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हौसलों से जीत 

कई बार हम समस्याओं का सामना करते-करते थक जाते हैं। ऐसे में, हमें निराशा घेर लेती है। तब हम समझ नहीं पाते कि क्या सही है, और क्या गलत। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में...

हौसलों से जीत 
देवेंद्रराज सुथारThu, 24 Jun 2021 11:50 PM
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कई बार हम समस्याओं का सामना करते-करते थक जाते हैं। ऐसे में, हमें निराशा घेर लेती है। तब हम समझ नहीं पाते कि क्या सही है, और क्या गलत। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता ढूंढ़ लेते हैं। एक बार नेपोलियन ने आल्पस पर्वत पार करके इटली में प्रवेश करने की योजना बनाई और सेना के साथ आगे बढ़ने लगा। अंतत: सेना के सामने वह पर्वत आया, उस पर चढ़ाई करना लगभग नामुमकिन लग रहा था। सेना में हलचल सी पैदा हो गई। लेकिन नेपोलियन ने सेना को चढ़ाई का आदेश दिया। उसके इस आदेश को पास में ही खड़ी एक बुजुर्ग महिला सुन रही थी। वह नेपोलियन के पास आकर बोली, ‘क्या मरना चाहते हो? यहां जितने भी लोग आए, वे मुंह की खाकर गए। अगर अपनी जिंदगी प्यारी है, तो यहीं से लौट जाओ।’ बुजुर्ग की बातें सुनकर नेपोलियन के चेहरे पर एक चमक आ गई। वह क्रोधित होने के बजाय प्रेरित हो गया। अपने गले से कीमती हार उतारकर उस बुजुर्ग महिला को पहनाते हुए बोला, ‘मैं आपका शुक्रगुजार हूं। आपने मेरा उत्साह बढ़ाकर इस काम को करने के लिए प्रेरित किया है। अगर मैं जीवित बच गया, तो आप मेरी जय-जयकार अवश्य करना।’ नेपोलियन की बातें सुनकर उस महिला ने कहा, ‘तुम पहले इंसान हो, जो मेरी बातें सुनकर हताश और निराश नहीं हुआ।’ फिर नेपोलियन ने सफलतापूर्वक आल्पस पर्वत पर चढ़ाई करके इटली को जीत लिया। गीतकार संतोष आनंद ने उचित ही कभी कहा था कि हौसला जीतता है, हथियार नहीं। जो लोग कठिनाइयों का सामना करने का इरादा रखते हैं, वे कभी नहीं हारते। 
 

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