एनडीए के पावर स्टार बन पाएंगे पवन सिंह? भाजपा का मिशन मगध और शाहाबाद शुरू
संक्षेप: लोकसभा और पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में मगध और शाहाबाद हारे एनडीए में अपनी जमीन मजबूत करने के लिए भाजपा ने विशेष ऑपरेशन शुरू कर दिया है। भोजपुरी स्टार पवन सिंह की भाजपा में वापसी इसी रणनीति का हिस्सा है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मिशन मगध और शाहाबाद शुरू हो गया है। इसकी पहली बानगी भोजपुरी स्टार पवन सिंह की भाजपा में वापसी से दिखी। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बिहार चुनाव का प्रभारी बनते ही उन्होंने दक्षिण बिहार के मगध और शाहाबाद क्षेत्र में भाजपा और एनडीए को मजबूत करने पर काम शुरू कर दिया। इन दोनों क्षेत्रों में एनडीए को लोकसभा चुनाव 2024 और पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था।
धर्मेंद्र प्रधान 25 सितंबर को बिहार चुनाव के प्रभारी बने और अगले दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे। बेतिया में सभा कर शाह के पटना लौटने के पहले धर्मेन्द्र प्रधान बिहार भाजपा के दफ्तर पहुंच चुके थे। फिर दोनों नेताओं ने बिहार के 40 कोर नेताओं के साथ मंथन किया।
इसके साथ ही कमजोर कड़ियों को मजबूत बनाने का अभियान प्रधान ने शुरू कर दिया। धर्मेन्द्र प्रधान ने ऋतुराज सिन्हा को मगध और शाहाबाद की कमियां दुरुस्त करने की जिम्मेदारी दी। वे इस मुहिम में लगे और दो दिन बाद ही पवन सिंह की वापसी कराई गई। पवन अब भाजपा के लिए काम करेंगे।
दो बड़े चुनावों में एनडीए मगध और शाहाबाद हारा
लोकसभा चुनाव में मगध की दो और शाहाबाद की सभी चार सीटों पर एनडीए हारी। पवन काराकाट से निर्दलीय उतरे और एनडीए के उपेंद्र कुशवाहा की हार की वजह बने। सासाराम, आरा और बक्सर में भाजपा के प्रत्याशी हारे। पवन के चुनाव लड़ने का व्यापक असर। विधानसभा चुनाव 2020 में मगध की 26 में में से महज 6 सीटें, जबकि शाहाबाद की 22 में से सिर्फ 5 सीटें एनडीए को मिली थीं।
एनडीए के पावर स्टार बन पाएंगे पवन सिंह?
अब बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पवन सिंह की भाजपा में वापसी हो गई है। बीजेपी में एंट्री से ठीक पहले बिहार भाजपा के प्रभारी विनोद तावड़े और पार्टी नेता ऋतुराज सिन्हा ने दिल्ली में पवन सिंह की उपेंद्र कुशवाहा से सुलह भी करवा दी। कयास लगाए जा रहे हैं आरा विधानसभा सीट से पवन सिंह बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतर सकते हैं।
वहीं, पवन सिंह के भाजपा में वापसी से लोकसभा चुनाव में वोटों के बिखराव से एनडीए को मगध एवं शाहाबाद में जो नुकसान हुआ था, उसकी भरपाई की उम्मीद सत्ताधारी गठबंधन को है। हालांकि, भोजपुरी एक्टर एवं सिंगर आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के पावर स्टार बन पाएंगे या नहीं, यह तो रिजल्ट के बाद ही साफ होगा।
(पटना से हिन्दुस्तान ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर)





