मेरी कहानी खबरें

तंबूरे ने उन्हें कबीर तक पहुंचा दिया

चार-पांच तार वाले इस बड़े साज से मधुर आवाज निकल रही थी। चांदनी रात थी और बस तंबूरा था। शिक्षक मुग्ध थे, पता नहीं, तंबूरे की आवाज चांदनी को चमका रही थी या चांदनी की मधुरता तंबूरे के स्वर में घुल रही...

Sat, 03 Jun 2023 08:43 PM

वह सिखा गए लड़ाई रोकने का सलीका

महज हजार-लाख की आबादी वाले अदने-बौने देशों को भी घमंड था कि दुनिया में सिर्फ हम ही सही हैं। खुद को बहुत बुद्धिमान समझ रहे देशों में ऐसी-ऐसी मूर्खताएं सुलग रही थीं, जिनकी आग में दुनिया के एक बड़े...

Sat, 27 May 2023 09:16 PM
kv

ऐसे मिला था कन्नड़ को अपना राष्ट्रकवि

जब दिखावे से ही बहुत कुछ हासिल हो जाता हो, तब भला कोई अपना असली रूप क्यों सामने आने दे? बहुत लोग अपने नकलीपने पर इतने इतराते जीते हैं कि अपनी असलियत से भी नफरत करने लगते हैं। अपने संस्कार, बोली...

Sat, 13 May 2023 10:39 PM
research

एक किताब में ढेरों हसीन तितलियां

विशाल ब्रह्मांड में एक जीरा बराबर पृथ्वी और उस जीरे में जरा सा एक मुल्क और उस मुल्क में एक अदना सा इंसान। वह अपनी जिंदगी में बहुत जोर लगाकर भी छटांक भर जान पाता है और अथाह को जाने बिना ही दुनिया...

Sat, 22 Apr 2023 11:26 PM
martha

राधाजी ने बना दिया सर्वश्रेष्ठ नृत्यांगना

सच्ची लयकारी बाहर से नहीं आती, अंदर से उठती है और नृत्य का मन होता है। उस लड़की का मन भी लय से सराबोर था। अमेरिका के सांता बारबरा, कैलिफोर्निया में रहने वाला उसका परिवार लगभग नियमित चर्च जाता था...

Sat, 15 Apr 2023 11:03 PM
vidhan

कांटों के बीच चुन लिए सिर्फ गुलाब

मानो गुलाब का बाग है जिंदगी। जितने फूल खिलते हैं, उससे कहीं ज्यादा कांटे हर पल चुभने को तैयार रहते हैं। जिंदगी जीने के लिए या फूल सहेजने के लिए कांटों से बचने का सलीका आना चाहिए। जो लोग अपनी...

Sat, 08 Apr 2023 10:10 PM
kumar

जब विज्ञान ने कला को दिया पुनर्जीवन

सीढ़ियों के पानी में उतरने और पानी के सीढ़ियों पर चढ़ने से ही घाट का संसार बनता है। जैसे कला जब विज्ञान का स्पर्श पा बरसने लगती है और जब विज्ञान धीरे से कला के आंगन में नहाने लगता है, तब विद्या...

Sat, 01 Apr 2023 10:28 PM
shanta

तुम्हें खुद के लिए खड़ा होना पड़ेगा

सब खेलों में उन्हें सबसे ज्यादा प्रिय क्रिकेट था। अपने आंगन, गली में ही जुगाड़ के बैट-बॉल से वो बहनें जलवा बिखेरती थीं। वाकई, हर परिवार एक टीम होता है, पर उस टीम में पापा नहीं थे, मजबूत मम्मी की...

Sat, 25 Mar 2023 10:47 PM
totaram

एक पत्र से निकली आजादी की राह

आज अनेक देशों में भारतवंशी कामयाबी का बिगुल बजा रहे है, पर यह बिगुल फूंकने का जो दमखम है, वह कोई दो-तीन दशक में नहीं पैदा हुआ है। इसके पीछे दर्द और दिलेरी की अनगिनत दास्तान हैं। वैसे भूल जाना...

Sat, 18 Mar 2023 10:52 PM

जिन आंखों में दिखी विश्व गुरु की चमक

संसार में निर्मलता का अकाल पड़ गया है। मन-मस्तिष्क में ओछे स्वार्थों से इतना प्रदूषण पैठ गया है कि अब कुछ भी सहज, सरल संभव नहीं लगता। आप एक शब्द पेश करते हैं, तो सामने वाला उसे तुरंत अपने किसी...

