
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का बिहार में लीची डिजाइन के इडली से स्वागत, मुजफ्फरपुर में करेंगे पूजा
संक्षेप: उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर ज्ञानदीप प्रांगण में से बच्चे तैयारी में जुटे हैं। पर्यावरणविद् सुरेश गुप्ता ने बताया कि लीची मुकुट, लीची आर्ट पेंटिंग्स, डिवाइन लीची आर्ट, लीची बुके व लीची डिजाइन से सजी इडली-चटनी से उपराष्ट्रपति का स्वागत होगा।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आज बिहार आएंगे। उपराराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन मुजफ्फरपुर आएंगे। रविवार को उनके आगमन के लिए कटरा स्थित चामुंडा मंदिर से लेकर हेलीपैड स्थल तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उपराष्ट्रपति करीब एक बजे यहां पहुंचेंगे। फिर करीब दो किलोमीटर सड़क मार्ग से चामुंडा मंदिर पहुच कर पूजा-अर्चना करेंगे। उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर शनिवार को लेकर डीएम सुब्रत कुमार सेन व एसएसपी सुशील कुमार तैयारी का जायजा लिया। डीएम ने न्यास परिषद के अध्यक्ष रघुनाथ चौधरी को मंदिर परिसर में उपराष्ट्रपति के आगमन पर किसी भक्त को कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखने का निर्देश दिया।
साथ ही पुलिस बल के साथ स्थानीय स्वयंसेवक को भी भीड़ से निपटने में सहयोग करने को कहा। कटरा थाना से पेट्रोल पंप तक खराब सड़क की मरम्मत एवं कालीकरण का काम किया गया। मंदिर परिसर से अवैध दुकान को हटाने, मंदिर परिसर के चारों तरफ ईंट सोलिंग का काम पूरा कर लिया गया। मुजफ्फपुर नगर निगम के करीब दो दर्जन कर्मी कटरा मंदिर के चारों तरफ साफ-सफाई में लगे रहे। मंदिर परिसर को सजाने संवारने का काम दिनभर चलता रहा।
सेना का हेलीकाप्टर उतार हेलीपैड की हुई जांच
डीएम सुब्रत कुमार ने हेलीपैड स्थल से लेकर मंदिर परिसर तक तैयारी का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि तीन हेलीपैड बनाए गए हैं। शनिवार को सेना के हेलीकॉप्टर ने तीनों हेलीपैड पर पूर्वाभ्यास किया, जो सफल रहा।
लीची डिजाइन से सजी इडली से होगा स्वागत
उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर ज्ञानदीप प्रांगण में से बच्चे तैयारी में जुटे हैं। पर्यावरणविद् सुरेश गुप्ता ने बताया कि लीची मुकुट, लीची आर्ट पेंटिंग्स, डिवाइन लीची आर्ट, लीची बुके व लीची डिजाइन से सजी इडली-चटनी से उपराष्ट्रपति का स्वागत होगा।
विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी। ये सभी कृतियां मुज़फ्फरपुर-लीचीपुरम की अनूठी पहचान और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगी। यह ज्ञानदीप के लिए उल्लास का विषय है कि नीतू तुलस्यान को वहां आमंत्रित किया गया है, ताकि वे बच्चों की बनाई इन लीची आर्ट कृतियों को उपराष्ट्रपति को उपहार स्वरूप भेंट कर सकें। इस विशेष अवसर पर ज्ञानदीप के बच्चे अपनी सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता का संदेश पूरे देश के सामने प्रस्तुत करेंगे।





