फोटो गैलरी

Hindi News ओपिनियन मेल बॉक्सभारत अपराध मुक्त बने

भारत अपराध मुक्त बने

    इस आम चुनाव में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत से जीत मिली और उन्हें सभी धर्मों-वर्गों से वोट मिला, उससे उनसे उम्मीदें भी काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। आने वाले समय...

भारत अपराध मुक्त बने
हिन्दुस्तानFri, 31 May 2019 12:05 AM
ऐप पर पढ़ें

 

 

इस आम चुनाव में जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रचंड बहुमत से जीत मिली और उन्हें सभी धर्मों-वर्गों से वोट मिला, उससे उनसे उम्मीदें भी काफी ज्यादा बढ़ गई हैं। आने वाले समय में देखना होगा कि मोदी सरकार किस प्रकार सभी लोगों को साथ लेकर आगे बढ़ती है। वैसे, जरूरी यह भी है कि जिस तरह से प्रधानमंत्री ने पूरे भारत को एक  सूत्र में जोड़ा, जनता भी उसे समझे और गोरक्षा के नाम पर बदमाशी करने वाले संगठनों पर लगाम लगाए। इतना ही नहीं, ऐसे समाज का निर्माण हो, जिसमें अपराध और अपराधियों की कोई जगह न हो। अपराध मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य हमें तय करना चाहिए। एक अच्छा नेतृत्व ही सुखी समाज का निर्माण कर सकता है।

वसीम राजा, दिल्ली


आर्थिक  मोर्चे की मुश्किलें

23 मई के  जनादेश ने फिर एक  बार मोदी सरकार को सत्ता का सिंहासन सौंपा है और प्रचंड बहुमत से एक  बार फिर भाजपा सत्ता के  गलियारों में लौटने में कामयाब रही है। लेकिन वापसी के बाद कई चुनौतियों से फौरन जूझना होगा, खासकर देश की जीडीपी को लेकर मोदी सरकार चिंतित जरूर होगी। पिछले दो वर्षों में भारत की जीडीपी गिरी है, इसलिए इस वर्ष विदेशी निवेश पर सरकार को खास ध्यान देना होगा, ताकि भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सके। रोजगार सृजन के प्रयास भी काफी जरूरी हैं, क्योंकि  जिस प्रकार मोदी सरकार के प्रति नौजवानों का रुझान है, उसे बनाए रखने के लिए सरकार को इस क्षेत्र पर खासा ध्यान देना ही होगा। कृषि क्षेत्र की बात करें, तो वहां भी कोई सकारात्मक कदम किसानों के हित में उठाना होगा। ऐसे में, साफ तौर पर कहा जा सकता है कि  ‘मोदी है तो मुमकिन है’ नारे को सार्थक बनाने की बड़ी जिम्मेदारी अब सरकार के कंधों पर है।

धीरज पाठक, चैनपुर, मेदिनीनगर


गरमी से हलकान

मई की शुरुआत से ही दिन में ऐसी तपिश महसूस होने लगी थी, जो बिल्कुल स्वस्थ इंसान की हालत खराब कर दे। अब तो ऐसा लगता है कि पारा अपने चरम पर पहुंच गया है। इस बढ़ती गरमी का सबसे बड़ा कारण है जैव विविधता में असंतुलन। तीव्र विकास की लालसा में हमने जैव विविधता को काफी नुकसान पहुंचाया है। चाहे भोजन हो, आवास हो या तीव्र औद्योगीकरण,  हम लगातार पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते जा रहे हैं। नतीजतन सूर्य की रोशनी दिनोंदिन गरम होती जा रही है। इसका असर इंसानों पर तो पड़ ही रहा है, पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों पर भी हो रहा है। गौरैया जैसी चिड़िया अब कहां दिखती है? उसकी आबादी बहुत ही कम रह गई है। इसलिए जैव विविधता को हुए नुकसान के बारे में हमें लोगों को जागरूक बनाना चाहिए और पशु-पक्षियों को गरमी से राहत दिलाने के लिए अपनी-अपनी छतों पर पानी और दाने की व्यवस्था करनी चाहिए। सतत और टिकाऊ विकास मौजूदा वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।

अमित कुमार
 डॉ भीम राव आंबेडकर कॉलेज


संसद में महिलाएं

इस बार लोकसभा चुनाव में महिलाओं की अच्छी भागीदारी देखने को मिली। इस कारण कई महिला प्रत्याशियों ने पुरुषों की अपेक्षा अच्छे अंतर से चुनाव जीता। जिस तरह से महिलाएं राजनीति के क्षेत्र में सक्रिय होती दिख रही हैं, उससे यह स्पष्ट जाहिर होता है कि आने वाले समय में ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक में महिलाओं की बड़ी भूमिका होगी। वे देश की राजनीतिक व्यवस्था की दिशा तय करने में अपना बहुमूल्य योगदान देंगी। समाज में कायम रूढ़िवादी परंपरा को खत्म करने के लिए महिलाओं का राजनीति में उतरना जरूरी भी है। उन्हें अपने ऊपर होने वाले अन्याय के विरुद्ध आवाज उठानी चाहिए। यह स्थिति देश को काफी आगे ले जाएगी।

आशिष करोतिया
 दिल्ली विश्वविद्यालय
 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें
अगला लेख पढ़ें