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कैसे बनेगा भारत स्वच्छ

कैसे बनेगा भारत स्वच्छ आज से लगभग चार वर्ष पहले हमने स्वच्छ भारत का जो सपना देखा था, वह अधर में लटका हुआ नजर आता है। देश भर में लाखों शौचालय बना तो दिए गए, लेकिन राजधानी दिल्ली में ही इस अभियान की...

कैसे बनेगा भारत स्वच्छ
हिन्दुस्तानSun, 07 Oct 2018 11:42 PM
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कैसे बनेगा भारत स्वच्छ
आज से लगभग चार वर्ष पहले हमने स्वच्छ भारत का जो सपना देखा था, वह अधर में लटका हुआ नजर आता है। देश भर में लाखों शौचालय बना तो दिए गए, लेकिन राजधानी दिल्ली में ही इस अभियान की किरकिरी हो रही है। यहां पर सितंबर माह में चलाया गया स्वच्छता पखवाड़ा भी गंदी राजनीति की भेंट चढ़ गया। नतीजतन, राजधानी दिल्ली आज कूडे़ के ढेर पर बैठी हुई है। स्कूलों, अस्पतालों और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। जाहिर तौर पर इससे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। दिल्ली के सफाई कर्मचारी आए दिन हड़ताल करते रहते हैं और सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भागती रहती है। स्वच्छता के नाम पर एक घिनौना खेल यहां खेला जा रहा है, और सभी पक्ष गेंद को एक-दूसरे के पाले में डालने की कोशिश करते हैं। साफ नीयत, सही विकास और अलग तरह की राजनीति की बात करने वाले अगर इसी तरह गंदा खेल खेलते रहे, तो फिर स्वच्छ भारत का सपना भला कैसे पूरा होगा? -हितेंद्र डेढ़ा, चिल्ला गांव, दिल्ली

राजनीति में दोस्ती-दुश्मनी
कहते हैं कि प्यार, जंग और राजनीति में सब कुछ जायज होता है। आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बसपा और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया। बसपा सुप्रीमो का कहना है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए उनके दिल में जगह है, पर कुछ स्थानीय वजहों से वह कांग्रेस के साथ चुनाव में नहीं उतर रहीं। इसलिए अभी से महागठबंधन के अस्तित्व को नकारना जल्दबाजी होगी। राजनीति में कभी भी कुछ हो सकता है और कोई भी किसी के पाले में जाकर हैरान कर सकता है। यह सबको पता है कि बिना गठबंधन के अलग-अलग चुनाव लड़ने में भाजपा को लाभ है। इसीलिए सभी अपना-अपना नुकसान आंककर ही कोई फैसला करेंगे। -वेद मामूरपुर, नरेला

कुशल बनें बेरोजगार
देश में पसरी गरीबी का बड़ा कारण बेरोजगारी है। यह देश की एक ऐसी समस्या है, जो शहरों और गांवों में समान रूप से मौजूद है। इसकी वजह भी साफ है। अपने यहां रोजगारोन्मुख शिक्षा का अभाव रहा है। फिर जनसंख्या में अतिशय वृद्धि और बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना के कारण कुटीर उद्योगों का ह्रास भी इसकी वजहों में शामिल हैं। ऐसे में, बेरोजगारी का समाधान सरकार की तरफ से ही होगा। उसे चाहिए कि हरेक योजना में रोजगार को विशेष तवज्जो दे। बेरोजगारी की समस्या जटिल जरूर है, पर इसका समाधान संभव है। जरूरत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा को बुनियाद बनाने की भी है। कुशल हाथ कुछ-न-कुछ रोजगार जरूर पा लेते हैं। इसलिए जरूरत है कि सभी अकुशल हाथों को कुशल व दक्ष बनाया जाए। -दिवाकर कुमार, मधुपुर

पर्यटन में रोजगार
अपने यहां घरेलू और विदेशी पर्यटक पर्यटन स्थलों का खूब लुत्फ उठाते हैं। मगर ये उन्हीं स्थलों पर जाते हैं, जिनके बारे में उन्हें इंटरनेट या किसी अन्य संचार के साधनों से पता चलता है। इसके अलावा भी कई ऐसे स्थल हैं, जिनका जिक्र इंटरनेट पर ज्यादा नहीं है। अगर केंद्र और राज्य सरकारें चाहें, तो उन स्थलों को विकसित करते पर्यटन को बढ़ावा दे सकती हैं। इसके लिए देश में जितने भी ऐतिहासिक और प्राचीन स्थान हैं या राजा-महाराजाओं के किले या कोई विरासत हैं, तो उन सबका खूब प्रचार-प्रसार होना चाहिए। इनके बारे में विदेशों के ही नहीं, देश के पर्यटक भी ज्यादा नहीं जानते। अगर सरकारें इन तमाम जगहों पर आने-जाने के लिए परिवहन के साधन ठीक कर दें, सड़कें बनाएं और रेल-लाइन बिछाएं, तो लोग इन जगहों पर भी जाने लगेंगे। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के कई विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे आखिरकार देश में बेरोजगारी दर कम होगी। -राजेश कुमार चौहान, जालंधर

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