फोटो गैलरी

Hindi News ओपिनियन नश्तरअंगूरी भाभी का फ्री सिलेंडर

अंगूरी भाभी का फ्री सिलेंडर

हुंकार, चीत्कार, हाहाकार, फुंकार, कश्मीर, असम, पुतिन, अंगूरी भाभी- इन सबका मिक्सचर जब टीवी से बरस रहा हो, तो समझ लेना चाहिए कि गहन राजनीतिक विमर्श चल रहा है। रूस ने भारतीय प्रधानमंत्री को अपने देश का...

अंगूरी भाभी का फ्री सिलेंडर
आलोक पुराणिकWed, 17 Apr 2019 01:12 AM
ऐप पर पढ़ें

हुंकार, चीत्कार, हाहाकार, फुंकार, कश्मीर, असम, पुतिन, अंगूरी भाभी- इन सबका मिक्सचर जब टीवी से बरस रहा हो, तो समझ लेना चाहिए कि गहन राजनीतिक विमर्श चल रहा है। रूस ने भारतीय प्रधानमंत्री को अपने देश का श्रेष्ठ सम्मान दिया, उधर एक टीवी सीरियल में सरकार की योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है। डांस ऑफ डेमोक्रेसी कह लें या नौटंकी ऑफ डेमोक्रेसी।

अंगूरी भाभी भी आ गई हैं राजनीतिक विमर्श में। मेरा ऐसा अंदाज है कि कुछ वक्त बाद भानगढ़ किले के भूत भी चुनावी-राजनीतिक विमर्श में आ जाएंगे। भानगढ़ किले का एक भूत दूसरे भूत से कहेगा-दिन रात यहीं लटका पड़ा रहता है, आजकल कहीं जाता नहीं डराने? लटकऊल भूत जवाब देगा- अब कोई नहीं डरता, अपने बॉस तक से नहीं डरता कोई। बॉस कुछ काम करने को बोल दे, तो बंदा स्कीमें गिनाने लगता है- 12,000 वहां से आ जाएंगे, 6,000 वहां से आ जाएंगे, पेंशन स्कीम वहां से मिलनी है। कुछ बंदे तो बॉस को ही सलाह देते हैं- कहां दुकान खोले बैठे हो, चलो स्कीम उड़ाएंगे। चुनावी वादों ने सबको जकड़ लिया है।

मुझे डर है कि किसी सीरियल में यह सीन न देखना पड़े, जिसमें अंगूरी भाभी की सास विभूति उर्फ भरभूतिजी से पूछें- काहे दिन भर यहीं पड़े रहते हैं, कुछ्छो काम ऊम नहीं है क्या आपके पास? भरभूतिजी बता रहे हैं- जी, अब तो तमाम स्कीमों से इतना आ जाता है कि खर्च ही नहीं कर पाते। अंगूरी भाभी की सास नाराज हो रही हैं- कईसा-कईसा स्कीम आ रहा है, भरभूति पहले ही निठल्ले थे, अब और निठल्ले हो लिए हैं।

एक और सीन में आ सकता है। अंगूरी भाभी कह रही हैं- काहे भरभूतिजी सब मुफ्त आप ही उड़ा लेंगे, हमको दस सिलेंडर फ्री का मिलना चाहिए हर साल। भरभूतिजी कहेंगे- हां, मैं इसके लिए आंदोलन करता हूं। भरभूति आंदोलन के लिए निकल पड़े हैं। अंगूरी भाभी की सास कह रही हैं-चलो अच्छा हुआ, निठल्ला गया तो। अच्छा है, आंदोलन ही करता रहे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें