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विकास में भी राजनीति

विकास में भी राजनीति सोमवार को बॉटनिकल गार्डन-कालकाजी मंदिर मैजेंटा मेट्रो लाइन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शामिल...

विकास में भी राजनीति
हिन्दुस्तानMon, 25 Dec 2017 09:16 PM
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विकास में भी राजनीति
सोमवार को बॉटनिकल गार्डन-कालकाजी मंदिर मैजेंटा मेट्रो लाइन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। मगर इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री को नहीं बुलाया गया, जबकि मेट्रो की यह लाइन दिल्ली जाती है और इसके निर्माण में दिल्ली की भी आर्थिक हिस्सेदारी है। अरविंद केजरीवाल के साथ यही भेदभाव बदरपुर से फरीदाबाद के बीच शुरू हुई मेट्रो सेवा के उद्घाटन समारोह में भी दिखा था। मेट्रो अधिकारियों के तर्क हैं कि यह परियोजना उत्तर प्रदेश सरकार की है। लेकिन सवाल यह है कि क्या इस परियोजना से दिल्ली नहीं जुड़ी है? क्या इसके निर्माण में दिल्ली सरकार की हिस्सेदारी नहीं है? अगर है, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री को बुलाया जाना चाहिए था। विकास कार्यों में राजनीति करना सही नहीं है। -प्रिया गोस्वामी, तेखंड, दिल्ली

कैशलेस लेन-देन
आजकल लोग जेब में ज्यादा नगदी नहीं रखते। वे एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड से ही लेन-देन करते हैं। मगर बैंकिंग के लगातार बदलते नियम, नगद निकालने के काम में एटीएम के इस्तेमाल की तय सीमा और छोटे-बड़े सभी दुकानों में कैशलेस लेन-देन के लिए भरोसेमंद तंत्र के अभाव ने परेशानी पैदा कर दी है। इसलिए सभी संस्थानों में स्वैप मशीन अनिवार्य रूप से लगी होनी चाहिए। यही व्यवस्था तमाम सरकारी संस्थानों के लिए भी होनी चाहिए। तभी कैशलेस भारत का सपना सच्चे अर्थों में पूरा हो सकेगा।- भूपेन्द्र गैरोला, श्रीनगर, उत्तराखंड

ढोंगी बाबाओं का जाल
फिर एक नया बाबा सुर्खियों में है, जिसके आध्यात्मिक विश्वविद्यालय से दिल्ली पुलिस ने कई लड़कियों को छुड़ाया है। इस बाबा ने भी खुद को ईश्वर का अवतार बताकर लड़कियों का यौन शोषण किया। क्या सचमुच हमारी शासन व्यवस्था इतनी संवेदनहीन हो गई है? 30 वर्षों से बाबा की यह घिनौनी करतूत चल रही थी। यह सब बिना किसी बाहरी साठ-गांठ से संभव नहीं। इसी तरह, सवाल यह भी है कि आखिर कब तक हमारी बेटियां ऐसे लोगों का शिकार बनती रहेंगी? उन्हें मुक्ति कब मिलेगी? क्या यह हम सबकी जिम्मेदारी नहीं है? धर्म की गलत व्याख्या करके अपना हित साधने वाले लोगों को सख्त सजा मिलनी चाहिए, तभी माहौल बदलेगा।-अजय कुमार पटेल, रांची

अनुकरणीय योग प्रेम
ब्रिटेन के राजघराने की भावी बहू मेगन मार्कल के योग प्रेम की चर्चाएं हम भारतीयों को भी सोचने को मजबूर करती हैं। मार्कल नियमित रूप से योग करती हैं और योग को शारीरिक मजबूती बढ़ाने वाला माध्यम बताती हैं। दरअसल, योग परंपराएं हमारे प्राचीन ऋषि-मुनियों ने स्थापित की हैं। ऐसे में, हमें यह तो कहना ही चाहिए कि योग हमारे रक्त में है, और हमें इसे खुले दिल से अपनाना चाहिए। मगर खेद की बात है कि आज भी गिने-चुने भारतीय ही नियमित रूप से योग करते हैं। वास्तव में, योग एक सुव्यवस्थित वैज्ञानिक जीवन-शैली है, जिससे हम अपने शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर करते हैं। इसीलिए जरूरी है कि हम इसकी महत्ता को समझें, स्वयं अपनाएं और दुनिया को भी इसके बारे में बतलाएं।-दिनेश चन्द्र शर्मा, रामपुर, उत्तर प्रदेश

अटल हैं लाजवाब
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अब अपने जन्मदिन पर ही याद किए जाते हैं। लेकिन इससे उनका कद कतई कम नहीं हो सकता। एक हिंदुवादी संगठन में होने के बाद भी उदार हिंदू नेता की उन्होंने अपनी जो छवि बनाई, उसके आस-पास आज का कोई सेक्युलर नेता भी नहीं पहुंचता दिख रहा। इसीलिए उनके मुरीद भाजपाई तो हैं ही, विपक्षी दलों के समर्थक भी हैं। ऐसे लाजवाब नेता को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं। -सुंदर चौहान, वैशाली, गाजियाबाद

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