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पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश से वकील क्यों नाराज, अदालत के बहिष्कार का फैसला

पटना हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश से वकील क्यों नाराज, अदालत के बहिष्कार का फैसला

संक्षेप: समिति का यह भी कहना है कि 10 सितंबर को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बजंथरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार सिन्हा की पीठ ने सुनवाई के दौरान आदेश पर सवाल उठाते हुए थाना प्रभारी की व्यक्तिगत उपस्थिति का निर्देश हटा दिया। इस पर अधिवक्ताओं में नाराजगी फैल गई।

Thu, 18 Sep 2025 06:42 AMNishant Nandan भाषा, पटना
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पटना उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं ने दो वकीलों पर हुए कथित हमले को लेकर उचित कार्रवाई नहीं किये जाने के विरोध में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पी. बी. बजंथरी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। उच्च न्यायालय अधिवक्ता संघ सहित वकीलों के विभिन्न संगठनों की समन्वय समिति ने मंगलवार को यह फैसला किया।

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समन्वय समिति के अनुसार यह कदम तब उठाया गया जब अधिवक्ता अंशुल आर्यन और उनकी पत्नी मनोग्या सिंह के साथ एक निजी स्कूल के कर्मचारियों द्वारा अदालत जाते समय कथित तौर पर मारपीट की गई। समिति के मुताबिक, मनोग्या के साथ गाली-गलौज और अशोभनीय हरकतें की गईं, जबकि अंशुल को चोटें आई हैं।

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समिति का कहना है कि इस घटना को ‘क्रिमिनल मोशन’ संबंधी पीठ के संज्ञान में लाया गया था, जिसने नौ सितंबर को रुपसपुर थाना प्रभारी की व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश दिया था, जबकि बाद में कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की अनुमति से रजिस्ट्री को स्वतः संज्ञान लेकर आपराधिक रिट याचिका दर्ज करने को कहा गया।

समिति का यह भी कहना है कि 10 सितंबर को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बजंथरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार सिन्हा की पीठ ने सुनवाई के दौरान आदेश पर सवाल उठाते हुए थाना प्रभारी की व्यक्तिगत उपस्थिति का निर्देश हटा दिया। इस पर अधिवक्ताओं में नाराजगी फैल गई। बार प्रतिनिधियों का कहना है कि एक समन्वित पीठ दूसरी पीठ के आदेश में दखल नहीं दे सकती। उनका आरोप है कि अदालत वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटका रही है और मामले को कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

समन्वय समिति के मुताबिक, 17 सितंबर की सुनवाई में अदालत ने दो रिट याचिकाओं पर अगली तारीख तय कर दी। इसके बाद समिति के नेताओं ने घोषणा की कि वे 18 सितंबर से कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश की अदालत का बहिष्कार करेंगे। समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया, “अधिवक्ताओं पर हमले के असली मुद्दे पर अदालत संवेदनशील नहीं दिखी और मामले को लंबा खींचने का प्रयास किया जा रहा है।”

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Nishant Nandan

लेखक के बारे में

Nishant Nandan
एक दशक से पत्रकारिता के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे निशांत नंदन डिजिटल पत्रकारिता में आने से पहले इलेक्ट्रॉनिक/प्रसारण मीडिया में लंबे समय तक काम कर चुके हैं। निशांत ने अपने करियर की शुरुआत ETV बिहार से की थी। इसके बाद वो मौर्य न्यूज, आर्यन न्यूज, न्यूज वर्ल्ड इंडिया जैसे संस्थानों में अलग-अलग भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। साल 2018 में इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के साथ डिजिटल पत्रकारिता का सफर शुरू करने के बाद निशांत साल 2021 में लाइव हिन्दुस्तान से जुड़े। निशांत मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैं। आरा में शुरुआती शिक्षा के बाद इन्होंने नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। और पढ़ें
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