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नववर्ष का उत्सव समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे

प्रसिद्ध खगोल विज्ञानी व गणितज्ञ सिनोम न्यूकॉम्ब ने कहा था-‘जैसे-जैसे साल बीतते गए, मैंने अपने पूर्व ‘स्व’ को एक अन्य व्यक्ति के रूप में देखने की आदत बनाई, जिसकी यादों की भावना...

नववर्ष का उत्सव समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे
परिचय दास, ललित निबंधकारWed, 01 Jan 2020 12:19 AM
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प्रसिद्ध खगोल विज्ञानी व गणितज्ञ सिनोम न्यूकॉम्ब ने कहा था-‘जैसे-जैसे साल बीतते गए, मैंने अपने पूर्व ‘स्व’ को एक अन्य व्यक्ति के रूप में देखने की आदत बनाई, जिसकी यादों की भावना प्रतिकूलता में एक सांत्वना रही और समृद्धि के आनंद के लिए उसने उत्साह दिया।’  ग्रेगोरियन कैलेंडर के नए साल का प्रथम दिन है। नया साल एक नई भाषा है, नएपन की जीवंतता है। नए साल के आरंभ का अर्थ है- नए स्वप्न सृजित करना और उन्हें पूरा करने के लिए स्वाभाविक प्रयत्न करना।

कोई भी समाज साहित्य, संस्कृति, कला या अतीत की जीवंत परंपरा को पुनव्र्याख्यायित किए बगैर नई सोच की संभावना विकसित नहीं कर सकता।  और सृजन का कोई एक प्रेरणास्रोत नहीं होता, कोई एक ध्येय नहीं होता, कोई एक पैटर्न, रूप, आकार, रंग, मुद्रा या अभिव्यंजना नहीं होती, अत: नए वर्ष की बहुवचनात्मकता में ही हमारा अभीष्ट मार्ग संभव है। नया वर्ष इसीलिए मंगल वेला है। यह मांगल्य समाज के आखिरी मनुष्य तक पहुंचना चाहिए। विभाजित होते समाजों में निकटता की कोई हल्की रेखा भी दिखे, तो समझिए कि नए वर्ष में प्रवेश हुआ है। संवाद की सभी प्रक्रियाएं खुली रखनी होंगी। नए साल का आरंभिक समय एक क्षण रुककर यह सोचने का है कि किसान, सामान्य जन और हाशिये के लोगों तक नए वर्ष की रोशनी पहुंचे, उनकी भागीदारी हो। सिर्फ साइबर दुनिया में नहीं, वास्तविक जगत में भी दोस्ती हो। पूंजी के बहुतेरे दबाव मनुष्य की इयत्ता को कम कर रहे हैं, उसका जेनुइन विकेंद्रीकरण हो, तभी तो नया साल होगा।

कई लोगों के लिए यह उत्सव मनाने का एक अवसर है, क्योंकि जीवन की निरंतरता स्वयं में एक समारोह है। टीएस एलियट ने कहा है कि ‘पिछले साल के शब्दों के लिए पिछले साल की भाषा है। नए वर्ष के शब्द नए स्वर हैं तथा भविष्य के शब्दों में एक और प्रतीक्षा, एक और आरंभ है।’ मेरा मानना है कि नया वर्ष एक नई दृष्टि की संभावनाशील प्रस्तुति है। इसमें लक्ष्य निर्धारित किए जा सकते हैं, बुरी आदतों, और बुरे व्यसनों पर विजय प्राप्त की जा सकती है, जीवन शैली में सुधार किया जा सकता है, किसी जरूरतमंद का भला किया जा सकता है, आशा के साथ जीने के लिए जीवन को परिवर्तित किया जा सकता है, शांति को गले लगाया जा सकता है, कल्याण और संतुष्टि अर्जित की जा सकती है। भविष्य तो अनजाना होता है, फिर भी आशा यही की जाती है कि नए वर्ष की दहलीज से मुस्कराते हुए आगे बढ़ने से हमें और अधिक खुशी मिलेगी।

नए वर्ष का प्रारंभ हवा में समय की गंध है। नया वर्ष, यानी एक ताजा, साफ शुरुआत। यह कागज की एक बड़ी सफेद चादर खींचने जैसा है। एक नए संसार का प्रारंभ। नए वर्ष में हम गलतियों से नया पाठ लेते हैं, क्योंकि अगर हम नया पाठ तैयार कर रहे हैं, तो नई चीजेें बना रहे होते हैं, नए समाधानों की कोशिश कर रहे होते हैं, स्वयं को अग्रगामी बना रहे होते हैं, खुद को बदल रहे होते हैं, अर्थात अपनी दुनिया बदल रहे होते हैं। हम कुछ ऐसी चीजें भी कर रहे होते हैं, जो हमने पहले कभी नहीं की होतीं और इस सबसे भी महत्वपूर्ण बात कि हम कुछ कर रहे होते हैं। हम स्वयं को संकुचित न करें, बंद न करें, यह चिंता न करें कि यह पर्याप्त अच्छा नहीं या वह बहुत सही नहीं है; चाहे वह कुछ भी हो : कला, या प्रेम, या काम या परिवार या जीवन। यदि कुछ भी आप अच्छा करने से डर रहे हैं, तो उस डर को समाप्त करें। 

नए वर्ष के स्वागत की ध्वनियां लयबद्ध और रोमांचकारी होती हैं। जैसे-जैसे समय बीतता है, यह अनुभव होता है कि जैसे हमने इसे अपने संगीत के साथ रोपित किया है और अब हम इसे नए दिन के आकाश में संवार रहे हैं। जैसे समय एक विशाल जाल है, जो हमारे सभी अज्ञात भाग्य को प्रभावित करता है। यह इतना भारी जाल है कि यह सभी जन्म, मृत्यु, त्रासदियों, युद्धों, प्रेम कहानियों, आविष्कारों, परिवर्तनों और आपदाओं को वहन करता है। नए वर्ष का उद्देश्य यह है कि हमारे पास एक नई आत्मा होनी चाहिए। नए वर्ष के लिए एक नया हृदय। एक नई भाषा, एक नई दृष्टि, एक नई समझ। प्रतिदिन की उत्सवधर्मिता। सबके लिए प्रयत्नशीलता, और सबके लिए मांगल्य।
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

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