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त्रिपुरा की प्रदूषित नदियां

यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन भारत में गंगा मिशन ने सबसे ज्यादा प्रदूषित जिन 36 नदियों की सूची तैयार की है, उनमें से चार पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में हैं। यह हाल तब है, जब राज्य में कोई उद्योग...

त्रिपुरा की प्रदूषित नदियां
डॉयचे वेले में प्रभाकरMon, 15 Jul 2019 10:20 PM
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यह सुनकर आश्चर्य हो सकता है, लेकिन भारत में गंगा मिशन ने सबसे ज्यादा प्रदूषित जिन 36 नदियों की सूची तैयार की है, उनमें से चार पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में हैं। यह हाल तब है, जब राज्य में कोई उद्योग नहीं है। नदियों के प्रति सरकारी उपेक्षा और आम लोगों में जागरूकता का अभाव ही इनके प्रदूषित होने की प्रमुख वजहें हैं। 
एवाइरल गंगा मिशन (एजीएम) के विशेषज्ञों ने सबसे ज्यादा प्रदूषित जिन 36 नदियों की सूची तैयार की है, उनमें से चार, हाओड़ा, मनु, बूढ़ीमां और गोमती नदियां भी शामिल हैं।

वाटरमैन के नाम से मशहूर राजेंद्र सिंह कहते हैं कि त्रिपुरा में सालाना औसतन 2,200 मिलीमीटर बारिश होती है। बावजूद इसके नदियों की हालत ठीक नहीं है। नदियों के सूखने और प्रदूषित होने की वजह से राजधानी अगरतला में पानी का संकट भी गंभीर होता जा रहा है। हाओड़ा नदी ही अगरतला में पानी का मुख्य स्रोत है।

सरकार का कहना है कि इसके सूखने और कई जगहों पर प्रदूषित होने की वजह से जल-संकट लगातार बढ़ रहा है। इसी वजह से सरकार ने 70 किलोमीटर दूर गोमती नदी से नहर के जरिए पानी लाने की योजना बनाई है। लेकिन पर्यावरणविदों ने 665 करोड़ की इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा है कि इसकी बजाय सरकार को हाओड़ा नदी को पुनर्जीवित करने पर ध्यान देना चाहिए।

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