शिलापट्ट पर था नाम फिर भी CM की बैठक में नहीं आए मांझी, बोले- मांगें पूरी नहीं हुईं, मीडिया को क्या जवाब देता
गंगाजल योजना का आज भी सही उपयोग गया में नहीं हो पा रहा है। गंगाजल के नाम पर एक बहुत बड़ी राशि खर्च हुई। लेकिन उसका समुचित उपयोग नहीं है। मांझी ने कहा कि इस कार्यक्रम में अगर मीडिया बंधु प्रश्न करते तो मैं क्या जवाब देता। यही कारण है कि कार्यक्रम में शामिल नहीं होना ही अच्छा समझा।
गया में पाथ वे उद्घाटन और पितृपक्ष को लेकर मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक से गया के सांसद सह केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने किनारा कर लिया। जबकि सभी शिलापट्ट पर उनका नाम अंकित था। इस मसले पर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैंने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में पितृपक्ष मेला को राजकीय मेला घोषित किया था।
पितृपक्ष मेले की महत्ता को देखते हुए इसे अंतर्राष्ट्रीय मेला घोषित कराने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लगातार किया। लेकिन उसे आज तक पूरा नहीं किया जा सका। इसी तरह गया विष्णुपद शमशान घाट में पिछले पांच साल से 5 करोड से बना विद्युत शवदाहगृह बेकार पड़ा हुआ है। इसमें भी सुधार की मांग पूरी नहीं हुई।
गंगाजल योजना का आज भी सही उपयोग गया में नहीं हो पा रहा है। गंगाजल के नाम पर एक बहुत बड़ी राशि खर्च हुई। लेकिन उसका समुचित उपयोग नहीं है। रबर डैम की भी सही उपयोगिता नहीं है। मांझी ने कहा कि इस कार्यक्रम में अगर मीडिया बंधु प्रश्न करते तो मैं क्या जवाब देता। यही कारण है कि कार्यक्रम में शामिल नहीं होना ही अच्छा समझा।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गया के विकास के प्रति काफी दृढ़ संकल्पित है। उनसे जो भी प्रस्तावित मांग रख रहा हूं वह हमेशा पूरा कर रहे हैं। मांझी इससे पहले शुक्रवार को गया में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे। हालांकि इसके लिए उन्होंने शुभकामनाएं दी थीं।
बता दें कि शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे गया एयरपोर्ट उतरने के बाद सीएम पहले विष्णुपद मंदिर पहुंचे। पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने पाथ वे का उद्घाटन किया और पांच योजनाओं का शिलान्यास किया। पूजा के बाद देवघाट पहुंचकर उन्होंने फल्गु नदी में व्यवस्था का हाल देखा। यहीं से सीएम का काफिला बैटरी चलित गाड़ी से घुघड़ीटांड़ बाइपास पहुंचा।
यहां सीढ़ियों से चढ़कर सीएम बाइपास पुल आए। यहां से विष्णुपद मंदिर पहुंचने के रास्ते को देखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिए। इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ जल संसाधन व संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार, उद्योग एवं पर्यटन मंत्री नीतीश मिश्रा व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। पाथ वे का उद्घाटन करने के बाद सीएम गया कलेक्ट्रेट आए और पितृपक्ष मेला की तैयारी के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की। 17 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष में इसबार 15 लाख श्रद्धलुओं के आने की संभावना है।
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