बिहार चुनाव से पहले वोटरों को राहत, मतदाता सूची पुनरीक्षण में बिना दस्तावेज के जमा करा सकेंगे गणना फॉर्म
गणना फॉर्म प्राप्त कर बीएलओ तत्काल उसे ऑनलाइन अपलोड कराएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के 2003 के मतदाता सूची में अंकित कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं में 4.96 करोड़ को पहले से ही कोई भी दस्तावेज देने की बाध्यता नहीं है।

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बिना दस्तावेज के भी गणना फॉर्म जमा हो सकेगा। ऐसा करने वाले मतदाताओं का नाम भी मतदाता सूची के प्रारूप (ड्रॉफ्ट रोल) में शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि, सत्यापन के दौरान जरूरी दस्तावेज बीएलओ के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा। 26 जुलाई तक ऑनलाइन या ऑफलाइन ये गणना फॉर्म हर हाल में मतदाताओं को भरकर जमा करना होगा। चुनाव आयोग ने अपने इस ताजा फैसले से मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं को बड़ी राहत दी है।
शनिवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने कहा कि मतदाता तत्काल केवल गणना फॉर्म ही भरकर बीएलओ के पास जमा करा दें, उनका नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा । 2003 के बाद मतदाता बनने वाले गणना फॉर्म को सही-सही भरकर, अपनी तस्वीर चिपका कर और अपना हस्ताक्षर कर बीएलओ के पास तय समय में जमा करवा दें।
गणना फॉर्म प्राप्त कर बीएलओ तत्काल उसे ऑनलाइन अपलोड कराएंगे। उन्होंने बताया कि राज्य के 2003 के मतदाता सूची में अंकित कुल 7.90 करोड़ मतदाताओं में 4.96 करोड़ को पहले से ही कोई भी दस्तावेज देने की बाध्यता नहीं है। शेष करीब तीन करोड़ मतदाताओं से ही दावा-आपत्ति के दौरान विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाकर दस्तावेज लेने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।