सोन नदी क्यों उगलने लगी लाशें, सामने आई बड़ी लापरवाही; जांच के आदेश
इसके बाद भौंचके अधिकारियों ने जानकारी प्राप्त की। पता चला कि सदर अस्पताल सासाराम में इनका पोस्टमार्टम कराया गया था। दोनों शव अज्ञात थे। 72 घंटे बाद इनका निस्तारण होना था।
डालमियानगर थाना क्षेत्र में सोन नद पर बने डीएफसीसी रेल पुल के नीचे मंगलवार की सुबह प्लास्टिक में मोटे रस्सी से बंधे दो शव के मिलने से हड़कंप मच गया। दोनों शव एक साथ काले रंग की बड़े पॉलीथीन में बंधी थी। सूचना पर डेहरी नगर, डालमियानगर व आरपीएफ मौके पर पहुंची। मामले की गंभीरता को देखते हुए डेहरी एएसपी शुभांक मिश्रा भी मौके पर पहुंचे। जब प्लास्टिक खोला गया तो देखा कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम किया गया था।
इसके बाद भौंचके अधिकारियों ने जानकारी प्राप्त की। पता चला कि सदर अस्पताल सासाराम में इनका पोस्टमार्टम कराया गया था। दोनों शव अज्ञात थे। 72 घंटे बाद इनका निस्तारण होना था। 72 घंटे बीत जाने के बाद लापरवाही बरतते हुए दोनों शवों को निस्तारण के नाम पर प्लास्टिक में बांधकर सोन नदी में फेंका गया। सदर अस्पताल से पोस्टमार्टम कर्मी को बुलाया गया। उनके द्वारा दोनों शवों के पोस्टमार्टम की पुष्टि की गई।
विदित हो कि लोग शौच करने सोन नद की तरफ गए थे। किसी ने प्लास्टिक में बंधे दो शवों को देखा व इसकी सूचना 112 को दी। डीएफसीसी रेल पुल संख्या 87 के समीप पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने मजदूरों को बुलाया व एसएफएल टीम की उपस्थिति में वीडियो कैमरा के साथ शव को प्लास्टिक से बाहर निकला गया। जानकारी जुटाने के बाद एक शव सासाराम जीआरपी द्वारा भेजा गया था, जो अज्ञात का था। वहीं दूसरा शिवसागर थाना क्षेत्र में हुई दुर्घटना में मौत का था, जिसकी पहचान नहीं हो सकी थी।
एएसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि दो शव मिले हैं। दोनों प्लास्टिक में बंधी थी। खोलने पर पता चला कि दोनों का पोस्टमार्टम किया गया था। जानकारी मिली है कि सासाराम जीआरपी द्वारा लापरवाही की गई है। शव का अंतिम संस्कार कराया गया। इस संबंध में गया रेल डीएसपी अमरितेंदु शेखर ठाकुर ने कहा कि अज्ञात शव को नदी में फेंकना गंभीर मामला है। मानवीय संवेदना की दृष्टि से भी शर्मनाक है। मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई होगी।
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