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टोनी मॉरीसन का जाना

वह नोबेल पुरस्कार पाने वाली दुनिया की पहली अश्वेत महिला थीं। उन्हें 1993 में साहित्य का नोबेल मिला था। इसके पूर्व उपन्यास बीलव्ड  के लिए उन्हें 1988 में पुलित्जर पुरस्कार भी मिला था। इस उपन्यास...

टोनी मॉरीसन का जाना
डॉयचे वेले वेब पोर्टल सेThu, 08 Aug 2019 12:41 AM
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वह नोबेल पुरस्कार पाने वाली दुनिया की पहली अश्वेत महिला थीं। उन्हें 1993 में साहित्य का नोबेल मिला था। इसके पूर्व उपन्यास बीलव्ड  के लिए उन्हें 1988 में पुलित्जर पुरस्कार भी मिला था। इस उपन्यास में एक मां की कहानी थी, जो जिस्मफरोशी के धंधे से बचाने के लिए अपनी बेटी का कत्ल कर देती है। ओहायो के लॉरियान कस्बे में 1931 में पैदा मॉरीसन के परिवार को भारी नस्लभेद का सामना करना पड़ा था। उनके परिवार के सामने कई लोगों की लिंचिंग तक कर दी गई थी। इन घटनाओं का मॉरीसन के जीवन पर बड़ा प्रभाव रहा। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने अपना टीचिंग करियर शुरू किया। वह टेक्सास सदर्न यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगीं।

इसी दौरान उन्होंने अपना पहला उपन्यास द ब्लूएस्ट आई  लिखा। इसमें एक अश्वेत लड़की की कहानी है, जो गोरे रंग के प्रति आकर्षण के चलते अपनी आंखों का रंग नीला करा लेती है। साल 1998 में टाइम  मैग्जीन ने उन्हें अपने कवर पर जगह दी। साल 2008 में मॉरीसन ने पहली बार राजनीतिक रूप से मुखर होते हुए बराक ओबामा का राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन किया था। इसके चार वर्ष बाद 45 वर्षीय बेटे की कैंसर से मौत से उन्हें गहरा सदमा लगा। उस वक्त मॉरीसन अपना उपन्यास होम  लिख रही थीं, लेकिन बेटे के गम में वह उसे कभी पूरा न कर सकीं।

 

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