इस जिर्नंपग को जानते हैं
इक्कीसवीं सदी में ऐसे बहुत कम नेता हैं, जो गुफा में रहे हों, जिन्होंने खेतों में मेहनत की हो, फिर वह सत्ता के शिखर पर पहुंचे हों। पांच दशक पहले जब चीन में सांस्कृतिक क्रांति का तूफान आया था, तब 15...
इक्कीसवीं सदी में ऐसे बहुत कम नेता हैं, जो गुफा में रहे हों, जिन्होंने खेतों में मेहनत की हो, फिर वह सत्ता के शिखर पर पहुंचे हों। पांच दशक पहले जब चीन में सांस्कृतिक क्रांति का तूफान आया था, तब 15 बरस के शी जिनपिंग ने देहात में एक मुश्किल भरी जिंदगी की शुरुआत की थी। चीन के अंदरूनी इलाके में, जहां चारों तरफ पीली खाइयां थीं, ऊंचे-ऊंचे पहाड़ थे, वहीं से जिनपिंग की जिंदगी की जंग शुरू हुई थी। जिस इलाके में उन्होंने खेती-किसानी की शुरुआत की, वह गृह युद्ध के दौरान चीन के कम्युनिस्टों का गढ़ था। येनान के लोग अपने इलाके को लाल क्रांति की पवित्र भूमि कहते थे।
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने अब राष्ट्रपति के कार्यकाल पर लगी सीमा को हटाने का प्रस्ताव रखा है। यह एक ऐसा कदम है, जो मौजूदा नेता शी जिनपिंग को सत्ता में बनाए रखेगा। वह आज एक ऐसे चीन की अगुवाई कर रहे हैं, जो बड़ी तेजी से दुनिया की सुपरपावर के तौर पर उभर रहा है। बहरहाल, शी जिनपिंग की अपनी कहानी को काफी हद तक काट-छांटकर पेश किया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि जहां चीन के तमाम अंदरूनी इलाकों का तेजी से शहरीकरण हो रहा है, वहीं जिनपिंग के गांव को जस का तस रखा गया है। कम्युनिस्ट पार्टी के भक्तों के लिए वह एक तीर्थस्थल है।