चालू फिल्मों की भीड़ में एक अलहदा मुकम्मल फिल्म को किनारे लगाने या भुलाने की साजिशें हो रही थीं। बहुत उम्मीद थी कि लोग अलग सी इस फिल्म को हाथोंहाथ लेंगे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका।
Sat, 28 May 2022 02:31 PMवह संसार की छत को चूम चुके थे। आज से 44 साल पहले वह संसार के पहले इंसान थे, जो अतिरिक्त ऑक्सीजन का सहारा लिए बगैर वहां खड़े थे। दिल्ली जब 42 डिग्री सेल्सियस पर तप रही थी............
Sat, 14 May 2022 08:32 PMबुदबुदा कर की गई यह प्रार्थना भी उस बिटिया के कानों तक पहुंच गई थी। वैसे भी वह मां के लफ्जों पर कान लगाए रखती थी। ऐसा न हो कि मां धीरे से बोल दें और सुनाई ही न पड़े.................
Sat, 07 May 2022 08:05 PMउनकी जिंदगी का ओर-छोर बिखरा हुआ था। न जाने कितने पैबंद लगे थे और न जाने कितने लगने से रह गए थे। विडंबना देखिए, उधड़ी हुई जिंदगी वाली वह महिला लोगों के कपड़े सिला करती थीं............
Sat, 30 Apr 2022 08:51 PMठीक अस्सी साल पहले इन्हीं दिनों भारत में अकाल का असर दिखने लगा था, विशेष रूप से बंगाल का बड़ा बुरा हाल था। महंगाई डंक मारने लगी थी। चावल की कीमत दोगुनी से भी ज्यादा हो गई थी..............
Sat, 23 Apr 2022 08:54 PMएक जगह जो दोस्त बनते हैं, दूसरी जगह जाते ही बिछड़ जाते हैं। पुराना डेरा छूट जाता है, गलियां पीछे रह जाती हैं, मुहल्ला किसी तरह यादों में बचा रहता है। पिता कभी मोर्चे पर रहे, तो आसपास ही परिवार भी रहा।
Sat, 16 Apr 2022 09:26 PMजब अपने भगवान राम, भैया लक्ष्मण, माता सीता और सेवकशिरोमणि हनुमान का चित्र बनेगा, तो रंग भी यहीं अपनी मिट्टी से उपजे होने चाहिए। कमाल हो गया, फिर जो चित्र निखरकर आए, जिसने भी देखा, देखता रह गया।
Sat, 09 Apr 2022 10:05 PMअन्य शिकारियों की तरह वह शिकारी महोदय भी यही समझने लगे थे कि जंगली जानवरों को मारकर धरती को रहने लायक बनाना है, उन्हें मारने से इंसानियत को बल मिलता है और इंसानों के बीच इज्जत बढ़ती है।
Sat, 02 Apr 2022 09:28 PMसब अपनी धुन में रहते हैं। कोई बच्चा खेलने-कूदने के मौके तलाशने में दिन-रात लगा देता है, तो किसी की नाक रसोई की ओर ही मुड़ी रहती है। कुछ बच्चे किताबों में ही बसते हैं, तो कुछ अपनी शैतानी से मुहल्ले में
Sat, 26 Mar 2022 11:05 PMमामा बड़े शिकारी थे। मामा ने भांजे के लिए भी एक गन खरीद दी थी। गन का रुतबा ही अलग था। तब ज्यादातर बच्चे पत्थर फेंककर ही निशाना साधते थे, कई बच्चे गुलेल से निशानची बनने की कोशिश करते थे, लेकिन भांजे के...
Sat, 19 Mar 2022 09:28 PMएक दौर था, जब ज्यादातर अत्याचार छिपा रह जाता था, क्योंकि लोग डरकर खामोशी ओढ़ लेते थे। किसी भी सत्ता या रसूखदार के खिलाफ आवाज उठाते हुए हिम्मत ढेर हो जाती थी। आज जैसा सोशल मीडिया तो ख्वाब में भी नहीं...
Sat, 12 Mar 2022 08:41 PMउस दिन सुबह बादल बरसकर सुस्ता रहे थे। ठंडी हवा बादलों और बची हुई बूंदों को लिए बहने की कोशिश में लगी थी। ऐसे मौसम में वह युवती भय और कौतूहल से भरी एयरपोर्ट पहुंच गई थी। आज हवाई जहाज में न केवल पहली...
Sat, 05 Mar 2022 08:57 PMसुबह से शाम, रात तक और फिर नींद में भी मां चाहिए। नींद आती ही इसलिए है, क्योंकि उसे मां बुला लाती हैं और नींद टिकती भी इसलिए है, क्योंकि एक यकीन होता है कि मां, यहीं मेरे आसपास है। हर बात, हर काम के...
Sat, 26 Feb 2022 09:34 PMसंकीर्णता ढलान है, जब कोई उतरने लगता है, तो फंसता चला जाता है। उन दिनों वह देश भी बहुत तेजी से उतरता-फंसता जा रहा था। उसने कैद होने के लिए अपना एक मजहब तय कर लिया था और उसके बाद अपनी भाषा तय करने चला...
Sat, 19 Feb 2022 09:44 PMदुनिया के लिए वह लम्हा निर्णायक था, जब हवा में एक विमान ध्वनि की गति से भी ज्यादा तेज उड़ रहा था। अमेरिका में कैलिफोर्निया के रेगिस्तान के ऊपर एक्स-1 नाम का जेट इतिहास रच रहा था और अद्भुत, अकल्पनीय,...
Sat, 12 Feb 2022 09:06 PMकहते हैं, यह कमाल की किताब है, जिसे वह लड़का पढ़ रहा है। 468 पेज का एक उपन्यास, उडेल का वह प्रिंटर। जिसे हेरोल्ड बेल राइट ने 1903 में लिखा था। उपन्यास शुरू में ही उस लड़के को रिझा गया, क्योंकि उसमें एक...
Sat, 05 Feb 2022 08:50 PMसूचना पूरी बस्ती में आग की तरह फैल गई थी कि नए मास्टर साहब पढ़ाने आने वाले हैं। कभी कक्षा में न आने वाले छात्रों तक भी खबर पहुंच गई थी, जो जहां था, शायद वहीं से कक्षा की ओर चल पड़ा। ग्लासगो शहर की सबसे...
Sat, 29 Jan 2022 09:19 PMनफरत से लबालब उस बत्तीस वर्षीय अंग्रेज प्रोफेसर का यह सबसे प्रिय जुमला था, ‘जिस तरह यूनानियों ने संपर्क में आए बर्बर लोगों को अपने जैसा बना दिया था, ठीक उसी तरह अंग्रेजों का अभियान भारतीयों को...
Sat, 22 Jan 2022 08:49 PMवह महान खिलाड़ी गिड़गिड़ा रहा था कि उसने ऐसा कोई अपराध नहीं किया है, जिसकी ऐसी कड़ी सजा दी जा रही है। वह बार-बार याचना कर रहा था कि मुझे उम्मीद है, सच जानते हुए माफ कर दिया जाएगा कि मैं एक रेड इंडियन...
Sat, 15 Jan 2022 09:18 PMसंग्राम केवल बाहर ही नहीं चलते, हमारा शरीर भी अनगिनत संग्रामों की भूमि है। कभी शरीर की आवाजों को सुनिए, तो पता चलता है कि अंगों में अंदर जगह-जगह कुछ चल रहा है। सबसे भयावह आवाजें उदर से आती हैं, वहां...
Sat, 08 Jan 2022 09:50 PM