Sat, 11 Mar 2023 10:32 PM
ravi verma

काले घोड़े से शुरू यह रंगों की दौड़

आप खेलिए रंगों से एक दिन, पर कोई है, जो रोज सुबह-शाम खेलता है। रवि अर्थात सूर्य उगने से काफी पहले ही रंग लुटाने लगता है। पल-पल रंग बदलता है, तेजी-गरमाहट लाता है और ज्वार-सा चढ़ता जाता है। और सुदूर...

Sat, 04 Mar 2023 10:17 PM
niketu

घर में लगी हो आग, तो पानी ही चाहिए

ज्यादातर लोगों को तोड़ने में बहुत आनंद आता है। परिवार, समाज से लेकर प्रदेश, देश तक, जहां तक या जहां भी घृणा की तलवार चल जाए, वे तोड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं। अलग रहने या अलग हो जाने का अपना...

Sat, 25 Feb 2023 10:18 PM
jyotiba

सामाजिक न्याय की राह में पहला बिगुल

जब विवाह हो गया हो, तब अपने किसी साथी की बारात में शामिल होने का उत्साह ही कुछ अलग होता है। उस दुबले-पतले लड़के की भी यही मनोस्थिति थी। रह-रहकर एहसास होता था, मुझे सब पता है कि अब क्या होगा। मन...

Sat, 18 Feb 2023 10:05 PM

रोग से इतना डरकर नहीं चलेगा काम

एक दिन यह ‘अभय साधक’ साफ-सफाई का काम निपटाकर घर लौट रहे थे। रात चढ़ चली थी। हल्की बारिश की झड़ी लगी हुई थी। तभी सड़क किनारे कुछ अजीब सरकता दिखाई दिया। लगा कि चिथड़ों का कोई गट्ठर चला जा ...

Sat, 11 Feb 2023 11:20 PM

मैं राधा बन जाऊं और तुम कृष्ण

कहा जाता है, बिना डूबे मोती हासिल नहीं होता। वह युवा भी अपने हिस्से के मोती की खोज में लगा था। कला दुनिया में ही रहता था, लंदन में रॉयल कॉलेज ऑफ आर्ट में शिक्षा ले रहा था। मन में भारत बसा था, वह...

Sat, 04 Feb 2023 08:43 PM
narayana murti

जब ट्रेन से जबरन उतार दिया गया

रेल यात्रा की बात ही अलग है। रेल जितनी तेज दौड़े, उतनी ही तेजी से खिड़की के बाहर पेड़, जंगल, पहाड़, कस्बे गुजरते हैं, मानो कहीं भाग रहे हों। किसी भी रेल यात्रा में थोड़ा सा ही कुछ पास बचा रहता है...

Sat, 28 Jan 2023 08:36 PM
marsel

बहुत उड़ते हैं विमान खूब कोलाहल लिए

इंसानों का शुरू से ही आसमान में उड़ने का बहुत मन करता है। आज से चार सौ साल से भी पहले यूरोप में विलियम शेक्सपियर लिख रहे थे, मेरी आत्मा हवा में है... गरुण की उड़ान भरती हुई, निडर और आगे, पीछे कोई...

Sat, 21 Jan 2023 09:21 PM
layzli

फुटबॉल खिलाड़ी को बुला ले गई हॉकी

मन ही तो है, कहीं ज्यादा लगता है, तो कहीं कम, पर उसका मन तो मानो मैदान में डूबा रहता था। मैदान में दौड़ते, फुटबॉल के पीछे भागते सुबह से शाम हो जाती थी। शरीर थक जाता था, पर मन भागता रहता था...

Sat, 14 Jan 2023 09:02 PM
kelucharan

गुरुजी ने नृत्य को प्रार्थना बना दिया

युद्ध सृष्टि विरुद्ध आचरण है। भले दुनिया के किसी कोने होता हो, पर दूर के अनेक इलाकों में न जाने कितनों को रुलाता, तोड़ता और लूट लेता है। उस 17 वर्षीय ओड़िया किशोर का भी युद्ध से बुरा हाल था। वह आठ...

Sat, 07 Jan 2023 10:13 PM
sarvepalli radhakrishnan

जब गरीब छात्र को मुफ्त मिलीं किताबें

समस्या यह थी कि पुत्र को कॉलेज पढ़ने कैसे भेजा जाए, कहां से जुटेंगे पैसे? बेहतर है कि पुत्र पुजारी बन जाए, लगे हाथ कुछ कमाई शुरू हो जाएगी। पुजारी बनने का एक फायदा यह भी था कि गांव में ही रहने से काम...

Sat, 31 Dec 2022 10:33 PM