्षमता के मामले में इसका योगदान बहुत बड़ा है। लक्षद्वीप अरब सागर में देश को लगभग 50,000 वर्ग किमी आर्थिक क्षेत्र जोड़ता है। छोटे पैमाने पर मछली पकड़ने को छोड़कर इसकी क्षमता का दोहन नहीं किया गया है। हम सब जानते हैं कि समुद्र भविष्य हैं; यदि कोई प्राधिकरण स्थापित करना है, तो वह लक्षद्वीप सागर विकास प्राधिकरण होना चाहिए। इसका द्वीपवासियों द्वारा स्वागत किया जाएगा, क्योंकि यह उन्हें रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करेगा। यह स्पष्ट है कि लक्षद्वीप में पहले से विकसित की गई क्षमता से अधिक पर्यटन क्षमता नहीं है। मालदीव के साथ तुलना सतही है। एक अलग देश के रूप में मालदीव के पास कोई विकल्प नहीं है, पर लक्षद्वीप की अर्थव्यवस्था भारत की मुख्य भूमि से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। जैसे, मिनिकॉय, अगत्ती व अन्य द्वीपों के सैकड़ों द्वीपवासी नाविक हैं और वे कोलकाता में जहाजरानी दल के रूप में कार्यरत हैं। यहां के छात्र मुख्य भूमि पर इंजीनियरिंग, चिकित्सा व अन्य उच्च अध्ययन के लिए जाते हैं। वे केंद्रीय नौकरियों के हकदार हैं। इन संबंधों को मजबूत करने की जरूरत है, कमजोर करने की नहीं। जैसे, घर से काम करना अब एक आदर्श बन गया है; यदि इन द्वीपों में आईटी क्षेत्र को मजबूत किया जाता है, तो बड़ी संख्या में युवाओं को घर से काम करके लाभकारी रोजगार मिल सकता है। इन द्वीपों की खासियत के मुताबिक, नए प्रशासक को अपनी प्राथमिकताओं को ठीक करना चाहिए।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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