जिंदगी जब तक आपकी पकड़ में है, तब तक तो सब ठीक, लेकिन अगर यह किसी नशे के शिकंजे में चली जाए, तो आपकी खैर नहीं। आपको लगेगा कि आपकी लगाम आपके हाथों में है, आप आत्मविश्वास से लबरेज होने का अभिनय भी करेंगे, लेकिन आपका असली निर्देशन बुराइयों के हाथों में चला जाएगा। ऐसी मजबूत बुराइयां, जो आपको जिंदगी की मुख्यधारा से बार-बार खींचकर हाशिये पर ला पटकेंगी। कुल सच यह है कि आपकी बस्ती में आग लगी है और आप मस्त हैं। समाज आपकी कमियां गिना रहा है, कानून आपके गुनाह दर्ज कर रहा है और सगे-संबंधी, यार-दोस्त धीरे-धीरे कन्नी काटे जा रहे हैं।
उन दिनों यह भेद करना कठिन हो जाता था कि हॉलीवुड का यह अभिनेता नशे के पीछे भाग रहा है या नशा अभिनेता के पीछे। ज्यादातर मामलों में यार-दोस्तों पर ही तोहमत लगती है, लेकिन यहां तो नशे की लत पापा ने ही लगाई थी। बहुत छोटी उम्र में नशे के स्याह मंच पर ही पिता-पुत्र का प्यार एक-दूजे के गले लगता था। पिता अभिनेता भी थे और नशेड़ी भी, जिंदगी उनकी भी बेतरतीब बीती, लेकिन मुकाबले में उनके साहबजादे सवा सेर साबित हो रहे थे। जिंदगी में जितनी अच्छी फिल्में की थीं, लगभग उतनी ही बार नशे के चक्कर में जेल जाना भी हुआ था। बीच-बीच में नशा छुड़ाने की कुछ कोशिशें भी नाकाम हुई थीं। जिंदगी में नशे की ऐसी बुनियाद तैयार हो गई थी कि जिसे तोड़ने में सभी नाकाम हो रहे थे। एक वक्त आया, जेल से छूटने के बाद कोई गारंटी लेने को तैयार न था, काम देने को तैयार न था। बीवी ने परेशान होकर तलाक का नोटिस थमा दिया था, पर नशा छूटने को तैयार न था, बाकी सब भले छूट जाए।
तब जिंदगी ने एक मौका दिया, एक बड़े अभिनेता की गारंटी पर एक फिल्म मिली और निर्माता के रूप में एक बेहद व्यवस्थित महिला सुजेन से दोस्ती हुई। कोई ऐसा मिला, जो बहुत पेशेवर होने के साथ ही दिल का भी भला था। ऊपरी चमक में प्यार की बात आगे बढ़ी। लेकिन उस फिल्म की शूटिंग के निपटने तक अभिनेता की पोल खुल गई। सीधी-सादी गुणवान सुजेन के लिए पूरी सच्चाई किसी सदमे से कम नहीं थी। बड़ी गलती हो गई, नशे का स्याह सच पता नहीं था और प्यार हो गया। जेल और नशामुक्ति केंद्रों का रिकॉर्ड पता नहीं था और अपना बनाने की भावनाएं उमड़ आई थीं। सुजेन ने तत्काल फरमान सुना दिया, ‘ऐसे नहीं चल सकता। अगर मेरे साथ रहना है, तो यह सब कतई संभव नहीं’।
होते होंगे लोग, जो अपने साथी को नशे के साथ मंजूर करते होंगे। ऐसे भी होंगे, जो साथ नशा करते होंगे या नशे की लत लगा देते होंगे या अपने साथी के लिए नशे का जुगाड़ करते होंगे, लेकिन यहां तो एक ऐसा साथी मिल गया, जिसने नशे के साथ चलने से साफ इनकार कर दिया। साथ चलने का इरादा है, तो नशा छोड़ दो। उस अभिनेता के सामने ऐसी शर्त आजतक किसी ने नहीं रखी थी। सुजेन ऐसे अड़ गईं कि बहानों के तमाम खिड़की-दरवाजे बंद हो गए। जिंदगी निर्णायक मोड़ पर आ गई, यहां से मुख्यधारा में आगे बढ़ने या हाशिये पर अकेले छूट जाने का फैसला करना है। सुजेन तो एक ही है, गई, तो मानो यह जन्म भी गया। बड़ी किस्मत से मुझ जैसे दागी को मिली है, जिंदगी से जाने दिया जाए, तो इससे बड़ी बेवकूफी क्या होगी?
सबका भला हुआ। सुजेन की चेतावनी रंग लाई। शायद 4 जुलाई, 2003 के आसपास, अभिनेता अर्थात रॉबर्ट डॉनी जूनियर ने मादक द्रव्यों को हमेशा के लिए सागर के हवाले कर दिया। रॉबर्ट को पता चल चुका था कि सुजेन के साथ चलकर ही जिंदगी हसीन होनी है, ड्रग्स के साथ चलते रहे, तो आगे अंधेरे ही मिलेंगे, खूब रुलाएंगे और दुनिया सिर्फ हंसेगी। सुजेन और खुद से वादा किया कि अब पलटकर पीछे के अंधेरों में नहीं जाना है। बहुत हो गया खिलवाड़।
चंद दिनों में ही नतीजा सामने था, दुनिया ने एक अभिनेता और इंसान के रूप में रॉबर्ट का दूसरा ही रूप देखा। निजी जिंदगी इस तरह व्यवस्थित होकर चमकी कि फिल्मों में भी रौनक साफ नजर आने लगी। इतनी खुशी और दौलत नसीब हुई कि रॉबर्ट को लगता था, नया जन्म हुआ है। एक ईमानदार साथी को खो देने के भय ने जीवन सुधारकर यह साबित कर दिया कि बुराई कितनी भी रंगीन हो, आखिरकार बेकार होती है। रॉबर्ट और सुजेन की जोड़ी आज मिसाल है। दुनिया आज रॉबर्ट को ‘आयरन मैन’ के नाम से पहचानती है, लेकिन इसका श्रेय उनके फौलादी इरादों को ही जाता है। आज उनका फौलादी इरादा दुनिया के तमाम युवाओं के लिए संदेश है, ‘याद रखिए, यदि आप नीचे गिर गए हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको वहीं रहना है’।
प्रस्तुति : ज्ञानेश उपाध्याय
अगली स्टोरी
पराई होती दुनिया में सिर्फ एक साथी
रॉबर्ट डॉनी जूनियर प्रसिद्ध अभिनेता | Published By: Rohit
- Last updated: Sat, 10 Oct 2020 11:58 PM

- Hindi News से जुड़े ताजा अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करें।
- Web Title:hindustan meri kahani column 11th october 2020
अपने इनबॉक्स में न्यूजलेटर पाने के लिए ईमेल एंटर करें।
सब्सक्राइब करें