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Hindi News ओपिनियन नश्तरयुद्ध के मैदान में हथियार लिए सुंदरी

युद्ध के मैदान में हथियार लिए सुंदरी

अनास्तासिया लेना ‘मिस यूक्रेन’ रह चुकी हैं, और अब वह रूस से युद्ध में उतर चुकी हैं। राइफल के साथ उनके कई फोटू आए हैं। यूक्रेन के बाहर बहुत कम लोगों को वहां के सेनाध्यक्ष का नाम पता होगा,...

युद्ध के मैदान में हथियार लिए सुंदरी
आलोक पुराणिक Tue, 01 Mar 2022 09:21 PM

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अनास्तासिया लेना ‘मिस यूक्रेन’ रह चुकी हैं, और अब वह रूस से युद्ध में उतर चुकी हैं। राइफल के साथ उनके कई फोटू आए हैं। यूक्रेन के बाहर बहुत कम लोगों को वहां के सेनाध्यक्ष का नाम पता होगा, मगर यह सुंदरी वर्ल्ड फेमस हो चुकी है। युद्ध कितना लंबा चलेगा, यह तो पता नहीं है, लेकिन यह सुंदरी चल निकली है। कुछ दिनों के बाद कोई ब्यूटी क्रीम या साबुन इस बात का के्रडिट ले सकता है कि उसकी क्रीम या साबुन की वजह से ही उस सुंदरी में वीरता के भाव जाग उठे।
वीरता के भाव जगाने वाले वीर रस के एक कवि कविता लिखे बैठे हैं- ‘नहीं पड़ रहा है मुझे चैन, लड़ने जाऊं मैं यूक्रेन।’ मगर उनको यह कविता सुनने-सुनाने का मौका नहीं मिल रहा है। वीरता पाकिस्तान के खिलाफ हो, तो ही उसे बाजार मिलता है। यूक्रेन, चीन के खिलाफ दिखाई गई वीरता का बाजार ठंडा है।
एक कहावत उत्तर भारत में बहुत चलती है- न बाबा आएं, न घंटा बाजे। कहावत का अर्थ है कि बाबा जी आते नहीं हैं, और घंटा बजता नहीं है। घंटा ध्वनि सुनने के इच्छुकों के हाथ क्या लगता है, सिर्फ घंटा-दर्शन। इंतजार करते रहिए बाबा जी न आने के। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन बाबा ही साबित हुए।
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) अमेरिकी खेमे के देशों का संगठन है। इस खेमे के देशों को भरोसा है कि कोई तकलीफ होगी, तो बाइडन बाबा आएंगे। इन सब देशों को अब सोचना होगा कि बाबा आएंगे भी या सिर्फ यही कहते रह जाएंगे कि मीटिंग चल रही है, कल और बड़ी वाली मीटिंग करेंगे। पर बाबा आओगे कि नहीं, यह तो बता दो? बाबा जी आएंगे कि नहीं, यह बात भी बाबा मीटिंग के बाद ही बताएंगे। अब तक जेलेंस्की समेत हरेक नेता को यह बात समझ में आ जानी चाहिए कि अपने बूते पर ही घंटा बजता है। बाबा जी तो बस मीटिंग ही करते रह जाते हैं।

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