सब अच्छा है
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कह रहा है कि जिन देशों की अर्थव्यवस्था इस वक्त सबसे सुस्त है, उनमें ब्राजील और भारत ऊपरी पायदान पर हैं। एनएसएसओ ने ताजा लेबर सर्वे में कहा कि भारत में इस वक्त जितनी बेरोजगारी...
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष कह रहा है कि जिन देशों की अर्थव्यवस्था इस वक्त सबसे सुस्त है, उनमें ब्राजील और भारत ऊपरी पायदान पर हैं। एनएसएसओ ने ताजा लेबर सर्वे में कहा कि भारत में इस वक्त जितनी बेरोजगारी है, वह पिछले 45 वर्षों में सबसे ज्यादा है। मैं भारतीय नागरिक नहीं, फिर भी मेरा दिल इन आंकड़ों को नहीं मान रहा। क्योंकि विश्व बैंक हो या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष या स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, सभी कह रहे हैं कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इतनी नीचे चली गई है कि अगर इस वित्तीय वर्ष में यह दो प्रतिशत की विकास दर को भी छू ले, तो मानो भाला मार लिया।
मगर इमरान सरकार भी यही कह रही है कि सब अच्छा है। जनता इन आंकड़ों के फेरे में मत आए, बल्कि यह देखे कि इस वर्ष टैक्स खाते में पिछले साल के मुकाबले दोगुने नाम दर्ज हुए। महंगाई मत देखिए, यह देखिए कि किस तरह हम टैक्स चोरों को उल्टा लटका रहे हैं। अगले वर्ष और अच्छा हो जाएगा, बस घबराना नहीं है।
फ्रांस की रानी ने इतना ही तो कहा था कि लोगों को रोटी नहीं मिल रही, तो वे केक क्यों नहीं खा लेते? उसके बाद फ्रांस उलट गया। मुझे लगता है कि गड़बड़ी आदमी के दिमाग में नहीं, शासन की गद्दी में है। इस पर बैठते ही सब अच्छा महसूस होने लगता है।