
अनंत सिंह क्यों जेल से भी कर सकते हैं खेल, भूमिहार बनाम यादव से भी क्या है फायदा?
संक्षेप: अनंत समर्थकों का कहना है कि यह मसला भूमिहार का नहीं है। इसलिए क्योंकि उनके साथ ही ओबीसी वर्ग के मणिकांत ठाकुर अरेस्ट हुए हैं और रंजीत राम नाम के दलित भी गिरफ्तार किए गए हैं। उनका कहना है कि अलग-अलग लोगों की गिरफ्तारी से नीतीश सरकार ने अगड़े बनाम पिछड़े के नैरेटिव को खत्म करने की कोशिश की है।
बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे हॉट सीट फिलहाल मोकामा है। यहां से जेडीयू के बाहुबली प्रत्याशी अनंत सिंह को दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में जेल जाना पड़ा है। इस प्रकरण ने एक तरफ जातीय ध्रुवीकरण को बढ़ा दिया है तो वहीं दूसरी तरफ अनंत सिंह के भविष्य पर भी चर्चाएं जोरों पर हैं। उनके विरोधियों का कहना है कि अनंत सिंह को बीच चुनाव में हुआ यह हत्याकांड भारी पड़ेगा। वहीं कुछ विश्लेषकों की राय अलग है। वे मानते हैं कि अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी अब चुनाव प्रचार के लिए मैदान में उतर गई हैं। ऐसी स्थिति में अनंत सिंह जेल के अंदर से भी काफी मजबूत हैं।

वजह यह कि पत्नी के चुनाव में उतरने से एक पीड़ित वाला संदेश जाएगा और जनता का समर्थन मिल सकता है। इसके अलावा भूमिहार बहुल इस सीट से उन्होंने बिरादरी का समर्थन मजबूती के साथ मिल सकता है, जो अब आरजेडी के सूरजभान सिंह के साथ नहीं जाना चाहेंगे। अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने मोकामा के चुनाव को अचानक बदल दिया है। अनंत सिंह के समर्थकों का कहना है कि यह उनके साथ एक साजिश है। दुलारचंद यादव मर्डर केस में उनका कोई रोल नहीं है। उनका कहना है कि हमें इसकी चिंता नहीं है क्योंकि नीलम देवी के कैंपेन में उतरने से विक्टिम कार्ड जैसी स्थिति होगी और उसका फायदा हमें मिलेगा।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि अनंत सिंह दो बार जेल से ही चुनाव जीत चुके हैं। उनके समर्थकों का कहना है कि ऐसा अब तीसरी बार हो जाएगा। वहीं आरजेडी को लगता है कि मोकामा की राजनीति का असर पूरे राज्य में दिख सकता है। आरजेडी के लोग इसे यादव बनाम भूमिहार की लड़ाई और खासतौर पर पिछड़ा बनाम अगड़ा करने की कोशिश में हैं। इस पर भी कुछ विश्लेषकों का कहना है कि यादव बनाम भूमिहार वाले नैरेटिव से आरजेडी को फायदा होना मुश्किल है। वजह यह कि यादव के नाम पर भाजपा और जेडीयू की ओर से जंगलराज की याद दिलाई जा सकती है। ऐसे में यह देखना होगा कि मोकामा की राजनीति क्या करवट लेती है।
अनंत समर्थक क्यों कह रहे यह मसला भूमिहार VS यादव का नहीं
अनंत समर्थकों का कहना है कि यह मसला भूमिहार का ही नहीं है। इसलिए क्योंकि उनके साथ ही ओबीसी वर्ग के मणिकांत ठाकुर अरेस्ट हुए हैं और रंजीत राम नाम के दलित भी गिरफ्तार किए गए हैं। उनका कहना है कि अलग-अलग लोगों की गिरफ्तारी से नीतीश सरकार ने अगड़े बनाम पिछड़े के नैरेटिव को खत्म करने की कोशिश की है।





