जो राफेल नहीं कर सकता
न्यूज चैनलों के चक्कर में कई बार बहुत गलतफहमी हो जाती है। राफेल विमानों की जैसे ही अंबाला में लैंडिंग हुई, तमाम चैनल बताने लगे- पाकिस्तान और चीन थर-थर कांप रहे हैं। मुझे लगा कि शी जिनपिंग और इमरान...
न्यूज चैनलों के चक्कर में कई बार बहुत गलतफहमी हो जाती है। राफेल विमानों की जैसे ही अंबाला में लैंडिंग हुई, तमाम चैनल बताने लगे- पाकिस्तान और चीन थर-थर कांप रहे हैं। मुझे लगा कि शी जिनपिंग और इमरान खान थर-थर कांप रहे होंगे। मैं गलत था। इमरान कांप नहीं रहे थे, वह तो अपने पसंदीदा काम में लगे हुए थे। दुनिया भर के वित्तीय संस्थानों से भीख मांग रहे थे और अपने कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी तैयार कर रहे थे।
शी जिनपिंग भी अपना पसंदीदा काम कर रहे थे। चीन की सीमा से लगने वाले हर देश में अपनी फौज की घुसपैठ करा रहे थे, नेपाल को छोड़कर। चीन के हुक्मरान नेपाल को अब अपना अभिन्न अंग मानते हैं, इसलिए वहां घुसपैठ नहीं करते। नेपाली राजनीति के मसले चीनी राजदूत निपटाती हैं। यूं नेपाल एक स्वतंत्र देश है, ठीक वैसे ही, जैसे चीन समाजवादी मुल्क है। स्वतंत्र देश में विदेशी राजदूत घरेलू मसले हल करती हैं, और समाजवादी चीन में मजदूरों की हड़ताल वगैरह पर प्रतिबंध है। और हम समझते हैं कि मजाक सिर्फ कॉमेडी चैनलों पर होता है।
हर साल बिहार, असम में बाढ़ नियमित पर्व की तरह आती है, पर इसमें राफेल कुछ नहीं कर सकता। मैं तो बस दुआ करता हूं कि नेतागण बाढ़ग्रस्त इलाकों के दौरे राफेल में न करने लगें। जब इतने वर्षों के हेलीकॉप्टर दौरों से वे बाढ़ का कुछ नहीं बिगाड़ पाए, तो राफेल दौरा क्या कर लेगा? अभी खबर आई कि एक कोरोना मरीज की अस्पताल में इसलिए मौत हो गई कि ऑक्सीजन लगाने वाला वहां कोई न था। उधर एक बडे़ शहर के सदर अस्पताल की तस्वीर आई, जिसमें सारे बिस्तरों पर कुत्ते आराम फरमा रहे थे। होशियार अफसर इस फोटो का भी सकारात्मक इस्तेमाल कर सकते हैं- हमारे इलाके के अस्पतालों में जानवर तक के लिए बिस्तर उपलब्ध हैं, तो सोचिए कि इंसानों के लिए कितनी बेहतर सुविधाएं होंगी?
लेकिन राफेल इसमें कुछ खास नहीं कर सकता कि मरते मरीज को ऑक्सीजन का सिलेंडर लगा दे।