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Hindi News ओपिनियन नश्तरगोदी में खेलती हैं जिसकी हजारों धरोहर

गोदी में खेलती हैं जिसकी हजारों धरोहर

सरकार ने सार्वजनिक घोषणा करते हुए लाल किले को एक निजी समूह को गोद दे दिया है। सरकार का कहना है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोद में टन के हिसाब से बोझ लेने की क्षमता जरूरी है। सरकारी गोदी में पहले...

गोदी में खेलती हैं जिसकी हजारों धरोहर
अमित शर्माMon, 30 Apr 2018 09:05 PM
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सरकार ने सार्वजनिक घोषणा करते हुए लाल किले को एक निजी समूह को गोद दे दिया है। सरकार का कहना है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गोद में टन के हिसाब से बोझ लेने की क्षमता जरूरी है। सरकारी गोदी में पहले से काफी ट्रैफिक है, इसीलिए इसे निजी गोदी की तरफ डाइवर्ट करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इस पर विपक्ष ने भी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करते हुए सरकार के कदम पर सवाल उठाए है। जिस तरीके से प्राचीन धरोहरों को गोद लिया जाना शुरू हुआ है, उसे देखते हुए अशिक्षा व भुखमरी के मन में भी देसी घी के लड्डू फूट रहे हैं कि शायद उनको भी गोद लेने वाला कोई आगे आए। 

प्राचीन धरोहरें, हमारी महानताओं और अपेक्षाओं का बोझ उठाते-उठाते सरकारी वेबसाइट्स की तरह थक गई थीं। समय की पुकार यही थी कि उनकी थकान और लू उतारने के लिए उन्हें गोद में लेकर रीवाइटल का इंजेक्शन दिया जाए। गोद लेने-देने की परंपरा हमारे देश में रिश्वत लेने-देने की तरह सनातन है, जिसका सम्मान और गुणगान करते हुए हमने आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार और गरीबी जैसे शिशुओं को कुशलतापूर्वक गोद ले लिया था, जो अब प्रौढ़ होने के बाद भी बड़े आराम से हमारी गोद में जीवन-यापन कर अपनापन महसूस कर रहे हैं। चुनाव के समय नेता, जनता के सामने करबद्ध होते हैं, जिससे जनता पिघलकर, नेता को आलिंगनबद्ध कर पांच साल के लिए गोद ले लेती है। पांच साल में नेता गोद के जरिए कब सिर पर चढ़ जाता है, पता ही नहीं चलता। 

प्राचीन धरोहरों को निजी समूह को गोद देने का कार्य एक पवित्र पुण्य कर्म है, क्योंकि इससे सरकार ने कई निजी समूहों की सूनी गोद भरी है। इस गोदीकरण से ही समस्याओं का निराकरण संभव है, क्योंकि गोद लेने से समस्याओं के प्रति अपनत्व और ममत्व का भाव डाउनलोड होगा, जो उनके साथ हमारे सह-अस्तित्व की भावना को मजबूत करेगा। 

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