डॉक्टरों की लापरवाही
‘मेडिकल नेग्लीजेन्स’ के लिए अलग-अलग देशों में अलग व्यवस्थाएं हैं। भारत में कॉरपोरेट दुनिया के लगभग सभी चिकित्सक सालाना 10-15 लाख से करोड़ रुपये तक का बीमा कराते हैं। मैंने भी करा रखा था।...
‘मेडिकल नेग्लीजेन्स’ के लिए अलग-अलग देशों में अलग व्यवस्थाएं हैं। भारत में कॉरपोरेट दुनिया के लगभग सभी चिकित्सक सालाना 10-15 लाख से करोड़ रुपये तक का बीमा कराते हैं। मैंने भी करा रखा था। अमेरिका व निजी स्वास्थ्य व्यवस्था वाले अन्य देशों में भी है। मुझसे भी गलतियां हुई हैं, खासकर शुरुआती वर्षों में। अब भी होती हैं। इनके ग्रेड भी अलग-अलग हैं। कुछ में बस थोड़ी मायूसी होती है, कुछ ऐसी कि दिल में शूल बनकर बैठ जाती हैं, जो कभी नहीं निकलते। सोचता हूं कि मैंने क्या खाक पढ़ा, खाक सीखा, जो यह गलती कर बैठा। उसके बाद दो-तीन दिन घर-ऑफिस सब अवसादमय रहता है। फिर पूजा-पाठ करके सोचता हूं कि चलो, आगे गलती नहीं करूंगा, और फिर साल-दो साल बाद एक खास थकान भरे पल में ‘ब्लंडर’ हो जाता है। गलतियां हर तरह के डॉक्टर से होती हैं। जब नॉर्वे में गलती होती है, तो यहां सरकार जिम्मेदारी लेती है। वही भरपायी करती है। वह कहती है कि इस डॉक्टर को ‘ऑथराइजेशन’ या लाइसेंस हमने सभी मानकों पर खरा पाकर ही दिया था। और यह पहली गलती है। तीन ऐसी गलतियां होने पर हम लाइसेंस रद्द कर सकते हैं। पर वे गलतियां ऐसी हों, जो डॉक्टर के स्तर के ज्ञान व अनुभव के हिसाब से गलत हो, और उससे मृत्यु या समकक्ष हानि हुई हो।