Hindi Newsबिहार न्यूज़Terror of Jackal in Muzaffarpur Bihar fifty families not going out of home

मुजफ्फरपुर मेंआदमखोर सियार का टेरर, लीची अनुसंधान केंद्र पर गार्ड पर हमला; घर से नहीं निकल रहे 50 परिवार

मुजफ्फरपुर के शेरपुर पंचायत के हसनचक बंगरा वार्ड 8 के नहर किनारे बसे करीब 50 परिवार घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। दैनिक मजदूरी करने वाले लोग परिवार को अकेला छोड़कर बाजार जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की मदद से उन्हें राशन दिया जा रहा है।

मुजफ्फरपुर मेंआदमखोर सियार का टेरर, लीची अनुसंधान केंद्र पर गार्ड पर हमला; घर से नहीं निकल रहे 50 परिवार
Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSat, 14 Sep 2024 06:51 AM
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बिहार के मुजफ्फरपुर में खुखार सियार का आतंक जारी है। शहर से सटे कई गांवों में लोग रतजगा कर रहे हैं। इसके बाद भी सियार दर्जनों लोगों को काट चुका है। शुक्रवार की रात सियार ने मुजफ्फरपुर स्थित राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र के गार्ड अवधेश सिंह पर सियार ने हमला कर हाथ में काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। निदेशक डॉ विकास दास ने बताया कि गार्ड को तत्काल पीएचसी मुशहरी ले जाया गया। वहां रैबीज की सुई दी गई। हाथ में सूजन और दर्द की वजह से दोबारा पीएचसी भेजा गया है।

जिले के पारू निवासी अवधेश सिंह ने बताया कि सियार ने दाहिने हाथ में चार से पांच दांत आर-पार गड़ा दिया है। खून बंद नहीं हो रहा था। पीएचसी में मरहम-पट्टी के बाद खून बंद हुआ है। इधर, केंद्र में तैनात गार्डों ने बताया कि अनुसंधान केंद्र की चहारदीवारी में महिलाओं द्वारा घास काटने की नीयत से दीवार तोड़कर होल बना दिया गया है। कुछ दिन पहले होल को बंद करवाया गया था, फिर से तीन होल बना दिये गए हैं, जिस कारण कुत्ते सहित अब सियार भी भीतर घुसने लगे हैं।

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सियार के हमले के बाद अब शाम में रखवाली करना काफी खतरनाक हो गया है। केंद्र के भीतर आवासीय परिसरों से बाहर निकलने में यहां के वैज्ञानिक और कर्मी डर रहे हैं। बहरहाल सियार के केंद्र के भीतर होने की सूचना से यहां रह रहे डेढ़ सौ से अधिक वैज्ञानिक, कर्मी, गार्ड और उनके परिवार दहशत में हैं।

दहशत घरों से नहीं निकल रहे 50 से अधिक परिवार

मुजफ्फरपुर के शेरपुर पंचायत के हसनचक बंगरा वार्ड 8 के नहर किनारे बसे करीब 50 परिवार घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं। दैनिक मजदूरी करने वाले लोग परिवार को अकेला छोड़कर बाजार जाने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं। जनप्रतिनिधियों की मदद से उन्हें राशन दिया जा रहा है। वहीं, सियार के हमले से घायल लोगों की भी स्थिती बिगड़ने लगी है। आधा दर्जन से अधिक जख्मी के घाव से अब पस बहने लगा है। उन्हे इंफेक्शन का भी डर सता रहा है। वार्ड सदस्य मो. वसीम अख्तर शौकी ने बताया कि सबसे अधिक दहशत नहर किनारे बसे लोगों के बीच में है। 24 घंटे ग्रामीण पहरेदारी कर रहे हैं। वार्ड 8 में सियार तीन से पांच की संख्या में लगातार दिख रहे हैं। वहीं, एक दिन पूर्व चैनपुर वाजिद पंचायत में झुंड में सियार देखे गए। लोग रात को बांस लेकर दर्जनों की संख्या में खड़े रहते हैं। ग्रामीणो का कहना है कि वन विभाग माइकिंग और सियार पकड़ने के नाम पर महज खानापूर्ति कर रहा है।

10 दिनों से सियार का आतंक

स्थानीय लोगों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से घायलों का हाल जानने भी नहीं आता है। इधर, वन विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि सियार पकड़ने के लिए टीम लगातार काम कर रही है। पिंजरे में सियार के लिए खाना भी डाला जाता है। बताते चले कि तीन पंचायत के गांवों में 10 दिनों से सियार का आतंक है। छह बजे के बाद कई घरों के दरवाजे बंद हो जा रहे हैं। शाम के बाद लोग डर से बाहर नहीं निकलते हैं, जिनका घर झोपड़ीनुमा है, वे रातजगा करने को मजबूर हैं। अब तक सियार 20 से अधिक लोगों पर हमला कर चुके हैं।

स्कूली छात्र पर भी हमला

प्रखंड चौक के निकट तिरहुत नहर किनारे स्थित मध्य विद्यालय के तीसरी कक्षा के छात्र पर सियार ने बुधवार को हमला कर दिया, जिसमें वह बाल-बाल बच गया। छात्र गुरुवार को स्कूल नहीं गया। शुक्रवार को शिक्षिका डॉ. अपूर्वा उससे विद्यालय नहीं आने का कारण पूछा तो छात्र ने बताया कि बुधवार को सियार ने खदेड़ा था। उससे बचने के लिए वह भागा था, जिसमें उसकी एड़ी में चोट लग गई थी। गुरुवार को भी उसकी एड़ी में सूजन था।

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