ओलंपिक पर निशाना
पेरिस में ओलंपिक उद्घाटन समारोह से कुछ घंटे पहले फ्रांस में रेल सेवा जिस तरह से प्रभावित हुई है, वह चिंताजनक है। शायद किसी सोची-समझी कारस्तानी के तहत वहां सामान्य परिवहन को बाधित करने की साजिश की....
पेरिस में ओलंपिक उद्घाटन समारोह से कुछ घंटे पहले फ्रांस में रेल सेवा जिस तरह से प्रभावित हुई है, वह चिंताजनक है। शायद किसी सोची-समझी कारस्तानी के तहत वहां सामान्य परिवहन को बाधित करने की साजिश की गई है। फ्रांसीसी रेलवे कंपनी एसएनसीएफ के मुताबिक, उसके हाई स्पीड नेटवर्क को पंगु बनाने के इरादे से इस कृत्य को अंजाम दिया गया है। शुरुआती खबरों से पता चलता है कि कुछ जगहों पर उपद्रवियों ने आगजनी की है, जिससे रेलवे को नुकसान हुआ है। स्थिति इतनी चिंताजनक है कि प्रभावित रेल सेवा कंपनी ने यात्रियों से अपनी यात्रा स्थगित करने का आग्रह किया है। मरम्मती का कार्य चल रहा है, पर वहां परिवहन के सामान्य होने में कम से कम दो दिन का समय लग जाएगा। रेलवे कंपनी शुरुआती रूप से यही मान रही है कि आग जान-बूझकर लगाई गई है। अब खुफिया सेवाओं व कानून लागू करने वाली तमाम एजेंसियों को लामबंद कर दिया गया है। दुनिया के सबसे बडे़ खेल आयोजन के ठीक पहले ऐसा होना, वाकई, सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत बड़ा विषय होना चाहिए। यह दुनिया की दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी कान खोले रखने का समय है।
फ्रांस के पश्चिम, उत्तर और पूर्व में रेल लाइनें ज्यादा प्रभावित हुई हैं, तो इसका क्या संकेत है? पड़ोसी देश बेल्जियम और इंग्लिश चैनल के तहत लंदन जाने वाली ट्रेनें भी प्रभावित हुई हैं। हालांकि, उपद्रवियों की साजिश से ऐसा लगता है कि उनका निशाना पेरिस को रेल नेटवर्क से काटना था। ध्यान रहे, फ्रांस ने ओलंपिक के सुरक्षित आयोजन के लिए मजबूत पहरा बिठा रखा है। 45,000 से भी अधिक पुलिस, 10,000 सैनिक और 2,000 निजी सुरक्षा एजेंट तैनात हैं। स्नाइपर छतों पर हैं और ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है। इसके बावजूद अगर रेल सेवा को बाधित करने की साजिश कामयाब हो गई है, तो यह पहली नजर में सुरक्षा या खुफिया चूक है। अब हमले के बाद सुरक्षा को और चाक-चौबंद कर दिया गया है, लेकिन सबसे जरूरी है, ऐसी कायरतापूर्ण साजिश करने वालों का पता लगाना। फ्रांस के अनेक नेता इसे ओलंपिक ही नहीं, बल्कि फ्रांस पर हमला मान रहे हैं, मगर वास्तव में यह फ्रांस पर ही नहीं, बल्कि खेलों की दुनिया और अमन-चैन के सकारात्मक प्रयासों पर हमला है।
जब दुनिया में जगह-जगह युद्ध लड़े जा रहे हैं, अनेक जगहों पर आतंकवाद और उपद्रव की स्थिति है, तब भी ओलंपिक दुनिया को जोड़ रहा है। दुनिया के 206 से ज्यादा देशों के 10,714 से ज्यादा खिलाड़ी इस ओलंपिक में भाग ले रहे हैं। 32 खेलों में 329 आयोजन होंगे, पर इतने बड़े आयोजन को भी जो लोग निशाना बना रहे हैं, वे बेशक मानवता विरोधी हैं। अराजक तत्वों के प्रति तमाम देशों को सतर्क हो जाना चाहिए। ऐसे घटिया तत्व या समूह पहले लोकतंत्र की दुहाई देकर अपनी जगह बनाते हैं और उसके बाद अपनी मनमानी पर उतर आते हैं। ऐसे तत्वों के खिलाफ दुनिया को समान रूप से ईमानदार होना पडे़गा। दुनिया के हर रंग, हर नस्ल को गले लगाने वाला कला और साहित्य से सराबोर शहर पेरिस आज संसार के करीब दो अरब लोगों की निगाह में है। उसके आस-पास के 16 शहर सद्भाव और उल्लास से विभोर हो रहे हैं। लोकतांत्रिक और विकसित फ्रांस की अच्छी छवि निस्संदेह दुनिया को ज्यादा उदार और समझदार बनाने में मददगार होगी, लेकिन जिन अराजक तत्वों ने उसकी चमक पर दाग लगाने की साजिश रची है, उन्हें कतई बख्शा न जाए।