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Hindi News ओपिनियन नश्तरशोर जब हद से गुजर जाए

शोर जब हद से गुजर जाए

कभी-कभी हम बहुत महत्वपूर्ण काम की इसलिए उपेक्षा कर जाते हैं कि दूसरे लोग दूसरे काम का ज्यादा शोर मचा रहे होते हैं। जैसे हम खबरिया चैनलों की बहुत बातें करते हैं। ये चैनल बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहे...

शोर जब हद से गुजर जाए
    राजेंद्र धोड़पकरWed, 08 Jul 2020 09:30 PM
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कभी-कभी हम बहुत महत्वपूर्ण काम की इसलिए उपेक्षा कर जाते हैं कि दूसरे लोग दूसरे काम का ज्यादा शोर मचा रहे होते हैं। जैसे हम खबरिया चैनलों की बहुत बातें करते हैं। ये चैनल बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। इतना अहम कि उसकी वजह से वे खबरें दिखाने का अपना काम नहीं कर पाते। फिर भी हमें मानना होगा कि उनकी चर्चा इसलिए ज्यादा होती है, क्योंकि वे शोर ज्यादा मचाते हैं। कई एंकर तो इतनी जोर से चीखते हैं कि आप टीवी बंद भी कर दें, तब भी उनकी आवाज सुनाई दे जाती है। चूंकि मैं गाजियाबाद में रहता हूं और ज्यादातर टीवी चैनल नोएडा में हैं, इसलिए वहां से आवाज सीधी मुझ तक आ जाती है। दस-पंद्रह किलोमीटर की दूरी क्या होती है? 
लेकिन मुझे मेरे विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि उन्हें उनके विश्वसनीय सूत्रों से पता लगा है, कुछ टीवी एंकरों की ललकार नोएडा से लद्दाख सीमा तक पहुंच रही है। मेरे विश्वसनीय सूत्रों ने यह भी बताया कि कई पुरुष एंकर की पत्नी और महिला एंकर के पति स्थाई रूप से बहरे हो गए हैं। उनके सुखी दांपत्य जीवन का रहस्य भी यही है।
आवाज के साथ एक बात यह है कि जब उसकी तीव्रता एक हद से आगे बढ़ती है, तो सिर्फ उसकी तीव्रता मतलब रखती है, आप क्या कहते हैं, उसका कोई मतलब नहीं रहता। विज्ञान में एक चीज होती है, जिसे कहते हैं सोनिक बूम। जब कोई विमान ध्वनि की गति से ज्यादा तेजी से उड़ता है, तो उसके इंजन की आवाज की तरंगें उसकी गति का मुकाबला नहीं कर पातीं और कई सारी ध्वनि तरंगें आपस में टकराती हैं। इससे एक विस्फोट-सा होता है, जो नुकसानदेह भी हो सकता है। इसी को सोनिक बूम कहते हैं। विश्वसनीय सूत्रों ने यह भी बताया कि न्यूज चैनलों की सोनिक बूम का देश के दुश्मनों के खिलाफ हथियार की तरह इस्तेमाल की योजना सरकार बना रही है।
अब देखिए, मैं और कुछ कहने वाला था और इनकी आवाज में खो गया और इन्हीं की चर्चा में उलझ गया। खैर, जो बात मैं कह रहा था, वह फिर कभी।

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