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कपिल या सचिन की तरह विदा नहीं होंगे धौनी

आगामी 7 जुलाई को महेंद्र सिंह धौनी 38 साल के होने जा रहे हैं। यह एक क्रिकेटर के लिए परिपक्व उम्र है। हालांकि धौनी हमेशा की तरह फिट हैं, उनके हाथों और आंखों का तालमेल कायम है। बांग्लादेश के खिलाफ...

कपिल या सचिन की तरह विदा नहीं होंगे धौनी
संदीपन देब, वरिष्ठ पत्रकारTue, 25 Jun 2019 03:25 AM
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आगामी 7 जुलाई को महेंद्र सिंह धौनी 38 साल के होने जा रहे हैं। यह एक क्रिकेटर के लिए परिपक्व उम्र है। हालांकि धौनी हमेशा की तरह फिट हैं, उनके हाथों और आंखों का तालमेल कायम है। बांग्लादेश के खिलाफ अभ्यास मैच में उन्होंने 78 गेंदों में 113 रन जड़ दिए थे, लेकिन क्या वह इस विश्व कप के बाद अलविदा कहने जा रहे हैं? मीडिया पिछले वर्षों से अटकलें लगाता आ रहा है। सचिन तेंदुलकर, कपिल देव और महेंद्र सिंह धौनी, संभवत: तीन सार्वकालिक लोकप्रिय क्रिकेटर हैं। पाठकों की नाराजगी का खतरा मोल लेते हुए भी मुझे कहना है, तेंदुलकर और कपिल को अपने रिटायरमेंट से थोड़ा पहले ही रिटायर हो जाना चाहिए था।

कपिल शायद अतिरिक्त दो वर्ष तक रुके रहे, ताकि सर रिचर्ड हेडली के 431 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ सकें। आज स्टुअर्ट ब्रॉड के भी कम टेस्ट में कपिल से ज्यादा विकेट हैं। तेंदुलकर ने भी अपने 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक और 200वें टेस्ट से दिल लगा रखा था। 370 दिन और 33 पारियों तक इंतजार के बाद उनका 100वां शतक आया, यह उनका दूसरा सबसे धीमा एकदिवसीय शतक था, और यह बांग्लादेश के विरुद्ध भारत की हार का एक मुख्य कारण भी था। यह बांग्लादेश के खिलाफ भारत की महज तीसरी हार थी, और भारत एशिया कप के फाइनल में नहीं पहुंच पाया था। जल्दबाजी में वेस्ट इंडीज के खिलाफ आयोजित शृंखला में उन्हें 200वां टेस्ट खेलवाकर विदाई दी गई।

महेंद्र सिंह धौनी के करियर को उनकी प्रतिभा के साथ-साथ उनकी चतुराई के लिए भी रेखांकित किया जाता है। उनके नेतृत्व में भारत दुनिया में टेस्ट क्रिकेट में 18 महीनों तक नंबर वन रहा था। उसके बाद स्थितियां बदलीं, दिसंबर 2014 में ऑस्ट्रेलिया में शृंखला के बीच धौनी ने तत्काल टेस्ट क्रिकेट से रिटायर होने की घोषणा कर दी। इससे वे आलोचक भी हक्के-बक्के रह गए, जो उन्हें कप्तानी से हटवाने के लिए शोर मचा रहे थे। जनवरी 2017 में वह सीमित ओवर क्रिकेट में भी कप्तानी से हट गए। अब कप्तानी के दबाव के बिना वह अपने खेल पर फोकस कर रहे हैं और अपना अंतिम विश्व कप खेल रहे हैं। विराट कोहली को भी धौनी के अनुभव का पूरा लाभ मिल रहा है। धौनी के अपने लक्ष्य और भारत के हित परस्पर मिले हुए हैं, इसी से कमाल हुआ है। महेंद्र सिंह धौनी संभवत: इस विश्व कप में टीम की सबसे बड़ी संपत्ति हैं।

भारत-पाकिस्तान के बीच 16 जून के मुकाबले के बाद की सुबह मुझे वाट्सएप पर एक कोलाज वीजुअल मिला। वह (धौनी) रोहित शर्मा से मिड विकेट पर खड़ा होने के लिए कहते हैं, और रोहित ऐसा ही करते हैं। वह कुलदीप यादव को एक गुगली डालने के लिए कहते हैं, यादव इसका पालन करते हैं। तभी कोहली कहते हैं, लेकिन धौनी भाई, मैं कप्तान हूं। तो धौनी जवाब देते हैं, मैं जानता हूं, अब मिड ऑफ पर जाओ। टीम में यह स्वीकार्य परंपरा है कि जब चीजें सामान्य नहीं होती हैं, तो मिस्टर कूल धौनी नियंत्रण अपने हाथों में ले लेते हैं। विकेटकीपर धौनी तभी आगे आते हैं, जब उन्हें लगता है कि उन्हें आना चाहिए और कोहली इतने परिपक्व और स्मार्ट तो हैं कि ऐसा होने देते हैं।

मैं उस पीढ़ी से आता हूं, जो तब स्कूल में थी, जब कपिल देव 19 वर्ष के थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने दूसरे ही ओवर में उन्होंने पहली बार किसी भारतीय गेंदबाज के विरुद्ध प्रतिद्वंद्वी बल्लेबाज को हेलमेट मंगवाने को मजबूर कर दिया था। दस साल बाद हमने 16 वर्षीय सचिन को पिच पर कमाल करते, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लेग स्पिनर अब्दुल कादिर के एक ओवर में चार छक्के उड़ाते देखा। हमने लंबे सुनहरे बालों वाले महेंद्र सिंह धौनी से लेकर विरोधियों को नमक-मिर्च लगाने वाले धौनी तक को देखा है। हम उन्हें जाते हुए नहीं देखना चाहते। वह जो भी तय करेंगे, सही ही करेंगे। लेकिन इन सबसे ज्यादा, अभी वह भारत को विश्व कप जिताना चाहते हैं।

स्टेट्स गुरु मोहनदास मेनन ने रेखांकित किया है, धौनी ने इस बार विश्व कप के अभ्यास मैच में बांग्लादेश के खिलाफ 113 रन बनाए, ठीक इसी तरह वर्ष 2011 के विश्व कप से पहले भी अभ्यास मैच में उन्होंने शतक जड़ा था, और भारत ने उस साल विश्व कप जीता था। चलिए, इसे अच्छा सगुन माना जाए। (ये लेखक के अपने विचार हैं)

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