फोटो गैलरी

Hindi News ओपिनियन नजरियाभारतीय टीम का प्रदर्शन क्यों अचानक खराब हो गया

भारतीय टीम का प्रदर्शन क्यों अचानक खराब हो गया

वनडे सीरीज में टीम इंडिया को 3-0 से मिली हार को अब 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। अब भी यह बात समझ नहीं आ रही है कि जिस टीम ने न्यूजीलैंड को उसी के घर में टी-20 सीरीज में 5-0 से हराया था, वह...

भारतीय टीम का प्रदर्शन क्यों अचानक खराब हो गया
शिवेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ खेल पत्रकारWed, 12 Feb 2020 11:42 PM
ऐप पर पढ़ें

वनडे सीरीज में टीम इंडिया को 3-0 से मिली हार को अब 24 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। अब भी यह बात समझ नहीं आ रही है कि जिस टीम ने न्यूजीलैंड को उसी के घर में टी-20 सीरीज में 5-0 से हराया था, वह वनडे सीरीज में कैसे इतनी कमजोर पड़ गई? मैदान में दोनों टीमों के प्रदर्शन को तो हर किसी ने देखा, लेकिन जो क्रिकेट फैंस नहीं देख पाए, वह है बतौर कप्तान विराट कोहली का अकेले पड़ना। इस अकेलेपन की कहानी समझने के लिए थोड़ा इतिहास में जाना होगा। याद कीजिए, कुछ साल पहले भारतीय क्रिकेट टीम के साथ एक शब्द इस्तेमाल किया जाता था - फैब-4, जिसमें सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण शामिल थे। इन खिलाडि़यों का करियर आस-पास ही शुरू हुआ था। ये खिलाड़ी उम्र के लिहाज से भी करीब-करीब समान थे। भारतीय क्रिकेट इतिहास में इन चारों ही खिलाड़ियों का कद बहुत बड़ा था। भारतीय क्रिकेट टीम आज जिस मुकाम पर है, उसमें इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन से मिली जीत की बड़ी भूमिका है। इन चारों खिलाड़ियों में आपसी समझ बेहतरीन थी। हर कोई एक-दूसरे को राय मशविरा दे सकता था। यहां यह भी बता दें कि फैब-4 अंग्रेजी के शब्द ‘फैबुलस’ से निकला था, जिसका मतलब होता है- शानदार। कहा जाता है कि यह शब्द दुनिया भर में मशहूर म्यूजिक बैंड बीटल्स के लिए भी इस्तेमाल किया जाता था।

खैर, आज विराट कोहली को अगर अपना फैब-4 बनाना हो, तो उसमें निश्चित तौर पर रोहित शर्मा और शिखर धवन होंगे। ये तीनों खिलाड़ी भी लगभग बराबर उम्र के हैं। तीनों ने दो-तीन साल के अंतर में अपना-अपना वनडे करियर शुरू किया है। तीनों की गिनती विश्व क्रिकेट में बड़े मैच विनर के तौर पर होती है। इस फैब-4 में चौथा नाम महेंद्र सिंह धौनी का भी होता, लेकिन धौनी पिछले कई महीनों से चयन के लिए उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए उनके नाम पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। बात शिखर धवन और रोहित शर्मा पर ही होनी चाहिए। यह बात विराट कोहली ने भी नहीं सोची होगी कि न्यूजीलैंड के साथ यह सीरीज उन्हें इन दोनों बल्लेबाजों की गैर-मौजूदगी में खेलनी पड़ेगी। शिखर धवन तो टी-20 सीरीज में भी टीम का हिस्सा नहीं थे। रोहित शर्मा थे, तो विराट अकेले नहीं पड़े। मगर जैसे ही आखिरी टी-20 के बाद रोहित शर्मा भी चोट की वजह से टीम से बाहर हुए, विराट अकेले पड़ गए। यह उनकी मजबूरी ही थी कि वनडे सीरीज में उन्हें एक साथ दो-दो बिल्कुल नए सलामी बल्लेबाजों को मौका देना पड़ा। मयंक अग्रवाल और पृथ्वी सॉव निश्चय ही काबिल खिलाड़ी हैं, लेकिन विदेशी जमीन पर शुरुआती तीन मैचों में वे अपने आप को साबित नहीं कर पाए।

पहले मैच में 50 रन की साझेदारी को छोड़ दें, तो बाकी दोनों मैच में सलामी जोड़ी पारी की शुरुआत में ही पेवेलियन लौट गई। इसका दबाव विराट की बल्लेबाजी पर भी दिखा। विराट के पास केएल राहुल से पारी की शुरुआत कराने का विकल्प था, लेकिन वह तय कर चुके थे कि राहुल को वनडे फॉर्मेट में नंबर पांच पर ही मौका देंगे। पचास ओवर तक कीपिंग करने के बाद किसी भी खिलाड़ी के लिए तुरंत पारी की शुरुआत करना आसान नहीं होता। क्रिकेट में यह कहावत पुरानी है कि कोई भी कप्तान उतना ही अच्छा या बुरा होता है, जितनी उसकी टीम। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में जो 11 खिलाड़ी मैदान में उतरे, वे समग्रता में ज्यादा अनुभवी नहीं थे। पृथ्वी और मयंक ने तो खैर इसी सीरीज से वनडे करियर की शुरुआत की, उनके अलावा श्रेयस अय्यर ने 18, शार्दुल ठाकुर ने 11 और नवदीप सैनी ने पांच वनडे मैच खेले हैं। मनीष पांडे को भी 26 और केएल राहुल को 32 वनडे का तजुर्बा है। मौजूदा टीम में विराट के बाद रवींद्र जडेजा सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 150 से ज्यादा वनडे मैच खेले हैं। जाहिर है, मैच में तनाव वाली स्थितियों में विराट को सलाह देने वाला कोई नहीं। यकीन मानिए, कुछ खिलाड़ी तो इतने नए हैं कि उन्हें विराट से बात करने में भी संकोच होता होगा। वनडे सीरीज में मिली हार से टीम इंडिया का आकलन करना जल्दबाजी होगी। 21 तारीख से टेस्ट सीरीज शुरू होगी। एक बार फिर विराट को उनकी सेट टीम मिलेगी, यकीन मानिए, वह टीम मैदान में बिल्कुल अलग दिखाई देगी। 
(ये लेखक के अपने विचार हैं)

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें