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सकारात्मक बदलाव

पिछले साल केंद्र सरकार ने वर्षों से जम्मू-कश्मीर को मिल रहे विशेष दर्जे को खत्म करते हुए अनुच्छेद-370 और 35-ए को निरस्त कर दिया। इन विशेष अनुच्छेदों के हटने के बाद पहली बार राज्य में जिला विकास परिषद...

सकारात्मक बदलाव
हिन्दुस्तान Tue, 01 Dec 2020 10:52 PM
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पिछले साल केंद्र सरकार ने वर्षों से जम्मू-कश्मीर को मिल रहे विशेष दर्जे को खत्म करते हुए अनुच्छेद-370 और 35-ए को निरस्त कर दिया। इन विशेष अनुच्छेदों के हटने के बाद पहली बार राज्य में जिला विकास परिषद के चुनाव हो रहे हैं। ये चुनाव आठ चरणों में कराए जा रहे हैं और नतीजे 22 दिसंबर को घोषित होंगे। पहले चरण के मतदान में मतदाताओं ने बडे़ उत्साह व उल्लास के साथ भाग लिया, जिसके कारण मतदान प्रतिशत 51 फीसदी से ज्यादा रहा। जिला विकास परिषद के चुनाव में आम लोगों का यूं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना प्रमाणित करता है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्य की गहरी आस्था है। इस चुनाव में भारी संख्या में लोगों ने भाग लेकर केंद्र सरकार के पिछले वर्ष के कदम को सही बताया। हालांकि, राज्य के कुछ नेता इन अनुच्छेदों के हटाए जाने का अब भी विरोध कर रहे हैं। मगर आम लोग उन्हें भाव देने के मूड में नहीं दिख रहे।
विश्वनाथ बैठा, वैशाली, बिहार

निकाय चुनाव में भाजपा
भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी द्वारा हैदराबाद नगर निगम चुनाव को इतनी अहमियत दिए जाने के खास मायने हैं। दरअसल, इसमें चार जिले हैं। इनमें विधानसभा की 24 सीटें हैं, जबकि लोकसभा की पांच सीटें हैं। यही वजह है कि वहां चुनाव प्रचार में पार्टी के तमाम दिग्गज उतारे गए। सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे चुनावों में कांग्रेस की कमजोर उपस्थिति विचलित करने वाली है, क्योंकि देश में तमाम क्षत्रपों के उदय की वजह इसी पार्टी की रीति-नीति रही है। असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम जैसी पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दलों के अपने-अपने नजरिए होते हैं। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में उनका योगदान भला कितना होता है? ऐसे में, कांग्रेस की वर्तमान हालत पर चिंता ही की जा सकती है।
मुकेश कुमार मनन, पटना

नापाक हरकत
पाकिस्तान आए दिन संघर्ष-विराम का उल्लंघन कर रहा है और भारत में आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिशों में जुटा है। पाकिस्तान कई वर्षों से आतंकवादियों का गढ़ बना हुआ है, जिसके कारण उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे सूची में भी डाला गया है। फिर भी, वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण कुछ शर्तों को वह पूरा करता है, पर सिर्फ दिखावे के लिए। इस कारण वह अब मानवता पर भी धब्बा बन गया है। ऐसे में, तमाम देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को पाकिस्तान के खिलाफ एकजुटता दिखानी चाहिए और उस पर ऐसा दबाव बनाना चाहिए कि वह चाहकर भी आतंकी संगठनों को खाद-पानी न दे सके। जब तक उसके अस्तित्व पर कड़ा वार नहीं किया जाएगा, वह शांतिप्रिय देशों के लिए खतरा बना रहेगा।
निहाल सिंह, जमशेदपुर, झारखंड

उचित कदम
बहुसंख्यकों की मांग और समस्या की गंभीरता को समझते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया है, जिसे ‘लव जेहाद’ के खिलाफ कानून बताया जा रहा है, हालांकि ये शब्द अध्यादेश में शामिल नहीं हैं। फिर भी, इसे उसी नजरिए से देखा जा रहा है। इस बीच अन्य राज्य भी ऐसा अध्यादेश लाने की बात कह रहे हैं। इन प्रयासों के बीच कुछ बुद्धिजीवियों का कहना है कि ऐसी कोई पहल संविधान के विरुद्ध है। यदि इस दृष्टि से देखें, तो भारतीय संविधान में ऐसे कई अनुच्छेद हैं, जिनमें एक-दूसरे के विपरीत उपबंध हैं, किंतु सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए इन्हें स्वीकार किया गया है। लव जेहाद को लेकर गैर-मुस्लिमों में पनपे भय को दूर करने के लिए ही ऐसे कानून बनाए जा रहे हैं, इसलिए ये कानून मुस्लिमों के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि इनसे हिंदू-मुस्लिमों का आपसी संशय दूर होगा।
युवराज पल्लव, मेरठ
 

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