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सिर्फ एक क्लिक करने में भी लापरवाही, बिहार के 400 सीओ को क्यों मिला नोटिस

ऑनलाइन दस्तावेज जारी करने वाली इस योजना में सीओ समेत संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदनों को रद्द करने का अधिकार नहीं होता है। इस कारण इनके पास ये सभी आवेदन लंबित दिख रहे हैं। पदाधिकारियों को नियमानुसार, दो से तीन दिन में इन्हें जारी कर देना होता है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाTue, 13 Aug 2024 11:49 PM
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं करने वाले सीओ समेत संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जमीन से संबंधित दस्तावेज और अभिलेख की ऑनलाइन कॉपी मुहैया कराने को लेकर डिजिटल हस्ताक्षर करने में लापरवाही बतरने वाले 400 सीओ और 37 जिलों के जिला अभिलेखागार पदाधिकारी को विभाग ने शोकॉज किया गया है। इन्हें 15 दिनों में इसका कारण बताने का निर्देश दिया गया है।

हाल ही विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सचिव जय सिंह के स्तर से इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है। गौर हो कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज या अभिलेखों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन मुहैया कराने की योजना शुरू कर रखी है। दस्तावेजों की श्रेणी के आधार पर जिला अभिलेखागार पदाधिकारी और सीओ (अंचलाधिकारी) का डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य है, तभी यह दस्तावेज वैध माना जाता है। मगर इसमें लापरवाही बरतने के मामले उजागर हुए हैं।

विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि जमीन दस्तावेजों की ऑनलाइन कॉपी जारी करने से संबंधित अब तक 14 हजार 495 आवेदन आए हैं। इनमें 4 हजार 888 आवेदन डिजिटल हस्ताक्षर करके सीओ और संबंधित जिला अभिलेखागार पदाधिकारी ने जारी किए। मगर 9 हजार 408 मामले ऐसे हैं, जो 90 दिनों यानी 3 महीने से अधिक समय से लंबित पड़े हैं। इसके मद्देनजर सभी संबंधित पदाधिकारियों से कारण पूछा गया है। ऑनलाइन दस्तावेज जारी करने वाली इस योजना में सीओ समेत संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदनों को रद्द करने का अधिकार नहीं होता है। इस कारण इनके पास ये सभी आवेदन लंबित दिख रहे हैं। पदाधिकारियों को नियमानुसार, दो से तीन दिन में इन्हें जारी कर देना होता है।

सिर्फ एक क्लिक करने में करते हैं लापरवाही

जिला अभिलेखागार पदाधिकारी और सीओ को विभागीय पोर्टल पर जमीन दस्तावेजों से जुड़े आवेदन ऑनलाइन प्राप्त होते हैं। इसके लिए संबंधित पदाधिकारियों को इस पर सिर्फ एक क्लिक करके अपना डिजिटल हस्ताक्षर दर्ज कराना होता है। इसके बाद संबंधित आवेदकों को इसकी प्रति ऑनलाइन भेज दी जाती है, जिसे वे डाउनलोड कर प्रिंट ले सकते हैं। इसमें भी पदाधिकारी लापरवाही बरतते हैं।

तीन अंचलों में ई-मापी में भी बरती गई लापरवाही

ई-मापी में लापरवाही बरतने वाले तीन सबसे फिसड्डी अंचलों के सीओ से भी शोकॉज किया गया है। इसमें पूर्णिया का रूपौली, कैमूर का मोहनियां और भागलपुर का गोपालपुर अंचल शामिल है। जिन कुछ अंचलों में स्थिति अधिक खराब नहीं है, उन्हें चेतावनी देते हुए सुधारने को कहा गया है। ई-मापी से संबंधित 26665 आवेदन रैयतों की तरफ से आए। इनमें 12 हजार की मापी हो गई। शेष मामलों में जमीन मापी की प्रक्रिया चल रही है। अभी 4 हजार आवेदन सीओ के स्तर पर लंबित पड़े हैं।

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