फोटो गैलरी

Hindi News ओपिनियन नश्तरसुतली बम का कहना है

सुतली बम का कहना है

दीपावली का त्योहार सिर पर है और इसका सुरूर हर जगह लह-लहकर बोल रहा है। इन दिनों घर की महिलाओं और ‘आप’ पार्टी के नेताओं में अंतर करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि दोनों के ही हाथों में झाड़ू...

सुतली बम का कहना है
देवेन्द्रराज सुथारTue, 06 Nov 2018 01:23 AM
ऐप पर पढ़ें

दीपावली का त्योहार सिर पर है और इसका सुरूर हर जगह लह-लहकर बोल रहा है। इन दिनों घर की महिलाओं और ‘आप’ पार्टी के नेताओं में अंतर करना मुश्किल हो गया है, क्योंकि दोनों के ही हाथों में झाड़ू दिख रहा है। इस हर्ष और उमंग के माहौल में यदि कोई उदास है, तो वे हैं बेचारे पटाखे। जो साल भर दीपावली पर पूरे वेग के साथ फूटने की योजना बनाए हुए थे, उनकी योजना पर कोर्ट ने पानी फेर दिया। आखिर पर्यावरण भी कोई चीज है। 
कोर्ट के पाबंदी और समय की बंदिश वाले आदेश के बाद पटाखों की पूरी बिरादरी में लोकतंत्र के प्रति विश्वास डगमगाया है। पटाखों के राजा सुतली बम का इस पर कहना है कि यदि हमारे फूटने से पर्यावरण को क्षति पहुंचती है, तो नेताओं के आए दिन उलट-सुलट बयान देने से क्या जनता की भावनाओं का रायता नहीं बनता? हमारी तो प्रकृति ही फूटना है, इसलिए हम फूटते भी हैं, तो साल में एक-आध दिन किसी त्योहार या पर्व के अवसर पर। लेकिन ये जनता के सेवक, जिनका फूटने से दूर-दराज का कोई नाता भी नहीं, वे पूरे साल फूट-फूटकर क्या प्रदूषण नहीं फैलाते? 
वहीं इन दिनों नकली मावे का कारोबार भी अपने परवान पर होता है। लोग जैसे असली नेता और नकली नेता में अंतर नहीं कर पाते हैं, उसी तरह नकली मावा और असली मावा में भी नहीं उन्हें ज्यादा फर्क मालूम नहीं पड़ पाता है। जिस प्रकार नकली मावा खाने से हमारे-आपके पेट का समस्त भूगोल तहस-नहस हो जाता है, उसी तरह नकली नेता के जीतने पर पूरे देश के वर्तमान का भट्ठा बैठ जाता है। वैसे, ये दिन देशभक्त बनने के भी हैं। करना-वरना कुछ नहीं है, बस घर पर बैठे-बैठे चाइनीज दीयों की वाट लगाने के लिए फेसबुक पर पोस्ट शेयर करनी है। भले ही यह पोस्ट आप चाइनीज मोबाइल से ही क्यों न शेयर करें, लोग आपको पक्का देशभक्त समझकर  हृदय से आदर देने लग जाएंगे।  
    

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें