भारतीय क्रिकेट का बदलेगा चेहरा और ऊंची होगी उड़ान
भारतीय क्रिकेट का चेहरा फिर बदलने वाला है। इसकी छवि पहले से कहीं ज्यादा चमकदार और प्रभावी होने जा रही है। इस लिहाज से अगले एक-दो माह बहुत महत्वपूर्ण हैं। पुरुष क्रिकेट में भारतीय टीम के पास घर में...

भारतीय क्रिकेट का चेहरा फिर बदलने वाला है। इसकी छवि पहले से कहीं ज्यादा चमकदार और प्रभावी होने जा रही है। इस लिहाज से अगले एक-दो माह बहुत महत्वपूर्ण हैं। पुरुष क्रिकेट में भारतीय टीम के पास घर में टेस्ट मैचों में अजेय रहने के सिलसिले को बनाए रखने का मौका है। यह इम्तिहान उन्हें ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम के खिलाफ पास करना है। यह समय भारतीय महिला क्रिकेट के लिए तो ऊंची उड़ान वाला है। जिस तरह से आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट की शक्ल बदली है, उसी तरह पहली बार आयोजित महिला प्रीमियर लीग देश की महिला क्रिकेट में बड़ा बदलाव लाएगी। यही नहीं, पिछले दिनों महिला अंडर-19 टीम ने विश्व चैंपियन बनकर सीनियर महिलाओं को महिला टी-20 विश्व कप में झंडे गाड़ने के लिए प्रेरित किया है।
कल अर्थात 9 फरवरी से ही क्रिकेट का नया दौर शुरू हो जाएगा, जब भारतीय पुरुष टीम अपने घर में ऑस्टे्रलिया से दो-दो हाथ करेगी। 12 फरवरी को महिला क्रिकेट टीम टी-20 विश्व कप में पाकिस्तानी टीम से अपने पहले मुकाबले में उतरेगी और 13 फरवरी को भारत में दुनिया भर की महिला क्रिकेटरों की नीलामी होगी। पहले बात भारत-ऑस्टे्रलिया टेस्ट शृंखला की। भारत को उसके घर में हराना ऑस्टे्रलिया के लिए नाकों चने चबाने जैसा रहा है। यही वजह है, ऑस्ट्रेलिया भारत में वर्ष 2004 के बाद कभी टेस्ट सीरीज नहीं जीत सका है। उन्होंने इन दो दशकों में भारत के खिलाफ उसके घर में सिर्फ एक टेस्ट 2017 की सीरीज में जीता है। भारत के लिए यह सीरीज बहुत मायने रखती है, क्योंकि इसमें 3-1 से सीरीज जीतने से भारत को लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में स्थान मिल जाएगा। भारत को एक दशक से ज्यादा समय से आईसीसी ट्रॉफी जीतने का इंतजार है, उसकी राह इस सीरीज से बन सकती है।
हम सभी जानते हैं कि दुनिया में सबसे ज्यादा पैसा भारतीय क्रिकेट में है और इसमें आईपीएल ने अहम भूमिका निभाई है। आईपीएल में खिलाड़ियों पर हुई धनवर्षा ने उनकी आर्थिक स्थिति को तो सुधारा ही है, साथ ही, प्रतिभाओं की भरमार करके क्रिकेट के स्तर को नई ऊंचाइयां प्रदान करने में अहम भूमिका निभाई है। अब आईपीएल की तर्ज पर ही महिला प्रीमियर लीग का आयोजन 4 मार्च से 26 मार्च तक होगा। जिस तरह से बिग बैश ने ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट की तस्वीर बदली है, उसी तरह का बदलाव भारतीय क्रिकेट में भी देखने को मिल सकता है।
उससे पहले महिला क्रिकेटरों की नीलामी होनी है। यह सही है कि महिलाओं की इस टी-20 लीग में पुरुषों की तरह पैसा नहीं है, लेकिन अच्छी बात है कि महिला क्रिकेट में पैसे की शुरुआत हो रही है। इस लीग में पहली बार पांच टीमें भाग लेंगी। इस लीग की लोकप्रियता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि नीलामी के लिए दुनिया भर की 1,500 क्रिकेटर ने पंजीकरण कराया है। आने वाले दिनों में भारत महिला पेशेवर क्रिकेटर का सबसे संपन्न केंद्र बन जाए, तो कोई आश्चर्य नहीं। पर इससे पहले दक्षिण अफ्रीका में महिलाओं का टी-20 विश्व कप 10 फरवरी से होने जा रहा है। क्या इस बार हमारी टीम का आईसीसी ट्रॉफी जीतने का सपना साकार हो पाएगा? भारतीय टीम टी-20 विश्व कप 2020 में उप-विजेता रही थी। भारत की अब तक की सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेटरों में शुमार मिताली राज भी विराट की तरह अपनी कप्तानी में विश्व कपजीतने के सपने को साकार नहीं कर सकीं। अब यह जिम्मेदारी हरमनप्रीत कौर के कंधों पर है। इस सपने को साकार करने के लिए भारतीय महिला टीम को 12 फरवरी को पाकिस्तान के विरुद्ध अपना अभियान शुरू करना है।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को सेमीफाइनल में स्थान बनाने के लिए ग्रुप बी में पाकिस्तान के अलावा वेस्ट इंडीज, इंग्लैंड और आयरलैंड की चुनौती का सामना करना होगा। कहा जाता है कि किसी भी सफलता के लिए खिलाड़ी का मानसिक रूप से खुश होना जरूरी है। भारतीय महिला क्रिकेटर अपने अभियान का दूसरा मैच खेलने से पहले महिला प्रीमियर लीग की नीलामी में मिली रकम की खुशखबरी पा चुकी होंगी। यह खुशी उन्हें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर सकती है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)