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विज्ञान और महिलाएं

अगर आपने ब्रिटिश साइंस जर्नलिस्ट एंजेला सैनी की किताब इनफीरियर  पढ़ी है, तो आपको 2019 में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पर कतई हैरानी नहीं होगी। इस बार विज्ञान के लिए नोबेल पाने वालों में सिर्फ पुरुष...

विज्ञान और महिलाएं
द क्विंट में माशाSat, 19 Oct 2019 12:59 AM
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अगर आपने ब्रिटिश साइंस जर्नलिस्ट एंजेला सैनी की किताब इनफीरियर  पढ़ी है, तो आपको 2019 में नोबेल पुरस्कारों की घोषणा पर कतई हैरानी नहीं होगी। इस बार विज्ञान के लिए नोबेल पाने वालों में सिर्फ पुरुष वैज्ञानिक हैं। दो महिलाओं को पिछले साल भौतिकी और रसायन में नोबेल मिल चुका है और यह उनके लिए काफी माना जा सकता है। यह बात और है कि 1901 से अब तक विज्ञान के लिए 600 से अधिक नोबेल दिए जा चुके हैं, और इनमें सिर्फ 20 महिला वैज्ञानिक शामिल हैं।

जिन एंजेला सैनी की किताब इनफीरियर  का जिक्र मैंने ऊपर किया है, उसकी कैचलाइन है ‘हाऊ साइंस गॉट विमेन रॉन्ग ऐंड द न्यू रिसर्च दैट्स रीराइटिंग द स्टोरी।’ विज्ञान ने महिलाओं के साथ जो भेदभाव किया है, इस किताब में इसी का विश्लेषण किया गया था। अक्सर स्टेम यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनिर्यंरग और मैथ्स की शिक्षा में लड़कियों की संख्या कम होती है। फिर पूछा जाता है कि विज्ञान आखिर किसका विषय है? पर विज्ञान जो भेद करता है, उसका क्या? चूंकि विज्ञान के क्षेत्र में भी पुरुषों का प्रभुत्व है। इंफीरियर में वैज्ञानिकों के इंटरव्यू हैं और कहा गया है कि वैज्ञानिक शोध खुद औरतों को कमतर मानते हैं, जिसकी एक वजह यह है कि उन शोधों को करने वाले पुरुष ही हैं।

 

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