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नींद और खर्राटे

खर्राटे मोहब्बत के नूर की तरह हैं। आप जानते ही नहीं कि वे आपसे फूट रहे हैं, इनसे दूसरे प्रभावित होते और बताते हैं। जैसे यह प्रकट होता है कि ‘डूड, यू आर इन लव’, उसी तरह से यह रहस्योद्घाटन...

नींद और खर्राटे
स्कंद शुक्ल की फेसबुक वॉल सेWed, 03 Apr 2019 11:38 PM
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खर्राटे मोहब्बत के नूर की तरह हैं। आप जानते ही नहीं कि वे आपसे फूट रहे हैं, इनसे दूसरे प्रभावित होते और बताते हैं। जैसे यह प्रकट होता है कि ‘डूड, यू आर इन लव’, उसी तरह से यह रहस्योद्घाटन होता है कि ‘डूड, यू स्नोर, ऐंड ड दैट टू लाउड्ली’। खर्राटों का संबंध अवरुद्ध श्वसन से है। सांसें अबाध रूप से फेफड़ों में नहीं जा रहीं : यह स्थिति ‘ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एप्निया’ के साथ पाई जा सकती है। सांस लेते-लेते नींद के दौरान कुछ क्षणों के लिए यह रुक जाती है : इसे ही मेडिकल भाषा में ‘एप्निया’ कहा गया है।

नींद प्रेम की तरह है। प्रेम कितनी बार हुआ, यह महत्वपूर्ण नहीं। कितना गहरा हुआ, यह खास है। जो अपनी रात खर्राटों भरी नींद के साथ गुजारते हैं, बहुधा वे ढंग से सो नहीं पाते। नींद की गुणवत्ता घटिया होने के कारण निद्रा-दरिद्र व्यक्ति दिन में उसे तलाशता है। वह जहां-तहां ऊंघने लगता है।... आलस्य युक्त छवि देखकर लोग हास्य अधिक ढूंढ़ते हैं, सहानुभूति कम दिखाते हैं। हास-परिहास के बावजूद खर्राटे बीमार नींद के परिचायक हैं, जिन पर काम करना चाहिए। यद्यपि अभी यहां लोग बीमार जागरण से ही नहीं जूझ पा रहे : लेकिन यह बहाना बनाने से काम नहीं चलेगा। आधुनिक समाज के लिए अपनी नींद और अपने जागरण, दोनों को स्वस्थ रखना आवश्यक है।

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