यह वक्त भी कट जाएगा
कोरोना के कारण पूरी दुनिया में जैसी निराशा छाई हुई है, उसे देखते हुए एक कहानी याद आ रही है। एक राजा ने अपने सेनापति से कहा, दीवार पर कुछ ऐसा लिखो कि वह अच्छे और बुरे, दोनों वक्त में याद करने लायक हो।...

कोरोना के कारण पूरी दुनिया में जैसी निराशा छाई हुई है, उसे देखते हुए एक कहानी याद आ रही है। एक राजा ने अपने सेनापति से कहा, दीवार पर कुछ ऐसा लिखो कि वह अच्छे और बुरे, दोनों वक्त में याद करने लायक हो। सेनापति ने लिखा, ‘यह समय भी कट जाएगा।’ एक व्यक्ति को नदी पार करनी थी, लेकिन उसके पास नाव नहीं थी। किसी ने उससे पूछा कि ऐसे में वह नदी कैसे पार करेगा? उस व्यक्ति ने कहा, नौका नहीं तो क्या, हौसले तो पास हैं। सुबह होते ही एक भिखारी किसी सज्जन के घर पर भिक्षा मांगने के लिए आया। दरवाजे पर हुई दस्तक को सुनकर वह सज्जन बाहर आए। मगर उनकी जेब में भिखारी को देने के लिए कुछ नहीं था। लिहाजा वह कुछ दुखी होकर घर के अंदर गए और एक बर्तन उठाकर भिखारी को दे दिया। भिखारी के जाने के थोड़ी देर बाद ही वहां उस सज्जन की पत्नी आई और बर्तन न पाकर चिल्लाने लगी- यह क्या कर दिया आपने? चांदी का बर्तन था, भिखारी को दे दिया? जल्दी जाओ, और उस भिखारी को रोककर बर्तन वापस लाओ। वह सज्जन दौड़ते हुए भिखारी के पास पहुंचे और उसे रोककर बोले- भाई, मेरी पत्नी ने मुझे अभी-अभी बताया है कि जो बर्तन मैंने आपको दिया था, वह चांदी का है। कृपया उसे सस्ते में मत बेचना। वहीं पर उस सज्जन के एक मित्र खडे़ थे। उन्होंने पूछा- जब आपको पता चल गया था कि वह बर्तन चांदी का है, तब भी उसे क्यों ले जाने दिया? सज्जन ने कहा- मैंने मन को इस बात का अभ्यस्त बनाने के लिए उसे बर्तन ले जाने दिया कि बड़ी से बड़ी हानि में भी यह कभी दुखी और निराश न हो!
