भूमिहार पर किया वार तो BJP-JDU ही करने लगी प्रहार, अब सफाई देने में जुटे अशोक चौधरी
- आपको बता दें कि अशोक चौधरी की बेची शांभवी समस्तीपुर से सांसद हैं, जिनकी शादी आईपीएस अधिकारी से धार्मिक नेता बने आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल से हुई है। कुणाल परिवार भूमिहार जाति से संबंध रखता है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी इन दिनों विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में एक सीट पर जनता दल यूनाईटेड (JDU) की हार के लिए भूमिहार जाति को जिम्मेदार ठहराया था। उनके इस बयान पर इस कदर विवाद खड़ा हुआ कि उनकी अपनी पार्टी भी उनका साथ नहीं दे रही है। वहीं, भाजपा की तरफ से नसीहत के अलावा कुछ हासिल नहीं हुआ है। इस पूरे विवाद का पटना सियासी गलियारा तरह-तरह की चर्चाओं से पटा हुआ है।
अशोक चौधरी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘‘सिर्फ इसलिए कि हमने एक अत्यंत पिछड़ी जाति से उम्मीदवार खड़ा किया, भूमिहारों ने जेडीयू उम्मीदवार का समर्थन नहीं किया।'' यह टिप्पणी पूर्व सांसद चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के संदर्भ में थी, जो चुनाव में अपनी सीट बचाने में असफल रहे और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार से एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गए।
इस टिप्पणी की जेडीयू की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मुख्य विपक्षी पार्टी राजद ने भी आलोचना की। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा, ‘‘भूमिहार सिर्फ एक जाति नहीं है। वे एक ऐसी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं जो जमीन से जुड़ी हुई है। समाज का कोई भी शुभचिंतक इस समुदाय के बारे में प्रतिकूल टिप्पणी नहीं करेगा।’’
कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने कहा, ‘‘अशोक चौधरी, जो कुछ साल पहले तक हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्हें इस तरह का विभाजनकारी बयान देने के लिए शर्म आनी चाहिए। यह जेडीयू की संस्कृति का भी प्रतिबिंब है, जो बिहार में सत्ता में है और केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार में साझेदार है।’’
वहीं, विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि ‘‘नीतीश कुमार का यह स्वभाव है कि वे उन लोगों पर अपना गुस्सा निकालते हैं, जो उन्हें लगता है कि जेडीयू के समर्थन में नहीं हैं। एक मंत्री भूमिहारों पर हमला बोल रहे हैं। इससे पहले एक सांसद ने कुशवाहा, मुस्लिम और यादवों के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।’’ उनका इशारा कुछ महीने पहले सीतामढ़ी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले देवेश चंद्र ठाकुर की टिप्पणी से छिड़े विवाद की ओर था।
इस बीच विधान पार्षद और जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार, जो खुद भूमिहार जाति से हैं, ने अशोक चौधरी को याद दिलाया कि उन्होंने जेडीयू के गठन में कोई भूमिका नहीं निभाई है। एक अन्य वरिष्ठ मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि इस टिप्पणी को निजी हैसियत से की गई टिप्पणी के तौर पर लेना चाहिए और इस बात पर जोर दिया कि ‘‘नीतीश कुमार जाति के आधार पर बिना किसी से भेदभाव किए सभी का ख्याल रखते हैं।’’
चौधरी ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा, ‘‘मैंने अपना क्षोभ व्यक्त किया कि अपनी जाति का उम्मीदवार नहीं होने के कारण जेडीयू के भीतर कुछ लोगों ने पार्टी के लिए काम नहीं किया।’’ उन्होंने अपनी बेटी शांभवी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं भूमिहारों के बारे में बुरा कैसे बोल सकता हूं? मेरा दामाद उसी जाति से है।’’
आपको बता दें कि शांभवी समस्तीपुर से सांसद हैं, जिनकी शादी आईपीएस अधिकारी से धार्मिक नेता बने आचार्य किशोर कुणाल के बेटे सायन कुणाल से हुई है।
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