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Hindi News ओपिनियन नश्तरसोना या कोरोना, बोलो मोना

सोना या कोरोना, बोलो मोना

पुराने वक्त की बात है। हिंदी फिल्मों में अजीत नामक खलनायक अपने सारे महत्वपूर्ण विमर्श मोना से करते थे। आज अगर मोना-विमर्श होता, तो कुछ यूं होता-  मोना, सोने का भाव 57 हजार रुपये प्रति दस ग्राम...

सोना या कोरोना, बोलो मोना
    आलोक पुराणिकTue, 11 Aug 2020 11:08 PM
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पुराने वक्त की बात है। हिंदी फिल्मों में अजीत नामक खलनायक अपने सारे महत्वपूर्ण विमर्श मोना से करते थे। आज अगर मोना-विमर्श होता, तो कुछ यूं होता- 
मोना, सोने का भाव 57 हजार रुपये प्रति दस ग्राम से ऊपर निकल गया, अपन को इसकी तस्करी का कारोबार तेज करना चाहिए न?
मोना- बॉस, सोने की तस्करी अब कुछ नहीं निजी कोविड अस्पतालों के आगे। सात दिन रखने के कई 10 लाख तक ले रहे हैं। 
ओके मोना, तो यूं करते हैं कि शहर के टॉप ज्वैलर्स का सोना लूट कोरोना अस्पताल खोलते हैं, फिर अमेरिका को खरीद लेंगे- बॉस गहन चिंतन के बाद फैसला सुनाते हैं। मोना मुग्ध नजर से बॉस को देखती है।
सोना प्रति तोला 57 हजार रुपये के ऊपर जा चुका है, और लोग कह रहे हैं कि सब परेशान हैं कोरोना से। ऐसा लगता तो नहीं। लोग दनादन सोना खरीद रहे हैं। सोने का भाव एक साल में करीब 50 प्रतिशत ऊपर जा चुका है। जिसने सोने में एक साल पहले 100 रुपये लगाए थे, वह आज 150 का मालिक है। सोना खरीद रहे हैं इतने सारे लोग, और चैनल बता रहे हैं कि कोरोना से डरे बैठे हैं लोग।
सोना भी कमाल की चीज है। लोग शादी कर रहे हों, जन्मोत्सव मना रहे हों, तो सोने के भाव ऊपर उछल जाते हैं। लोग परेशान हों, तनाव में हों, तब उसके भाव छलांग मार जाते हैं। एक बड़े स्टार कहते हैं कि फलां ज्वैलर के यहां से ही सोना खरीदिए और फिर बताते हैं कि अपने सोने को फलां गोल्ड लोन कंपनी में गिरवी रख कर्ज के मजे लीजिए। कोई इनसे पूछे- महाराज, पांच मिनट में ही खरीदवा भी रहे हो, और गिरवी भी रखवा दे रहे, आपकी बातों में कुछ संगति भी है? पर बडे़ आदमी से तर्क की बात कोई नहीं करता।
खैर, कोरोना के एक निजी अस्पताल ने अपने पेमेंट काउंटर पर गोल्ड लोन कंपनी का बंदा बैठा दिया है- सोना गिरवी रखो और जी भर स्वास्थ्य लाभ लो!

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