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दुर्घटना के बाद

  कहा जाता है कि एक दुर्घटना सिर्फ दुर्घटना होती है, लेकिन अगर दुर्घटनाएं एक से ज्यादा हो जाएं, तो वे कई शक-शुबहों और आशंकाओं को पैदा करती हैं। अगर एक जैसी दो दुर्घटनाएं हो जाएं, तो वे नई...

दुर्घटना के बाद
हिन्दुस्तानTue, 12 Mar 2019 12:54 AM
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कहा जाता है कि एक दुर्घटना सिर्फ दुर्घटना होती है, लेकिन अगर दुर्घटनाएं एक से ज्यादा हो जाएं, तो वे कई शक-शुबहों और आशंकाओं को पैदा करती हैं। अगर एक जैसी दो दुर्घटनाएं हो जाएं, तो वे नई सावधानियों और व्यवस्थाओं का कारण बनती हैं। दो दिन पहले इथियोपियन एयरलाइंस की भीषण विमान दुर्घटना के बाद यही हुआ है। कंपनी के बोइंग 373 मैक्स विमान की जिस समय दुर्घटना हुई, उसमें 157 यात्री सवार थे। अदिस अबाबा के हवाई अड्डे से उड़ान भरने के छह मिनट बाद ही विमान के परखचे उड़ गए और यात्रियों व विमान चालक दल में से किसी को भी नहीं बचाया जा सका। यात्रियों में चार भारतीय भी थे। छह महीने पहले भी बोइंग के 737 मैक्स विमान की एक इतनी ही भीषण दुर्घटना हुई थी। अक्तूबर महीने में इंडोनेशिया के जावा में लॉयन एयर का यह विमान जब दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तब उसमें यात्रियों समेत कुल 189 लोग सवार थे। समुद्र के ऊपर दुर्घटनाग्रस्त हुए इस विमान में भी किसी को नहीं बचाया जा सका था। लॉयन एयर का वह विमान क्यों दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जांच एजेंसियां अभी भी यह जानने की कोशिश कर रही हैं और अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी हैं। इस बीच इथियोपियन एयरलाइंस के विमान की दुर्घटना के बाद शक की सुई बोइंग की तरफ भी मुड़ने लगी है। एक आशंका यह उभर रही है कि कहीं इस विमान की तकनीकी खामी ही तो दुर्घटना का कारण नहीं है। दुनिया की तमाम एयरलांइस और कई देश इसे लेकर सतर्क हो गए हैं। चीन ने तो अपने देश में तमाम विमानन कंपनियों को इस विमान का इस्तेमाल रोकने को कहा है। भारत ने भी अपनी सभी एयरलाइंस से यह जानकारी मंगाई है कि इस विमान का उपयोग कहां-कहां हो रहा है? सतर्कता की ऐसी ही खबरें बाकी तमाम देशों से भी आ रही हैं।
बोइंग 373 मैक्स की गिनती इस बाजार के आधुनिकतम विमानों में होती है। दो साल पहले लांच हुए अमेरिकी कंपनी बोइंग के इस नवीनतम मॉडल को लेकर यह दावा किया जाता रहा है कि हवाई सफर का यह सबसे सुरक्षित विमान है। शायद इसीलिए पूरी दुनिया में काफी बड़ी संख्या में इसे खरीदा भी गया। बताया गया है कि इस मॉडल के लिए कंपनी को अभी तक पांच हजार से ज्यादा ऑर्डर मिल चुके हैं, लेकिन आपूर्ति अभी तक 350 विमानों की ही हो सकी है। चिंता भी इसीलिए बड़ी है कि इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है। अगर हम भारत को ही लें, तो पिछले कुछ समय में हमारे यहां जिस तेजी से घरेलू हवाई यातायात बढ़ा है, तमाम कंपनियों ने नए विमान खरीदे हैं। इसलिए संभव है कि बड़ी संख्या में ये विमान भारत में भी इस्तेमाल हो रहे हों।
यह ठीक है कि अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता, क्योंकि दुर्घटना के सिर्फ दो ही मामले सामने आए हैं। विमान के इस मॉडल विशेष को लेकर शक और आशंका ही ताजा चिंता का सबसे बड़ा कारण है। तकनीकी खामी के अलावा विमान दुर्घटना मौसम और मानवीय गलती तक कई कारणों से हो सकती है, इसलिए अभी कुछ निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता। जैसी कि उम्मीद थी बोइंग कंपनी तकनीकी खामी की बात से इनकार कर रही है। इस तरह की आशंकाएं और उन पर चर्चा भी जरूरी होती है, क्योंकि विमान बनाने वाली कंपनियों पर हवाई यात्रा को और सुरक्षित बनाने का दबाव बनता है। 

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