बेटियों की जीत बड़ी
हाल ही में इंडोनेशिया में संपन्न 18वें एशियाई खेलों में 69 पदकों के साथ भारत आठवें स्थान पर रहा। पदकों की संख्या के हिसाब से एशियाई खेलों में यह भारत का अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। महिला...
हाल ही में इंडोनेशिया में संपन्न 18वें एशियाई खेलों में 69 पदकों के साथ भारत आठवें स्थान पर रहा। पदकों की संख्या के हिसाब से एशियाई खेलों में यह भारत का अभी तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। महिला खिलाड़ियों ने 31 पदक हासिल किए, जो कुल पदकों का 44 प्रतिशत है। जानकारों का मानना है कि महिला खिलाड़ियों द्वारा पदक हासिल करना पुरुष खिलाड़ियों के मुकाबले ज्यादा बड़ी उपलब्धि है। हमारे देश में सरकारी मशीनरी की अवहेलना तो एक ऐसी समस्या है, जिसका सामना सभी खिलाड़ियों को करना पड़ता है, पर लड़कियों के सामने इससे अलग भी कई तरह की चुनौतियां होती हैं। पहली चुनौती तो यही है कि हमारे समाज का बड़ा तबका आज भी उन्हें खिलाड़ी के रूप में आसानी से स्वीकार नहीं करता। उनके साथ सहयोग करना तो दूर, उनका मनोबल तोड़ा ही जाता है। कोई लड़की यदि अपने प्रयासों से आगे बढ़ती भी है, तो पहले उसे अपने परिवार-रिश्तेदारों की नकारात्मक सोच से लड़ना पड़ता है। पौष्टिक खाना, प्रशिक्षक की चुनौती तो अपनी जगह है ही, कई बार उन्हें लिंगभेदी और यौन शोषण वाली स्थितियों से दो-चार होना पड़ता है। इन सबके बावजूद महिलाओं ने एशियाई खेलों में जो उपलब्धि हासिल की है, उसने खेलों में और ज्यादा लड़कियों के आने का रास्ता तैयार किया है।