गोपाल खेमका के खानदान को कौन खत्म करना चाहता है, पुलिस की ताबड़तोड़ रेड पर कातिल अब भी फरार
दरअसल खेमका परिवार में छह साल के बाद फिर मातम पसरने के बाद यह सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर खेमका परिवार पर किसकी काली नजर है? आखिर कौन एक-एक कर इस परिवार के सदस्यों की हत्या कर रहा है।?परिवार की किसी से भी दुश्मनी नहीं है। न ही विवाद से नाता रहा है।

बिहार के जाने-माने कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या से सनसनी है। पुलिस इस मामले में सुराग तलाशने के लिए ताबड़तोड़ छापेमारी और कार्रवाई तो कर रही है लेकिन कातिल अब भी फरार है। सवाल यह है कि आखिर गोपाल खेमका के परिवार को कौन खत्म करना चाहता है? दरअसल खेमका परिवार में छह साल के बाद फिर मातम पसरने के बाद यह सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर खेमका परिवार पर किसकी काली नजर है? आखिर कौन एक-एक कर इस परिवार के सदस्यों की हत्या कर रहा है।?परिवार की किसी से भी दुश्मनी नहीं है। न ही विवाद से नाता रहा है।
इसके बावजूद हर कुछ वर्षों बाद परिवार के एक सदस्य की हत्या कर दी जा रही है। साल 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या हाजीपुर में कर दी गई थी। इससे पहले उनके छोटे बेटे डॉ. गौरव खेमका पर कदमकुआं थानांतर्गत उनके अस्पताल के समीप गोलियों से हमला किया गया। उस दौरान उनकी जान बाल-बाल बची थी। गोपाल खेमका के बड़े भाई विजय खेमका पर 1999 में जानलेवा हमला हुआ था।
गोपाल खेमका के परिवार में दहशत
‘पहले जवान पोता फिर बेटा चला गया। मेरा परिवार उजड़ गया। इस उम्र में आंखों के सामने यह देखना पड़ रहा है। मारवाड़ी भाइयों की सुरक्षा के लिए कुछ किया जाए, हमारा उद्धार कीजिए’। यह चीत्कार गोपाल खेमका की मां की थी। साढ़े छह साल पहले बेटे की हत्या और फिर उसी अंदाज में पिता की हत्या से परिवार में डर और दहशत का माहौल है।
गोपाल खेमका के बेटे-बहू पिता और ससुर को खोने के बाद सदमे में थे, तो उनकी पत्नी किसी से कुछ भी बात करने से इनकार कर रही थीं। गोपाल खेमका के भाई शंकर खेमका ने कहा कि कभी अपने भाई से किसी से रंजिश के बारे में नहीं सुना। हालांकि उन्होंने बेटे की हत्या में जमीन के मामले का जिक्र किया।
ऐसे ही हुई थी गोपाल खेमका के बेटे की हत्या
इसे साजिश कहेंगे या संयोग कि गोपाल खेमका और उनके बेटे गुंजन खेमका की हत्या एक ही तरीके से की गई। 20 दिसंबर 2018 को दोपहर करीब 11:30 बजे हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में फैक्ट्री के गेट के बाहर बाइक लगाकर बैठा अपराधी बेटे के आने का इंतजार कर रहा था। उनके पहुंचते ही उसने गोली मार दी। शुक्रवार की रात भी पहले से गेट पर इंतजार कर रहे अपराधी ने रात 11:40 बजे गोपाल खेमका को गोली मार दी। से में बड़ा सवाल है कि एक ही परिवार के दो लोगों की हत्या के पीछे कोई गहरी साजिश है?
बेउर जल में रेड
गोपाल खेमका को भुगतान के आधार पर सुरक्षा प्रदान की गई थी। अप्रैल 2024 में इसे वापस ले लिया गया और उसके बाद उन्होंने कभी सुरक्षा की मांग नहीं की। इस वारदात के बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे को सुरक्षा प्रदान की है। पुलिस ने पटना की बेउर जेल में तलाशी ली और घटना के सिलसिले में कुछ कैदियों से कथित रूप से पूछताछ की।
शनिवार शाम को पटना पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘तलाशी के दौरान पुलिस ने तीन मोबाइल फोन (सिम कार्ड के साथ), एक डेटा केबल और एक कागज का टुकड़ा बरामद किया, जिस पर कई मोबाइल नंबर लिखे हुए थे।’’
पुलिस की फजीहत, कातिल अब भी फरार
गोपाल मर्डर केस में पुलिस की भी भारी फजीहत हो रही है। गोपाल खेमका के परिजनों में पहले से ही इस बात को लेकर रोष है कि पुलिस घटनास्थल पर भी काफी देर से पहुंची थी। अब इस सनसनीखेज वारदात के कई घंटे गुजर जाने के बाद भी कातिल के नहीं पकड़े जाने से पुलिसिया कार्रवाई सवालों के कटघरे में हैं। हैरानी की बात है कि एक स्कूटी से आकर अपराधी ने बड़े कारोबारी को उनके कार में गोलियों से भून दिया। फिर यह अपराधी स्कूटी लेकर पटना के रास्ते हाजीपुर तक पहुंच गया लेकिन पुलिस ना तो उसे रास्ते में पकड़ सकी और ना ही यह पता लगा सकी है कि हाजीपुर जाने के बाद आखिर कातिल गया कहां?