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अंतरिक्ष में राजा चारी

भारत और इसके विज्ञान के लिए भी ये गौरव के क्षण हैं, जब भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री राजा चारी स्पेसएक्स-नासा सहयोगी क्रू-3 मिशन का नेतृत्व करेंगे। यह यान महीने के अंत में चार अंतरिक्ष यात्रियों को...

अंतरिक्ष में राजा चारी
हिन्दुस्तानSun, 10 Oct 2021 11:29 PM

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भारत और इसके विज्ञान के लिए भी ये गौरव के क्षण हैं, जब भारतीय मूल के अंतरिक्ष यात्री राजा चारी स्पेसएक्स-नासा सहयोगी क्रू-3 मिशन का नेतृत्व करेंगे। यह यान महीने के अंत में चार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले जाने की तैयारी में जुटा है। इस अभियान के तहत राजा चारी, टॉम मार्शबर्न और कायला बैरोन के अलावा यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के यात्री मथायस मौरर भी अंतरिक्ष स्टेशन पर जाएंगे। तय कार्यक्रम के अनुसार, चार अंतरिक्ष यात्री 31 अक्तूबर को फ्लोरिडा में नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से रवाना होंगे। अंतरिक्ष यात्री के रूप में राजा चारी के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि वह इस दल का नेतृत्व करेंगे। प्रारंभ से समापन तक वह अभियान के हर चरण के लिए जिम्मेदार होंगे। भारतीय पिता श्रीनिवास चारी तेलंगाना से अमेरिका गए थे और राजा चारी का जन्म वहीं हुआ है। वह अमेरिकी वायु सेना के पायलट हैं और साल 2017 में उनका चयन अंतरिक्ष यात्री के रूप में हुआ था। अब वह अपनी योग्यता के आधार पर ताजा अंतरिक्ष अभियान के कमांडर के रूप में चयनित हुए हैं।

मिल्वौकी में जन्मे राजा चारी की यह पहली अंतरिक्ष उड़ान होगी। अमेरिकी वायु सेना में कर्नल राजा चारी को 2,500 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव है। वाकई  अब 31 अक्तूबर पर दुनिया की निगाह होगी। गौर करने की बात है कि विगत 15 सितंबर को चार आम नागरिकों का दल अंतरिक्ष यात्रा पर गया था और उसे भी दुनिया में बहुत गौर से देखा गया था। अंतरिक्ष यात्री के रूप में दो साल तक प्रशिक्षण लेने के बाद दिसंबर 2020 में चारी को आर्टेमिस टीम का एक हिस्सा बनने के लिए चुना गया था, जो अंतरिक्ष यात्रियों का खास समूह है। यह अभियान 2024 में चंद्र सतह पर चहलकदमी के लिए पहली महिला और अगले पुरुष को भेजने से पहले की तैयारी की ही एक कड़ी है। बताया जा रहा है कि नासा को वर्षों बाद कोई ऐसा अंतरिक्ष यात्री मिला है। 44 वर्षीय चारी अमेरिका के इराक अभियान का हिस्सा रहे हैं और सेना के सम्मानित अधिकारी हैं। उन्हें अपने दल के साथ आगामी छह महीने अंतरिक्ष स्टेशन पर बिताने हैं और अगले अभियान संबंधी शोध को आगे बढ़ाना है।
आजकल अंतरिक्ष स्टेशन पर अनेक तरह के प्रयोग का दौर जारी है। अंतरिक्ष में रहने के लिए न केवल यात्रियों को अभ्यस्त किया जा रहा है, बल्कि नासा अपने अंतरिक्ष केंद्र पर अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण को भी लगातार विकसित कर रहा है। आगे वाले दिनों में मंगल या चांद संबंधी अभियानों में ज्यादा कुशल अंतरिक्ष यात्रियों की जरूरत पडे़गी। राजा चारी की अब तक की सफलता शानदार है और अगर वह आगे भी अपनी कुशलता साबित करते हैं, तो चांद या मंगल की ओर जाने वाले अभियानों के लिए भी उनका चयन संभव है। राजा चारी से पहले भारतीय मूल की कल्पना चावला, सुनीता विलियम्स, भारतीय राकेश शर्मा और सबसे हाल ही में भारतीय मूल की अमेरिकी शिरीषा बंदला को अंतरिक्ष यात्रा का सौभाग्य मिल चुका है। राजा चारी भारतीय मूल के पांचवें अंतरिक्ष यात्री होंगे। उनकी सफलता से भारतीय वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों को भी प्रेरणा मिलेगी। भारत को भी अपने अंतरिक्ष विज्ञान पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। जरूरी है कि हम भी अंतरिक्ष में मानव अभियान भेजने में निकट भविष्य में सक्षम बनें।
 

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