अपना ख्याल रखिए
तंज के साथ उनके साथी ने कहा था, ‘अपना बहुत ख्याल रखते हो।’ वह उखड़ गए थे। उन्हें लगा था कि वह उन्हें स्वार्थी कह रहे हैं। ‘अपनी फिक्र करना या अपना ख्याल रखने का मतलब यह नहीं है कि आप...
तंज के साथ उनके साथी ने कहा था, ‘अपना बहुत ख्याल रखते हो।’ वह उखड़ गए थे। उन्हें लगा था कि वह उन्हें स्वार्थी कह रहे हैं। ‘अपनी फिक्र करना या अपना ख्याल रखने का मतलब यह नहीं है कि आप स्वार्थी हैं।’ यह मानना है डॉ कैथरीन किंग का। वह मशहूर साइकोलॉजिस्ट हैं। उनकी बेहद चर्चित किताब है, लाइफस्पैन पर्सपैक्टिव्स: ऐक्सप्र्लोंरग द साइकोलॉजी ऑफ एजिंग, रिलेशनशिप्स ऐंड माइंड बॉडी वेलनेस।
हमें अपना ख्याल रखना चाहिए। हमसे गाहे-बगाहे कहा ही जाता है। हम अपना ख्याल रखने लगते हैं, तो लोग कुछ और ही समझ लेते हैं। उसकी वजह से हम अपना ख्याल रखना भी बंद कर देते हैं। अपना ख्याल रखने से कोई स्वार्थी नहीं हो जाता। बस अपना ही ख्याल रखने से हो सकता है। हमें अपना ख्याल रखना ही चाहिए। उसका यह मतलब कैसे हो गया कि हम औरों को ख्याल नहीं रख सकते। हम जब अपने ख्याल में दूसरों का नुकसान करते हैं, तब दिक्कत होती है।
अक्सर माना जाता है कि अपना ख्याल रखने का मतलब सेहत से होता है। लेकिन हमारी जिंदगी महज सेहत ही नहीं होती। न जाने और कितनी चीजें जुड़ी होती हैं हमसे। तन की बतियाते हुए हम मन की बात भी कर लेते हैं। बोलने में अक्सर तन मन एक साथ आता है। लेकिन अपना ख्याल करते हुए हम मन को हाशिए पर ले जाते हैं। हमें अपने तन का ख्याल रखना होता है। हमें अपने मन की भी फिक्र करनी होती है। हमें अपनी मंजिल का ख्याल करना होता है। हमें अपने रास्ते को भी देखना होता है। भटकाव पर भी नजर रखनी होती है।