मिस्टेक
मंटो जबरदस्त कहानीकार थे। मिस्टेक उन्हीं की लिखी हुई कहानी है। हिंदू- मुस्लिम दंगों के दौरान एक आदमी किसी की हत्या कर देता है। हत्या करने के बाद पता चलता है कि जिसकी हत्या की गई, उसका धर्म और हत्या...
मंटो जबरदस्त कहानीकार थे। मिस्टेक उन्हीं की लिखी हुई कहानी है। हिंदू- मुस्लिम दंगों के दौरान एक आदमी किसी की हत्या कर देता है। हत्या करने के बाद पता चलता है कि जिसकी हत्या की गई, उसका धर्म और हत्या करने वाले का धर्म एक ही है। यह जानकारी मिलने पर हत्यारा कहता है ‘मिस्टेक’ हो गई। मिस्टेक आजकल भी हो जाती है और इसी मिस्टेक को ठीक करने के लिए अलग-अलग धर्मों के ‘सच्चे’ लोगों का एक डेलीगेशन ऊपर गया। उन्होंने ऊपर वाले से कहा- तू सब जानता है। तू हमारी सहायता कर। ऊपर वाले ने कहा- क्या चाहते हो?... नीचे वालों ने कहा- हम चाहते हैं कि हमें आदमी को मारने से पहले उसका धर्म पता चल जाए। आप कुछ ऐसा कर दें। ऊपर वाले ने कहा- जाओ, तुम्हारी इच्छा पूरी होगी। ऊपर वाले का करना कुछ ऐसा हुआ कि अब जो बच्चे पैदा होते हैं, उनके माथे पर उनका धर्म लिखा होता है। पैदा हुए बच्चे को अगर किसी दूसरे धर्म का प्रतीक दिखा दिया जाता है, तो वह चीखने लगता है। अपने धर्म का झंडा देख किलकारियां मारने लगता है। ऐसे ‘धर्मप्रेमी’ लोगों को देखने एक दिन मंटो धरती पर आ गए। उन्होंने कहा- कहानी तो मैं अब लिखूंगा। मंटो कहानी लिख ही रहे थे कि किसी ने चाकू घोंपकर उन्हें मार डाला और बोला ‘मिस्टेक’ नहीं हुई।
असगर वजाहत की फेसबुक वॉल से